बाबा साहब डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर को उनकी 129वीं जयन्ती पर दी श्रद्धांजलि।
परस राम भारती
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
जूम एप्प के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिभिन्न समाजिक संगठनों ने लिया हिस्सा।
तीर्थन घाटी गुशैनी(बंजार)। आज के दिन 14 अप्रैल 1891 को भारत की धरती पर दुनिया को ज्ञान और भारत को संविधान देने वाले महामानव भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जन्म लिया था। उनकी विलक्षण प्रतिभा और दूरदर्शी सोच ने इस देश और समाज के लिए बहुत से ऐसे महत्वपूर्ण एवं अतुलनीय कार्य किए हैं जिसके लिए उन्हें युग युगांतर तक याद किया जाता रहेगा। हालांकि आज पूरा विश्व कोरोना नाम की एक ऐसी माहमारी से लड़ रहा है जिसने भारत वर्ष के भी कई हिस्सों को
अपनी चपेट में ले लिया है और सभी इससे उभरने के लिए प्रयासरत है और साथ ही बाबा साहेब को भी याद कर उन्हें श्रद्धांजली दे रहें हैं। यह श्रद्धांजलि हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जातियों के विभिन्न संगठनों द्वारा ऑनलाइन जूम एप्प के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दी गई है।इस एप्प के माध्य्म से हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों के करीब 200 लोगों ने इकठ्ठे जुड़ के आपसी वार्तालाप और चर्चा परिचर्चा में हिस्सा लिया है। वैसे तो प्रतिवर्ष देश व प्रदेश के अलग अलग स्थानों में डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है लेकिन वर्तमान परिस्थितियों के मध्यनजर भीम ज्योत फाउंडेशन कुल्लू ने इस कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया है। क्योंकि
सरकार द्वारा भी कोरोना संकट के चलते समय-समय पर दिशा निर्देशों जारी किए जा रहे हैं जिनका पालन करना सभी का कर्तव्य बनता है। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भी कहा था कि कानून के दायरे में रहकर ही अपनी लड़ाई को लड़ना चाहिए।
डॉ. बी. आर.आम्बेडकर ने अपना पूरा जीवन इस देश के एक बहुत बड़े तबके जिन्हे दलित एवं अछूत कहा जाता था को सम्मानता का अधिकार दिलवाने के लिए और उन्हें समाज की मुख्य धारा मे लाने के लिए लगा दिया और साथ ही मजदूर वर्ग एवं महिलाओं के हकों की लड़ाई भी लड़ी जिसके लिए उन्होंने आगे चलकर उनको कई एहम कानूनी हक़ दिलवाने के लिए विभिन्न कानूनों को बनाने में एहम भूमिका निभाई थी।
इस ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न सामाजिक संगठनों जैसे भीम ज्योत फाउंडेशन कुल्लू, हिमाचल प्रदेश कोली समाज, हिमाचल प्रदेश रविदास समाज, बाल्मीकि संगठन और विश्वकर्मा समाज के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया है। इस कार्यक्रम में भीम ज्योत फाउंडेशन कुल्लू के चेयरमैन अमर चन्द शलाठ, हिमाचल कोली समाज के अध्यक्ष उत्तम चन्द कश्यप, महासचिव डीने राम आंनद, हरदयाल भारती, वी. डी. कुल्लुवी, सेस राम चौधरी आदि ने बतौर मुख्य बक्ता अपने अपने विचार रखे। इसके अलावा इस कॉन्फेंस में जोगिंद्र सिंह, निरत राम राखा, करतार कौशल, नन्दू राम आजाद, दयानंद कश्यप, मीर सुख आजाद, खीरा मणि, मदन लाल, चैत्र सिंह, डोले राम, केहर सिंह, उषा देवी, जीत राम, ललिता सैनी, श्याम रघुवंशी, कमलेश कोहली, शेर चन्द, राजेन्द्र पाल, भादर सिंह, संजीव चीता, मुकेश गिल, मोहर सिंह कश्यप, जीवन भारती, विद्याधर, संसार चन्द, पदम चन्द, तेजस्वी, कृष्णा देवी, राजेन्द्र पाल और विन्टू भारती आदि ने मुख्य रूप से ऑनलाइन अपनी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है।
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