राज्यसभा में चर्चा में कृषि बिल , सुने किसने अब तक क्या कहा
- मॉनसून सत्र का आज सातवां दिन
- कृषि संबंधित विधेयक राज्यसभा में पेश
- लोकसभा से पारित हो चुके हैं विधेय
- देशभर के किसान बिल का कर रहे हैं विरोध
- 243 सदस्यों में १२२ पर बहुमत , सरकार के पास अब तक सिर्फ १०५ का आकड़ा , विपक्ष में ११०
यह बिल सरकार का किसानो के प्रति जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए किसानो को मरने के लिए छोड़ने जैसा हैं - विजय किसान
यह किसान बिल नहीं किसानो को श्मशान ले जाने वाला बिल हैं : भगत सिंह बिष्ट ,राष्ट्रीय अध्यक्ष -नेशनल अपनी पार्टी
अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
दिल्ली। संसद के मॉनूसन सत्र का आज सातवां दिन. सरकार ने कृषि संबंधित विधयकों को राज्यसभा में पेश किया. कृषि से जुड़े दो बिल लोकसभा से पहले ही पास हो चुके हैं. हालांकि, शिरोमणि अकाली दल जो बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी थी, उसने बिल का विरोध किया. पार्टी की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. देशभर के किसान बिल का विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस ने सरकार को किसान विरोधी तक करार दिया है. संसद की कार्यवाही से जुड़ी हर अपडेट के लिए पेज पर बने रहें.
सिरसा के गांव पंजुआना में नेशनल हाईवे पर किसानों का जोरदार प्रदर्शन।
MANSOON SESSION 2020 UPDATES:
- कृषि बिल पर CPI के सांसद केके रागेश ने कहा कि यह कॉर्पोरेट्स के लिए पैकेज है. उन्होंने कहा कि कृषि राज्य का विषय है और राज्यों से अधिकार छीना जा रहा है.
- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये बिल किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले है. किसानों को अपनी फसल किसी भी स्थान से किसी भी स्थान पर मनचाही कीमत पर बेचने की स्वतंत्रता होगी. उन्होंने कहा कि बिलों के बारे में कई तरह की धारणाएं बनाई गई है.
- 'किसानों का मानना है कि ये बिल उनकी आत्मा पर हमला'.
सिरसा के गांव पंजुआना में नेशनल हाईवे पर किसानों का जोरदार प्रदर्शन।
- कांग्रेस के सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बिल का विरोध करती है. पंजाब और हरियाणा के किसानों का मानना है कि ये बिल उनकी आत्मा पर हमला है. इन विधेयकों पर सहमति किसानों के डेथ वारंट पर हस्ताक्षर करने जैसा है. किसान एपीएमसी और एमएसपी में बदलाव के खिलाफ है.
- चर्चा के दौरान बीजेपी के सांसद भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले ये बताए कि पिछले 60 साल में किसानों की आय नीचे की ओर क्यों गई. कांग्रेस किसानों की बहुत बात करती है, लेकिन उनके लिए कुछ नहीं करती.
- बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस के लिए किसान सिर्फ एक वोटबैंक हैं. हमारे लिए किसान समाज का विकास करने वाला है. हम सच्चाई के साथ हैं. MSP को हटाने का कोई निर्णय नहीं और हम इस झूठ को 2024 तक आठ बार उजागर करेंगे, क्योंकि वह 2024 तक यहां हैं. भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह उसी प्रकार का झूठ है, जो कांग्रेस ने CAA-NRC के दौरान बोला. वे लोगों को गुमराह करना चाहते है.
- TMC के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का वादा करती है. लेकिन मैं बता दूं कि किसानों की आय 2028 तक दोगुनी नहीं हो सकती है. ये सरकार सिर्फ वादा करती है. दो करोड़ नौकरी कहां है.
- कृषि बिल पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि राज्यसभा में भाजपा अल्पमत में है. मेरी सभी गैर भाजपा पार्टियों से अपील है कि सब मिलकर इन तीनों बिलों को हरायें, यही देश का किसान चाहता है.
- सपा के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार बिल पर बहस नहीं करना चाहती है. वो जल्द से जल्द सिर्फ बिल पास कराना चाहती है. बिल लाने के पहले विपक्ष के नेताओं से बात करनी चाहिए थी. कोरोना के नाम पर अध्यादेश लाया जा रहा है. सरकार ने भारतीय मजदूर संघ तक से विचार नहीं किया.
- TRS के सांसद के केशव रॉव ने सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने किसानों के बिल को राज्यों के अधिकारों पर सीधा हमला करार दिया. के केशव राव ने आरोप लगाया कि सरकार देश में कृषि की संस्कृति को बदलने की योजना बना रही है.
- YSR कांग्रेस ने कृषि विधेयक का समर्थन किया है. पार्टी के सांसद विजयसाई रेड्डी ने कहा कि पूर्व की सरकार मिडलमैन का समर्थन करती थी. किसानों को अपने उत्पाद को लाइसेंस प्राप्त बिचौलियों और उनके कार्टेल को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा. उनके इस बयान पर कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा किया. कांग्रेस के सांसद आनंद शर्मा ने इसे शर्मनाक करार दिया.YSR कांग्रेस ने कृषि विधेयक का समर्थन किया है. पार्टी के सांसद विजयसाई रेड्डी ने कहा कि पूर्व की सरकार मिडलमैन का समर्थन करती थी. किसानों को अपने उत्पाद को लाइसेंस प्राप्त बिचौलियों और उनके कार्टेल को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा. उनके इस बयान पर कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा किया. कांग्रेस के सांसद आनंद शर्मा ने इसे शर्मनाक करार दिया.
- JDU ने कृषि विधेयक का समर्थन किया है. पार्टी के सांसद रामचंद्र सिंह ने कहा कि बिहार 2006 में एपीएमसी अधिनियम से हटने वाला पहला राज्य था. तब से कृषि उत्पादन और खरीद एमएसपी के साथ बढ़ी है.
- शिरोमणि अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने कहा कि बिल को पहले सेलेक्ट कमिटी को भेजा जाए. जो हितधारक हैं उनको पहले सुना जाए. नरेश गुजराल ने साथ ही सरकार को चेतावनी भी दे दी. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को कमजोर न समझे.
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