बाबा की ‘कोरोनिल’ पर फिर कोहराम
- कोरोनिल ट्रेडमार्क के इस्तेमाल पर 10 लाख जुर्माने के साथ मद्रास हाइकोर्ट ने लगाई रोक
पंडित विनय शर्मा
लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया
हरिद्वार।पतंजलि द्वारा कोरोनिल ट्रेडमार्क इस्तेमाल करने पर मद्रास हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। न्यायालय ने पतंजलि द्वारा कोरोना के लिए इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर लॉन्च की गई कोरोनिल दवा के खिलाफ य़ह आदेश जारी किया। साथ ही न्यायालय ने पतंजलि और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी ठोका है।
सनद रहे कि चेन्नई की एक कंपनी कि याचिका पर सुनवाई करते हुए 17 जुलाई को जस्टिस सी.वी कार्तिकेयन ने कोरोनिल नाम का उपयोग करने पर 30 जुलाई तक रोक लगाई थी जो अब पूर्ण रूप से कर दिया गया है। दरअसल चेन्नई की अरुद्रा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड ने जून 1993 में Coronil 92 तथा Coronil 213 SPL नाम के ट्रेडमार्क पंजीकृत कराए थे। कंपनी इन नामों से केमिकल बनाती है। उक्त दोनों नामों के ट्रेडमार्क अधिकार 2027 तक अरुद्रा के पास हैं। लिहाज़ा कोई और इन नामों से अपने उत्पाद नही निकाल सकता है। पतंजलि द्वारा कोरोना के लिए कोरोनिल नाम से इम्यूनिटी बूस्टर बाजार में उतारने के बाद चेन्नई की कंपनी ने स्वामी रामदेव की पतंजलि पर ट्रेडमार्क नियमों के उल्लंघन के आरोप में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिस पर आज यह निर्णय आया है।
स्वामी रामदेव की कोरोनिल दवा शुरू से ही विवादो में रही है। इसकी लॉन्चिंग के वक्त भी कोरोना के इलाज के दावों को लेकर आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को नोटिस जारी किया था।
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