नहीं रहे सोनभद्र के पूर्व सांसद भाई लाल कोल
नीरज देव पांडेय
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
सोनभद्र।पूर्व सांसद व छानबे विधानसभा से पूर्व विधायक भाई लाल कोल का बीमारी के दौरान प्रयागराज में रविवार की शाम निधन हो गया। उनके निधन की खबर लगते ही सामाजिक, राजनीतिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का शोक संवेदना व्यक्त की। इसके पूर्व 21 जुलाई को उनकी पत्नी रामदुलारी का भी स्वर्गवास हो गया था। दो बार के विधायक एक बार के सांसद रहे भाई लाल कोल का प्रधान से लेकर सांसद तक का उनका सियासी सफर रहा।
भाई लाल कोल (02.03.1953 से 09.08 2020)
2 मार्च 1953 को हुवा था जन्म।भाई लाल कोल मिर्जापुर जिले के लालगंज तहसील के पचोखर गांव के रहने वाले थे। इनका जन्म 2 मार्च 1953 को हुवा था। इन्होंने 1995 में अपने गांव से पहली बार प्रधानी का चुनाव लड़ा और जीता था। यही से इनके सियासी सफर की शुरुवात हुई। प्रधान से लेकर सांसद तक इनका सियासी सफर रहा। प्रधान से लेकर सांसद तक रहा सियासी सफरभाजपा से वह 1996 में छानबे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और विधायक चुन लिए गए।
एक बार सांसद दो बार विधायक
बीजेपी ने वर्ष-2001 के विस चुनाव में टिकट काट दिया तो वे बीएसपी में चले गए और वर्ष-2004 में सोनभद्र रार्बटसगंज संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े और सांसद चुन लिए गए। जब बीएसपी ने 2009 में इनका टिकट काट दिया तो सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली और वर्ष-2012 में फिर छानबे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और विधायक चुन लिए गए। 2017 के विधानसभा चुनाव में फिर से सपा से लड़े मगर अपनादल (एस) बीजेपी गठबंधन के उम्मीदवार राहुल प्रकाश कोल ने इन्हें पराजित कर दिया।
..और फिर समाजवादी पार्टी ने दिया टिकट
एसपी ने एक बार फिर इन पर भरोसा जताया और 2019 में सोनभद्र संसदीय सीट से टिकट दिया लेकिन उन्हें अपनादल (एस) के विधायक राहुल प्रकाश कोल के पिता पकौड़ी कोल से हार गए। भाई लाल कोल का बीजेपी बीएसपी एसपी तीनों पार्टियों से नाता रहा है तीनों पार्टियों से विजयी हुए हैं।
किडनी की समस्या से थे ग्रस्त
बताते है की भाईलाल काफी दिनों से बीमार चल रहे थे उनकी किडनी में प्रॉब्लम थी। रविवार को अचानक तबीयत बिगड जाने पर उन्हें प्रयागराज लेकर जा रहे थे की रास्ते में नैनी के पास उनका निधन हो गया, अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आपको बतादे की कुछ दिन पहले उनकी पत्नी की भी निधन हो गया था। भाई लाल कोल का छानबे विधानसभा चुनाव में अपनी एक अलग पहचान थी वह हमेशा से धोती और कुर्ता पहनते थे। लोगो का कहना है की जब भी वह किसी से मिलते थे तो हंस कर ही मिलते थे। भाई लाल कोल के निधन से पूरे जनपद में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।
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