कौन सुनेगा किसको सुनाये ...... आठ महीने से लापता हैं गुरूजी, पर सरकारी खाते से बराबर लग रहा है पगार का मक्खन भोग
कौन सुनेगा किसको सुनाये ...... आठ महीने से लापता हैं गुरूजी, पर सरकारी खाते से बराबर लग रहा है पगार का मक्खन भोग
- प्रा.वि.महमड़ में तैनात शिक्षक श्रुतिदेव तिवारी विद्यालय का आठ माह से नहीं कोई पता
- विद्यालय के प्रभारी शिक्षक अमरेश वैश्य ने कहा -श्रुतिदेव तिवारी खंड शिक्षा अधिकारी के लिखित आदेशानुसार पूर्व माध्यमिक विद्यालय धरतीडाँड़ पर किये गए संबंध
- धरतीडाँड़ के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रभारी शिक्षक अनिल कुमार यादव ने कहा कि उक्त अध्यापक ने आज तक इस विद्यालय में कार्यभार नहीं किया ग्रहण
- ग्रामीणों का सवाल बिना उपस्तिथि क्या मिल रही पगार, जनता में इस बात की भी चर्चा गर्म है कि अटैचमेंट एक ऐसा मंत्र है कि जिसे मारते ही शिक्षक हो जाता है गायब
- खंड शिक्षा अधिकारी को मामले की नहीं जानकारी , मामले को यथासंभव निपटाने का दिलाया भरोसा
विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
बखरिहवां,सोनभद्र। कहते है अध्यापक समाज को आइना दिखाते है और शायद यही वजह है कि हर कोई उनका सम्मान भी करता है। पर एक मामला ऐसा आया है जहां करीब आठ महीने से शिक्षा विभाग के गर्भ में एक अध्यापक लापता है और वो बराबर प्रति माह के पगार पर गर्भ में अपने आपको विकसित रख रहा है। और उसके इस खेल को अगर कानाफूसी करने वाले लोगो की माने तो कई अधिकारियों का सरंक्षण भी मिला हुआ है। और बाकायदा इसका सेटलमेंट करवाने वाली व्यवस्था का भी जुगाड़ है। जिसके कारण गुरूजी की पांचो उंगलिया घी में है और अब शायद इस खबर के बाद कड़ाही में हो।
शिकायतकर्ता
आएये गुरूजी के गायब होने के अध्याय से थोड़ा पर्दा उठाते है कि आखिरकार गुरूजी गए कहाँ ? और यह हैं कौन जिसकी कथा आज आप लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया पर सुनने जा रहे है? क्या ऐसा कोई खेल योगीराज में हो सकता है ऊपर से जब अब रामराज स्थापना की नींव रखी जा चुकी है ? तो आपके सवालों का जबाब देने के लिए सिर्फ एक ही बात काफी है वो है जिला सोनभद्र। जी हाँ इस जिले में आप जितना कुछ सोच सकते है उससे आगे की महाभारत की रचना होती हैं और इस खेल में शासन सत्ता और सियासत के साथ साथ हम जैसे पत्रकार भी शामिल होते है वरना मजाल हैं कि योगी राज में ऐसे बड़े अध्याय लिखे जा सके। मीडिया और मीडियोकर की इस तिकड़म में प्राथमिक शिक्षा के कई अधिकारी इस व्यवस्था को पाल पोष रहे है। यहां तो सिर्फ गुरूजी गायब है सोनभद्र में कई ऐसे प्राथमिक स्कूल है जो कागजो में तो हैं पूरे स्टाफ के साथ पर जमीन से गायब है। क्या करे तिलिस्म ही ऐसा है इस माटी का।
पूरा खेल जागरूक जनता जनार्दन के कारण संभव हो सकता है और आज यह मामला प्राठमिक विद्यालय महमड़ के न्याय पंचायत जरहा विकास खण्ड म्योरपुर से इन्ही गाँव वालो के द्वारा भंडाफोड़ होने के कारण आपके बीच हैं। जहाँ ग्रामीणों का आरोप है कि प्रा.वि.महमड़ में तैनात शिक्षक श्रुतिदेव तिवारी विद्यालय पर कभी कभार आया करते थे लेकिन जनवरी माह से आज तक कभी भी विद्यालय पर उनके दर्शन दूभर हो गए हैं। विद्यालय के प्रभारी शिक्षक अमरेश वैश्य से पूछने पर यह जानकरी मिली कि श्रुतिदेव तिवारी को खंड शिक्षा अधिकारी के लिखित आदेशानुसार पूर्व माध्यमिक विद्यालय धरतीडाँड़ पर संबंध किया गया है। वहीं दूसरी तरफ धरतीडाँड़ के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रभारी शिक्षक अनिल कुमार यादव से जानकारी लिया गया तो उन्होंने बताया कि उक्त अध्यापक ने आज तक इस विद्यालय में कार्यभार ग्रहण किया ही नहीं है। आखिर वो गए कहाँ। और उनके इस अज्ञातवास में जाने के पीछे का रहस्य क्या है और इसके जिम्मेदार कौन हैं? और जनवरी माह से लापता शिक्षक घर बैठे ही पगार उठा रहे है या नहीं यह भी जांच का विषय हैं। जब इनसे जानकारी के लिए फोन किया गया तो फोन ही नही उठा. गांव के लोगों ने बताया कि उन लोगों द्वारा भी कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन जनाब फोन ही नही उठाते हैं। जनता ने आला अफसरों से जबाब माँगा है तथा जिला अधिकारी महोदय से मामले की जाँच कर ऐसे लापरवाह शिक्षकों के ऊपर कठोर कार्यवाही की कर रहे है मांग।
अब गाँव वालो को भला समझाए कौन कि अज्ञातवास में कोई फोन कैसे उठाये ? और क्या पगार बिना उपस्तिथि के मिलती है तो यह वाकई रामराज है जहां कोई इस रामराज के राजकोष को लाक्षागृह की तरह जलाने की पूरी तैयारी के साथ लगा हुआ है। अब जब खंड शिक्षा अधिकारी ने इस बात की जानकारी से अनभिग्यता जाहिर करते हुए मामले को जांच में निपटाने की बात यथा संभव विभागीय विधान के अनुसार की है तो ऐसा लगता हैं मानो लंका के जलने की खबर रावण को लगी ही नहीं हो जैसी गाँव वालो की बातो को भूलकर बस यह आस लगानी चाहिये कि जिलाधिकारी साहेब इसपर कोई तरस जरूर खायेगे और लापता गुरूजी की खबर लगा उनकी खबर भी लेंगे।
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