प्रदेश सचिव , आरटीआई विभाग उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी रीटिन तोमर ने मोहसिन राजा द्वारा किये गए कटाक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले भाजपा की किसानो की हत्यारी सरकार अपनी दोगली नीति साफ़ करे। एक तरफ किसानो के लिए सडको पर कील ठुकवाते हैं और ऊपर से गंदी राजनीतिक सोच को दर्शाते हैं। मोहसिन राजा जैसे मंत्रियो को पहले अपना गिरबान झांकना चाहिए और अपनी नीयत पर चढ़ी किसान विरोधी गंध को साफ़ करना चाहिए।
सोशल काका
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
दिल्ली. पूरा वाकया तबका हैं जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी गुरुवार को उत्तर प्रदेश के रामपुर जा रही थीं। रास्ते में एक हादसे के बाद प्रियंका अपनी गाड़ी का शीशा खुद साफ करती नजर आईं। विंडस्क्रीन साफ करते हुए प्रियंका के फोटो वायरल हुए तो उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने कटाक्ष किया कि कांग्रेस के नेताओं को शीशे की बजाय अपना मुंह साफ कर लेना चाहिए।
प्रियंका की कार का शीशा साफ नहीं होने की वजह से उनके ड्राइवर को विजिबिलिटी में दिक्कत हो रही थी। ऐसे में हापुड़ के पास ड्राइवर ने अचानक ब्रेक लगा दिए तो उनके पीछे चल रही गाड़ियां भी रोकनी पड़ीं, जिससे वे आपस में टकरा गईं। राहत की बात यह रही कि कोई जख्मी नहीं हुआ। प्रियंका जब रामपुर की तरफ बढ़ रही थीं तो उनके काफिले की गाड़ियां टकरा गईं।
ट्रैक्टर रैली में मारे गए किसान के घर पहुंचीं प्रियंका
किसानों के मुद्दे पर संसद से सड़क तक हंगामा हो रहा है। इसी सिलसिले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी गुरुवार को उत्तर प्रदेश के रामपुर के डिबडिबा गांव पहुंचीं और 26 जनवरी को दिल्ली की ट्रैक्टर रैली में मारे गए किसान नवरीत सिंह की अंतिम अरदास में शामिल हुईं। प्रियंका ने कहा कि नए कृषि कानून किसानों के खिलाफ हैं, लेकिन इससे भी बड़ा क्राइम शहीदों को आतंकी कहना और उनके आंदोलन को राजनीतिक साजिश के तौर पर देखना है।
प्रियंका ने कहा कि किसानों का आंदोलन राजनीतिक नहीं है, बल्कि यह हर देशवासी का आंदोलन है।प्रियंका ने नवरीत के घरवालों से कहा कि आपके बेटे की शहादत बेकार नहीं जाने देंगे। कृषि कानूनों की वापसी तक यह लड़ाई जारी रखेंगे।
आपको बता दे कि किसानो के मुद्दे पर संसद में आम आदमी पार्टी के अलावा कांग्रेस किसानों का समर्थन करते हुए सरकार से तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रही है। राहुल गांधी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि सरकार किसानों को धमकी क्यों दे रही है, उन्हें पीटा क्यों जा रहा है? इसकी बजाय सरकार उनसे बातचीत क्यों नहीं करती? किसानों के मुद्दे राहुल पिछले 15 दिन में 3 प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके हैं। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी बुधवार को सदन में कहा था कि सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने चाहिए, प्रधानमंत्री खुद यह ऐलान करें तो अच्छा होगा। आजाद ने कहा कि किसानों के आगे तो अंग्रेजों को भी झुकना पड़ा था। बहरहाल सरकार ने सडको से कील हटवाने का कमा शुरू कर दिया हैं।
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