राजस्व की भूखी सरकार ने लॉक डाउन में शराब की दुकान खोली-विजय शंकर यादव
- शराब खरीदकर व गिराकर विरोध दर्ज कराया भुखमरी की कगार पर पहुँची सरकार के अर्थ ब्यवस्था को
राकेश कुमार सिंह
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
ओबरा, सोनभद्र।अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए पूर्व छात्र नेता सामाजिक कार्यकर्ता विजय शंकर यादव ने शराब खरीदी।पूरी शराब गिराकर सामाजिक कार्यकर्ता विजय शंकर यादव ने कहा कि लॉक डाउन के नियमो का पालन करते हुए जरूरत मन्दो की मदद कर रहा हूं। साथ ही साथ जो जन समस्या आ रही है उस पर आवाज भी उठा रहा हूं। लॉक डाउन के दौरान सरकार शराब की दुकान न खोले इस मांग को लेकर निरंतर आवाज उठाते हुए सरकार से प्रश्न किया
लॉक डाउन में जनता का जीवन मूल्यवान या राजस्व तय करे सरकार
- क्या शराब स्वास्थ्य बर्द्धक है इंसान की जरूरत है
- क्या शराब न पीने से लॉक डाउन में लोगों की मौत हुई
- यदि शराब पीने के बाद आरजकता फैलती है तो जिम्मेदार कौन होगा
- घरों में कैद जनता जीवन सुरक्षा राशन भोजन को चिंतित है उसे शराब की दुकान पर लाइन में लगाना क्या जनहित में है
इत्यादि जनहित के प्रश्न सरकार से पूछा उत्तर तो कुछ नही मिला शराब की दुकानें खुल गई। दुकानों पर जनता भीड़ लगाकर शराब खरिदने में जुट गई। घरों में कैद जनता से राजस्व लेने की चाह रखने वाली सरकार का ये कृत्य जनहित में कही से न्याय संगत नही है। हमने भी सरकार को राजस्व बृद्धि में योगदान देने का निर्णय लिया। शराब खरीदी जो राजस्व के काम आया और पूरी शराब गिरा कर अपना विरोध दर्ज कराते हुए सरकार से मांग की लॉक डाउन में शराब की दुकान बंद की जाए।
इस अनोखे ढंग से किये गए जागरूकता पूर्ण विरोध को लोगो ने काफी सराहना की। घरों में कैद जनता को भोजन राशन की आवश्यकता है शराब की नही।
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