हम अखबार ही तो है कोई सरकार थोड़े ही , जो आठ महीने से लापता शिक्षक के मिलने पर सब ठीक ठाक कर लेंगे वो भी मजबूत शिक्षा अधिकारियों और राजनीतिक प्रतिनिधियों व बड़े पत्रकारों के सामने
हम अखबार ही तो है कोई सरकार थोड़े ही , जो आठ महीने से लापता शिक्षक के मिलने पर सब ठीक ठाक कर लेंगे वो भी मजबूत शिक्षा अधिकारियों और राजनीतिक प्रतिनिधियों व बड़े पत्रकारों के सामने
विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
म्योरपुर, सोनभद्र। जिला सोनभद्र अपार पर्यटन की सम्भावनाओ से भरा हुआ और खनन माफियाओ के साथ साथ कलम माफियाओ के चंगुल में फंसा हुआ अच्छे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी , जिलाधिकारी व् कप्तान के होने के बावजूद भी आज लकवा ग्रस्त जैसा सा ही है खासकर शिक्षा के मामले में। मामले को घुमाकर पकड़ने की तो मुझे आदत है नहीं, क्योकि हम हैं लोकल सीधी सपाट अपनी बात रखने के आदी। मामला हमारी पुरानी खबर को पढ़कर आप जानते ही होंगे बाकी नहीं पता होगा तो यूटुब पर मेरी फालतू की बकवास सुन लीजियेगा लापता गुरूजी से और खंड शिक्षा अधिकारी जी से बात चीत के आधार पर आपके लिए लिंक..
खैर अब खबर के बाद गुरूजी अवतरित हो गए है, वो भी नए कलेवर और तेवर में ,नयी दलीलों के साथ। क्योकि विभागीय खानापूर्ती अब शायद हो गयी होगी और उनका अवकाश भी अपने विभागीय अधिकारों के तहत रजिस्टर में चढ़ भी गया होगा। क्योकि प्रिंसिपल साहब ने तो साफ़ बोल ही दिया था कि आपकी जो औकात हो छापो, हमारे अधिकारी साहब सम्हाल लेंगे। और उपस्तिथि से लेकर अवकाश सब कुछ शायद बेसिक शिक्षा सोनभद्र विभाग में खंड शिक्षा अधिकारी ही सम्हालते है। ऐसा जानकारी में प्रिंसिपल साहब से बात चीत में आया। वरना हम तो पता नहीं कैसी कैसी अखबारी ग़लतफ़हमी में थे। और हाँ आपको बता दे कि यह अखबार वख़बार की कोई नहीं सुनता। वो भी बीजपुर में तो बिलकुल नहीं और वो भी तब जब पंचायती प्रबंधन स्कूल समिति और शिक्षा समिति द्रोपदी का चीर हरण होते देखने जैसी पांडवो की अवस्था में अपने ही बच्चो की भविष्य का पलीता बनवा रही हो। और मानो उनका होना भी एक बोझ ही है। ग्राम प्रधान और इन समितियों को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए जब यह आठ आठ महीने तक लापता गुरूजी की सही जानकारी भी नहीं रख सकती कि वो बेचारे अपने बीमार हार्ट अटैक वाले पिता जी के देखभाल करने के लिए घर गए थे उनसे हुई बात चीत के अनुसार। और वो आये भी थे लॉक डाउन से पहले, अपनी ट्रेनिंग के वास्ते। कहाँ , कब, कैसे .. यह सब मत पूछियेगा? बाकी लॉक डाउन में उनकी यहां क्या जरूरत? ऊपर से उनकी तबीयत भी खराब थी। जिसका मेडिकल तो उंन्होने जरूर दिया होगा अवकाश पत्र के साथ। हम तो शायद ही देख पाए, पर अगर थोड़ी सी भी आत्मीयता गुरूजी के साथ इन ग्राम पंचायत समितियों की होगी तो उपस्तिथि रजिस्टर और मेडिकल सर्टिफिकेट खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मंगवा ही लेंगे। अब अगर इतना भी नहीं कर सकते तो क्या सब कुछ ब्राह्मण नेताजी लोग करेंगे। माना नेता जी ब्राह्मण है और ब्राह्मणो का साथ देना उनका धर्म भी है। पर महमड के लोगो का भी तो कुछ फर्ज है।
मजेदार बात यह है कि लोकल लोकल मोदी जी ने क्या चिल्लाया, हमने मान लिया कि लोकल मुद्दों और परेशानियों पर हम थोड़ा खबर चला दे। और अपने गाँव के बच्चो को पढ़ा लिखा कर हम सबके चहेते डॉक्टर अब्दुल कलाम जैसा बनाने की पूरी कोशिश करने वाले गुरूजी आदरणीय श्री श्रुति देव तिवारी जी, जो कि आठ माह के लापता रहने के बावजूद भी इतने चिंतित थे कि ट्रांसफर वान्स्फर को तिलांजलि दे वापस महमड की शिक्षा भूमि को सिंचित करने के लिए अवतरित हो गए। स्वयं और सरकारी कागजो में भी। शायद जिसकी जानकारी अगर मुझे खीर पार्टी देकर दी जाती तो पता चलता ब्राह्मण जो ठहरा जाति का।
कल आपको एक वीडियो दिखाया जायेगा जो शायद आपको यह बताने में कारगर होगा कि पूरा खेल क्या है इस फ़र्ज़ी सिस्टम का। जो अब पेपर पर दिख रहा है। उससे गुरूजी की खोज में निकले मुझ लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया के फर्जी टाइप के पत्रकार को इसकी जानकारी मिल पाएगी और आपको भी थोड़ा बहुत प्रसाद के तौर पर दिखेगा जरूर।
मजेदार बात यह है कि लोकल लोकल मोदी जी ने क्या चिल्लाया, हमने मान लिया कि लोकल मुद्दों और परेशानियों पर हम थोड़ा खबर चला दे। और अपने गाँव के बच्चो को पढ़ा लिखा कर हम सबके चहेते डॉक्टर अब्दुल कलाम जैसा बनाने की पूरी कोशिश करने वाले गुरूजी आदरणीय श्री श्रुति देव तिवारी जी, जो कि आठ माह के लापता रहने के बावजूद भी इतने चिंतित थे कि ट्रांसफर वान्स्फर को तिलांजलि दे वापस महमड की शिक्षा भूमि को सिंचित करने के लिए अवतरित हो गए। स्वयं और सरकारी कागजो में भी। शायद जिसकी जानकारी अगर मुझे खीर पार्टी देकर दी जाती तो पता चलता ब्राह्मण जो ठहरा जाति का।
कल आपको एक वीडियो दिखाया जायेगा जो शायद आपको यह बताने में कारगर होगा कि पूरा खेल क्या है इस फ़र्ज़ी सिस्टम का। जो अब पेपर पर दिख रहा है। उससे गुरूजी की खोज में निकले मुझ लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया के फर्जी टाइप के पत्रकार को इसकी जानकारी मिल पाएगी और आपको भी थोड़ा बहुत प्रसाद के तौर पर दिखेगा जरूर।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी साहब ने मामले की जानकारी लेकर हमें बताने का वादा तो किया था, पर उनकी व्यस्तता शायद ज्यादा होने के कारण अभी कुछ मुझे हासिल ना हो पाया। पर मुझे विश्वास है कि जिले का कायाकल्प अगर कोई कर सकता है तो वो आज की मौजूदा जिला स्तरीय टोली ही जिसमे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भी शामिल हैं जिलाधिकारी और कप्तान साहेब के साथ।
रही बात खंड शिक्षा अधिकारी साहेब की तो वो शायद जिले के मान्यता प्राप्त पत्रकारों का फ़ोन ही उठाते है खासकर पंडित जी लोगो का। जो जन जागरण अभियान में इनकी सहायता कर सकते हो, शिक्षा की ऐसी अलख जोत जलाने में। मुझ जैसे दिल्ली में बैठे लोकल पत्रकारों की औकात कहा।
बस एक अरज है आप सबसे जो भी पढ़ रहे है बस वो ग्राम सभा शिक्षा समितियों , ग्राम प्रधान , माननीय विधायक , ब्लॉक प्रमुख और राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को यह खबर भेजकर एक अनुरोध करे कि रोजाना बावली में डूबने और आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मर रहे बच्चो के साथ साथ उनकी शिक्षा के साथ खेल रहे ऐसे लापता गुरूजी लोगो और अधिकारियों से उनको बचाले।
हमारा क्या हम कल भी थे, आज भी है , और कल भी रहेंगे ,इसी अंदाज में। आपकी गूँज को दिल्ली तक लाने के लिए बिना किसी त्यौहारी की मांग के या बिना किसी चढ़ावे के। और हाँ हमें वास्तव में इन्तजार रहेगा योगी जी के रामराज का और मोदी जी के आत्म निर्भर सोनभद्र का। कल फिर मिलेंगे शाम तक पूरी खबर के साथ वीडियो पर .......
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