मिर्ज़ापुर संवाददाता
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कालेज परसिया मिर्जापुर में आज महिला सशक्तिकरण पर संगोष्ठी आयोजित की गई।
जिसमें प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार दुबे ने कहा कि आज हम सभी यहाँ महिला सशक्तिकरण को मनाने के लिए इकठ्ठा हुए है। महिला सशक्तिकरण पर आज हमारे देश में महिलाओं की स्थिति बहुत ही ख़राब है और हमें इस विषय पर ध्यान देने चाहिए और लैंगिग समानता लाने के लिये हिंदुस्तान में महिला सशक्तिकरण बहुत आवश्यक है। और यह भी कहा कि आज के समय में महिला सशक्तिकरण एक चर्चा का विषय है, खासतौर से पिछड़े और प्रगतिशील देशों में क्योंकि उन्हें इस बात का काफी बाद में ज्ञान हुआ कि बिना महिलाओं तरक्की और सशक्तिकरण के देश की तरक्की संभव नही है।
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का अर्थ उनके आर्थिक फैसलों, आय, संपत्ति और दूसरे वस्तुओं की उपलब्धता से है, इन सुविधाओं को पाकर ही वह अपने सामाजिक स्तर को उंचा कर सकती है। वक्त के रूप में वरिष्ठ प्रवक्ता अम्बुज कुमार ने कहा कि भारत में, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये सबसे पहले समाज में उनके अधिकारों और मूल्यों को मारने वाले उन सभी राक्षसी सोच को मारना जरुरी है जैसे दहेज प्रथा, अशिक्षा, यौन हिंसा, असमानता, भ्रूण हत्या, महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, बलात्कार, वैश्यावृति, मानव तस्करी और ऐसे ही दूसरे विषय। लैंगिक भेदभाव राष्ट्र में सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक अंतर ले आता है जो देश को पीछे की ओर ढ़केलता है। वक्ता के रूप में प्रवक्ता त्रिरत्न शुक्लेश ने कहा कि भारत के संविधान में उल्लिखित समानता के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना सबसे प्रभावशाली उपाय है इस तरह की बुराईयों को मिटाने के लिये शिक्षा की जरूरत महिलाओं में बहुत जरूरी है।
कार्य क्रम में मालवीय सर, निखिलेश कुमार, मंदाकिनी, अमरेन्द्र कुमार, ब्रमदिन , राम सागर, राम जतन आदि लोग मौजूद रहे।
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