भाजपा मे शामिल ग्वालियर चम्बल सम्भाग के कांग्रेसी विधायको और तख्ता पलट के बाद शिवराज सिंह चौहान की सरकार मे बने मंत्रियो का भविष्य खतरे मे बताता पोलिटिकल सर्वे
भाजपा मे शामिल ग्वालियर चम्बल सम्भाग के कांग्रेसी विधायको और तख्ता पलट के बाद शिवराज सिंह चौहान की सरकार मे बने मंत्रियो का भविष्य खतरे मे बताता पोलिटिकल सर्वे
एडिटोरियल डेस्क
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
दिल्ली।मध्य प्रदेश मे तख्ता पलट के बाद बनी सरकार और उसमे कांग्रेस के भगौड़े विधायको और अब नये बने मंत्रियो का उपचुनाव मे संकट गहराता दिख रहा है। दिल्ली की एक राजनीतिक सर्वे कंपनी ईलेक्टलाईन ने टेलीफोनिक सर्वे , राजनीतक व्यक्तियो, पत्रकारो और सीधे जनता से तख्ता पलट, दल बदल चरित्र , क्षेत्र मे काम, कोरोना मे मदद, भाजपा के नेताओ का विरोध, कांग्रेस के कार्यकर्ताओ का रोष एवं सिंधिया की पकड़ एवं भाजपा मे दखलंदाजी, भाजपा के ग्वालियर चम्बल सम्भाग के शीर्ष केन्द्रीय नेतृत्व व केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया के सम्मान की भी लडाई है क्योकी जनता का यह मानना है की ग्वालियर चम्बल सम्भाग की इन विधानसभा सीटो खासकर जौरा, मुरैना, दिमनी, मेहगांव, अम्बाह , सुमावली, गोहद, ग्वालियर की दो विधानसभा सीटों जैसी सीटो पर सिंधिया खेमे से टकराव होगा ।इस मुद्दे पर लोगो की राय ली गई थी । इन सभी मुद्दो पर आई राय के बाद मौजूदा तोड़ फोड से बनी यह सरकार खतरे मे दिख रही है और ग्वालियर चम्बल सम्भाग के इसके सभी मंत्री और पूर्व कांग्रेस विधायक और अब मौजूदा भाजपा के टिकट पर लड़ कर जीतने का ख्वाब शायद खटाई मे पड़ता दिख रहा है। और इन सबकी हार लगभग तय मानी जा रही है। जिनमे प्रद्युम्न तोमर से लेकर गोविंद सिंह राजपूत तक शामिल है और इनकी हार लगभग तय होने के पीछे काग्रेस की पंचायत लेवल पर और कार्यकर्ताओ के साथ एक प्रदेश महासचिव दिव्यराज जादौन की सोशल इंजीनियरिंग भी लोगो के बीच मे चर्चा है जिसकी मुख्य वजह दलित, बैकवर्ड और अगड़ो के खेमे मे खासकर ग्वालियर चम्बल सम्भाग मे उसकी पैठ का होना है। ऐसा माना जा रहा है कांग्रेस ने अघोषित रूप से इस प्रदेश महासचिव के सहारे उम्मीदवारो के नाम से लेकर जनाधिकार मंच जैसे यूपी मे सक्रिय संगठनो से भी यह महासचिव सम्पर्क मे है। अब देखना यह है कि अगर यह सर्वे ना भी माना जाय तो सिंधिया का प्रभाव भाजपा के अन्दरूनी कलह और मौजूदा भाजपा भावी उम्मीदवार का विरोध कही शिवराज चौहान की कुर्सी पर कोरोना काल का कहर ना डाल दे और इन मंत्री विधायको की भविष्य वाली योजनाओ और मंसूबो पर पानी ना फेर दे। यह पब्लिक है जनाब करती हमेशा अपने मन की है और शायद संकट मे इनको छोडकर कुर्सी पर काबिज होने का यह दांव उल्टा भाजपा मे शामिल इन कांग्रेसियो को चित्त ना कर दे।
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