नवरात्र के पहले दिन ओबरा बाजार में आशिंक बंदी से लोगो को सद्बुद्धि और ओबरा बाजार बचाने की कोशिश
नित्यानंद
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
ओबरा,सोनभद्र। उजाड़ी गई बस्ती के सैकड़ों लोगों के पुनर्वास व आगे और लोगों को नहीं उजाड़े जाने के समर्थन में नवरात्र के प्रथम दिन सभी व्यापारी अपने-अपने घरों में 17 अक्टूबर को दिन में दस बजे तक पूजन-अर्चन करेंगे। इस दौरान सभी व्यापारी बन्धु खुद ही अपनी-अपनी दुकान बंद रखेंगे।
उक्त बातें ओबरा बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक प्रमोद चौबे ने कही। इसके पहले गल्ला मंडी में सोमवार की देर रात चली बैठक में व्यापारियों ने दुकानों को बंद करने का सर्व सम्मति से प्रस्ताव पास किया था।
नवरात्र के प्रथम दिन के आन्दोलन के बारे में तय दिशा निर्देशों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए संयोजक ने कहा कि दुकानों को बंदकर पूजन-अर्चन कर माँ से प्रार्थना की जाएगी कि बेवजह उजाड़ने से व्यापारियों को हो रही पीड़ा को हरें। सभी सम्प्रदाय के लोग अपने-अपने इष्ट का ध्यान करेंगे। इष्ट देव हम सभी को सद्बुद्धि दें, जिससे हताशा के शिकार हुए अब आगे किसी और की मौत न हो। अब तक विस्थापन ने चार लोगों की जान ले ली है। संवेदनशील जन प्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारियों को चाहिए कि शोकाकुल परिजनों के घर जाएं। कोरोना काल में उजाड़ी गई बस्ती से हजारों लोगों की रोजी-रोटी छिन गई है, वहीं एक लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। कुछ अधिकारियों ने अपनी नाराजगी आवंटित चबूतरों को उजाड़कर अपनी संवेदनहीनता समाज के सामने दिखाया है। हम मानते हैं कि चूक व्यापारियों की तरफ से भी हुई है।
प्रादेशिक विपक्षी व्यापारी नेता की मौजूदगी में कुछ लोगों ने अमर्यादित शब्दावलियों का प्रयोग किया था, जिसका खामियाजा रोज कमाने खाने वाले हो गए हैं। जिनमें इन व्यापारियों का कोई दोष नहीं था। सत्ता या विपक्ष या किसी को भी किसी भी परिस्थिति में अमर्यादित शब्दों का प्रयोग कदापि नहीं करना चाहिए। सभा में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष उमाशंकर सिंह, रमेश सिंह यादव, मन्नान खान, आरबी सिंह, केके मिश्र, विपिन कश्यप, रामबाबू सिंह, मुस्लिम अंसारी, लालबाबू सोनकर, इरशाद अहमद, दिलीप सिंह, शहजाद वारसी, तुलसी गुप्ता, याकूब अख्तर, रवींद्र गर्ग, भोला कनौजिया, अनिल चौधरी, शमशेर खान, गिरीश पांडेय आदि मौजूद रहे। संचालन रवींद्र गर्ग व मिथिलेश अग्रहरि ने किया।
पहले ही क्रय करें सामग्री
जन सामान्य को किसी तरह की असुविधा न हो। सभी से निवेदन है कि 16 अक्टूबर की शाम को ही पूजन सामग्री या अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीद कर लें या बंदी के दिन 11 बजे के बाद करें।
कांपते होठ, बहते आंसुओं को देख सिसक पड़े गैर व्यापारी
गल्ला मंडी में ओबरा बचाओ संघर्ष समिति की खुली सभा में जब व्यापारियों ने अपनी पीड़ा बतानी शुरू की थी। उनके होठ कांप रहे थे। आसुओं की धारा बह रही थी। निराशा-हताशा चरम पर थी। मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी। यह सब देख गैर व्यापारी भी सिसक पड़े। उस समय और स्थिति खराब हो गई, जब हताशा में हुई चार व्यापारियों की मौत और उससे उपजी व्यथा उनके परिजनों ने कही।
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