कम्युनिटी किचन के नाम पर अधिकारी कर रहे खाना पूर्ति, ग्राम पंचायत सेक्रेटरी को पता ही नही किचन का मेन्यू, फ़ेल हो रहा डीएम का मंसूबा
कम्युनिटी किचन के नाम पर अधिकारी कर रहे खाना पूर्ति, ग्राम पंचायत सेक्रेटरी को पता ही नही किचन का मेन्यू, फ़ेल हो रहा डीएम का मंसूबा
सूर्यमणि कनौजिया
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
सोनभद्र। जिलाधिकारी एस० राजलिंगम के निर्देशानुसार जनपद के समस्त ग्राम पंचायतों व शहरी क्षेत्रों में कुल मिलाकर 701 कम्युनिटी किचन संचालित हैं जिनके माध्यम से प्रतिदिन लगभग 68 हजार 347 व्यक्तियों को भोजन उपलब्ध कराया जाने की व्यवस्था की गई है । ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में 683 कम्युनिटी किचन , ब्लाक स्तरों पर कम्युनिटी किचन व स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा 04 कम्युनिटी किचन के माध्यम से जरूरतमंदों में खाना उपलब्ध कराया जाने की पूर्ण व्यवस्था की गई है।
वही म्योरपुर ब्लाक स्थित बेलहत्थि ग्राम पंचायत मे इस आदेश की सरेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही है।बीते 17/04/2020 को बेलहत्थि ग्राम पंचायत के बेलहत्थि गांव के प्राथमिक विद्यालय मे कम्युनिटी किचन के दौरान ग्राम प्रधान इधर-उधर तो ग्राम पंचायत सेकेट्री गायब दिखे। ग्रामीणों से पूछताछ करने के दौरान पता चला कि मात्र 3 किग्रा० आटे में ही 25 से 30 लोगों को भोजन कराया जाता है,जिसमें लोगों को कभी एक रोटी तो कभी भूखे ही घर को जाना पड़ता है।
भूख से बेहाल बुजुर्ग विकलागं व्यक्ति ने अपनी आपबीती सुनाई तो वहां मौजूद क्षेत्रीय लेखपाल का ह्रदय पसीज गया इसके साथ ही साथ ऐसे कुकृत करने वाले कर्मचारियों पर अफसोस भी आया।
उसने बताया कि मैं भूखा हुं और मैने सुना कि प्राथमिक विद्यालय मे भोजन बट रहा है और जब मैं भोजन लेने के लिए अंदर गया तो वहाँ पर लोगों ने पूछा कि थाली है तुम्हारे पास, थाली न होने के कारण लोगों ने बिना भोजन दिए ही मुझे भगा दिया। अब मैं थाली कहाँ से लाऊ साहब…..।
यह सोचने वाली बात है कि केवल भोजन बनना ही उनकी जिम्मेदारी है या फिर उस भोजन को सही ढ़ग से वितरण करना भी उनका दायित्व है।
वहीं दूसरी तरफ एक बुजुर्ग विधवा महिला ने बताया कि वह भी बड़ी आस के साथ भोजन के लिए आई थी ताकि वह और उसकीे विकलागं बेटी को भोजन मिल जाए परन्तु उसे सिर्फ 1रोटी मिला और उसके विकलागं बेटी के लिए कुछ भी न मिल सका। अन्ततः इस अभागी मां को मायूस होकर खाली हाथ ही घर को जाना पड़ा और जब ग्राम पंचायत सेक्रेटरी से इस पर फोन से बात हुई तो उन्हें पता ही नहीं की मैनू में क्या-क्या है और कितना भोजन तैयार किया जा रहा है फिर वहीं पर क्षेत्रीय लेखपाल नोडल अधिकारी के रूप में मौजूद थे फिर जब इस के बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा की कहीं ना कहीं कर्मचारियों से लापरवाही की गई है।
जहां एक तरफ पीएम मोदी ने अपने संबोधन में लॉकडाउन दूसरे चरण का एलान करते हुए तीन मई तक लाकडाउन बढ़ा दिया और कहाँ कि देशवासियों के जीवन से बढ़कर कुछ भी नही है। आगे उन्होने यह भी बताया कि सभी चीजों की पुर्ण व्यवस्था कर ली गई है किसी को किसी भी प्रकार की चिंता एवं परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। वहीं दूसरी तरफ ग्राम पदाधिकारियों द्वारा कम्यूनिटी किचन तहत भोजन के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा है और इस वैश्विक महामारी के समय मे भी लोग अपनी हरकतों से बाज नही आ रहे है।
जहा एक ओर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश मे बड़ी सख्ती के साथ आलाधिकारियों से कर्तव्यों का निर्वहन कराया जा रहा है और यह भी सख्त आदेश दिया गया है कि कोई भी गरीब मजदूर भूखा न सोए। वहीं दूसरी ओर इन पदाधिकारियों को देखकर यहीं लगता है कि इन्हें इस आदेश से कुछ लेना-देना ही नहीं है और न ही सूबे के मुखिया का कोई डर है।
इस खबर के माध्यम से आलाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए ग्रामीणों द्वारा उचित कार्रवाई करने के लिए अपील की गई है।
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