हरियाणा में रजिस्ट्री घोटाले पर बवाल
विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
चंडीगढ़। विधानसभा सत्र में लॉकडाऊन दौरान प्रदेश में हुए रजिस्ट्री घोटाले पर इनैलो विधायक अभय चौटाला, कांग्रेस विधायक किरण चौधरी और कांग्रेस विधायक वरुण मुलाना के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर खूब हंगामा हुआ। इनैलो विधायक अभय चौटाला ने उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए लूटखसोट करने का आरोप लगाया। वहीं दुष्यंत ने विपक्षी दलों को नसीहत देते हुए अब तक की गई कार्रवाई को सिलसिलेवार तरीके से बताया। अभय ने कहा कि मंत्री द्वारा दिया गया जवाब ही असंगत है जिसमें वह कहते हैं कि अचल संपत्तियों का अवैध पंजीकरण नहीं किया गया है जबकि इसी में यह बात भी सरकार द्वारा मानी गई है कि नियमों की अवहेलना हुई है।
सरकार द्वारा यह भी माना गया है कि 1555 पंजीकृत बिक्री पत्रों तथा पट्टेनामों पर दस्तावेजों के पंजीकरण के समय हरियाण विकास व शहरी क्षेत्र अधिनियम 1975 की धारा 7ए तहत डी.टी.पी. से एन.ओ.सी. नहीं ली गई। सरकार का यह जवाब कि सरकार को राजस्व का कोई नुक्सान नहीं हुआ, अपने आपमें गुमराह करने वाला है, क्योंकि धारा 7ए के प्रावधान का पालन न करने पर विभिन्न अधिकारियों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई की तथा विभिन्न थानों में मुकद्दमे भी दर्ज किए गए हैं।
लॉकडाऊन के समय प्रदेश के 32 शहरों में 30 हजार से ज्यादा गलत रजिस्ट्रियां हुई जिनमें नियमों को ताक पर रखकर हजारों करोड़ का घोटाला किया गया। अकेले गुरुग्राम में 1199 रजिस्ट्रियां की गईं जिनमें अवैध कालोनियां काटी गईं। कृषि भूमि जो धारा 7ए तहत आती है, उनकी बगैर एन.ओ.सी. के रजिस्ट्रियां की गईं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्वयं माना था कि रजिस्ट्री घोटाला हुआ है फिर मंत्री कैसे सफाई दे सकता है कि कोई गड़बड़ नहीं हुई। सरकार के अधिकारी कहते पकड़े गए हैं कि पैसा ऊपर तक जाता है, यहां तक कि भाजपा के नेताओं के भी बयान आए हैं कि रजिस्ट्रियां बगैर पैसे दिए नहीं होती।
रजिस्ट्री के नाम पर चल रही मोटी दुकान : किरण
कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने कहा कि प्रदेश में खुलेआम दुकान चल रही है। सिर्फ तहसीलदारों को सस्पैंड करने से काम नहीं चलेगा, इसमें कई बड़े लोग भी शामिल हैं। किरण ने कहा कि जो नया सॉफ्टवेयर लगाया गया है वह पूरी तरह से काम नहीं कर रहा है और प्रदेश की जनता रजिस्ट्री नहीं होने से परेशान है।
प्रदेश में भू-माफियाओं के आए अच्छे दिन : मुलाना
कांग्रेस विधायक वरुण मुलाना ने कहा कि प्रदेश में अवैध कालोनियों की बाढ़ आ गई है और भू-माफियाओं के अच्छे दिन आ गए हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ स्टाम्प ड्यूटी का ही नुकसान नहीं होता है, बल्कि सरकार को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
प्रदेश में नहीं हुआ अवैध पंजीकरण, सरकार को कोई नुक्सान नहीं : दुष्यंत
उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए बताया कि प्रदेश में अचल संपत्तियों का कोई अवैध पंजीकरण नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाऊन दौरान 24 अप्रैल, 2020 से 30 जून, 2020 की अवधि दौरान अचल संपत्ति हस्तांतरण संबंधित दस्तावेजों के पंजीकरण से सरकार को राजस्व का कोई नुक्सान नहीं हुआ। जिन सब-रजिस्ट्रार एवं संयुक्त सब-रजिस्ट्रार द्वारा हरियाणा विकास और विनियमन क्षेत्र संशोधन अधिनियम, 2017 की धारा 7ए के प्रावधान की अनुपालना नहीं की गई, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।
उन्होंने बताया कि सब-रजिस्ट्रार/संयुक्त सब-रजिस्ट्रार के खिलाफ सरकार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की है। सब-रजिस्ट्रार सोहना तथा संयुक्त सब-रजिस्ट्रार, वजीराबाद, बादशाहपुर मानेसर, सोहना और गुरुग्राम तहसील में तैनात एक सब-रजिस्ट्रार तथा 5 संयुक्त सब-रजिस्ट्रारों को निलंबित कर दिया है तथा उन्हें हरियाणा सिविल सेवाएं सजा एवं अपील नियम 2016 के नियम 7 तहत चार्जशीट करने के साथ ही मुकद्दमा दर्ज किया जा चुका है।
इसके अतिरिक्त निदेशक नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग हरियाणा से प्राप्त 4-6-2020 की रिपोर्ट पर नारनौल, करनाल, सोनीपत, रेवाड़ी, पंचकूला, भिवानी, फरीदाबाद तथा कैथल जिले के सब-रजिस्ट्रार/संयुक्त सब-रजिस्ट्रार जिन्होंने 14 जून, 2013 से 31 मई, 2020 की अवधि के दौरान 1555 पंजीकृत बिक्री पत्रों तथा पट्टेनामा के दस्तावेजों के पंजीकरण के समय हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्र अधिनियम का विनियम 1975 की धारा 7ए के तहत डी.टी.पी. से एन.ओ.सी. प्राप्त नहीं की, के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने का निर्णय लिया जा चुका है।
रजिस्ट्री के नाम पर नहीं रुक रहा भ्रष्टाचार -वशिष्ठ कुमार गोयल
क्या कोई विभाग भ्रष्टाचार का भी बंटवारा कर सकता है यहां रजिस्ट्री के नाम पर हो रहे घोटालों को रोकने के लिए सरकार ने कुछ ऐसे ही नियम बना लिए हैं कि अब भ्रष्टाचार तो रुका नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का बंटवारा जरूर हो गया है। यह कहना है नव जन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ठ कुमार गोयल का।
वशिष्ठ कुमार गोयल ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने पहले तो सभी नियमों और कानूनों को ताक पर रखते हुए रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगाया गुरुग्राम में कई महीनों तक रजिस्ट्रीया बंद रही उसके बाद अब नए नए नियम और सॉफ्टवेयर के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री बंद है। जो रजिस्ट्री हो भी रही है वह कैसे हो रही है इसका अंदाजा तो लगाया जा सकता है वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि पहले एक स्थान पर सिर्फ तहसील कार्यालय में लोग जाते थे अपनी जमीन के कागजात देते थे और जैसे चाहते थे वैसे रजिस्ट्री हो जाती थी जो नंबर दो की रजिस्ट्री होती थी। उसमें भ्रष्टाचार होते थे, यहां तो अब नंबर दो हो या नंबर 1 सभी रजिस्ट्री में भ्रष्टाचार शुरू हो गया कारण यह है कि अब रजिस्ट्री करने से पहले आईडी मांगी जाती है। आखिर यह आईडी क्यों मांगी जा रही है क्या आईडी के बेस पर रजिस्ट्री हो सकती है। आईडी का मतलब यह है कि जमीन जिस डिपार्टमेंट के क्षेत्र में है उस डिपार्टमेंट की ओर से एक आईडी बना कर दी जाती है उस आईडी बनाने के नाम पर भी यहां बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है कोई भी अधिकारी कर्मचारी बिना ऊपर से फीस लिए आईडी नहीं बनाता है। अगर आपने ऊपर से फीस नहीं दिया है तो आपको आईडी बनवाने के लिए कितने धक्के खाने होंगे इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है। यह आईडी बनाने के लिए ना तो कोई अलग से अधिकारी नियुक्त है ना ही कोई समय सीमा निर्धारित है। आदमी कितना भी परेशान है उससे कोई मतलब किसी को विभागीय अधिकारियों को नहीं होता है। वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि जब जमीन की रजिस्ट्री करते समय आप सभी तरह के दस्तावेज ले रहे हो तो फिर विभागों से आईडी बनवाने का मतलब सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार को बांटने का कार्य किया जा रहा है मतलब पहले एक विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त था। अब रजिस्ट्री के नाम पर वह भी विभाग जुड़ गए जो आपको रजिस्ट्री करने से पहले आईडी बना कर देते हैं श्री गोयल ने कहा कि अगर तहसील में सॉफ्टवेयर नहीं चल रहे हैं तो पब्लिक के फंडामेंट राइट को प्रशासनिक अधिकारी रजिस्ट्री करने से कैसे रोक सकते हैं पहले भी मैनुअल रजिस्ट्री होती रही है अगर इतनी अधिक परेशानी रजिस्ट्री को लेकर आ रही है तो मैनुअल रजिस्ट्री क्यों नहीं हो रही श्री गोयल का आरोप है कि जबकि आज भी अधिकारी अपने चहेतों या फिर कहें ऐसे दलालों की रजिस्ट्री मैनुअल कर रहे हैं। जिनसे उनकी जेब गर्म हो रही है और आम आदमी जरूरतमंद जिन्हें अपनी बेटी की शादी के लिए या अपने कारोबार के लिए या अपने निजी बीमारी या अन्य कार्यों के लिए जमीन बेचना है जिन्हें पैसों की जरूरत है वह धक्के खाने को मजबूर है। वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि आज के दौर में अधिकारी मस्त है कहां क्या हो रहा है सरकार में बैठे नेता भी इसकी जानकारी ना ले रहे हैं ना ही कोई कार्रवाई अमल में ला रहे हैं।
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