पूरे रास्ते साधू संतो पर फूलों की वर्षा करता हेलीकाफ्टर पेशवाई का बना आकर्षण, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया पेशवाई का शुभारंभ
गणेश कुमार वैद/विनय शर्मा
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
हरिद्वार। हरिद्वार में आज कुंभ मेले की पहली पेशवाई पंचायती निरंजनी अखाड़े की ओर से निकाली गई जिसमें पूरे रास्ते साधू संतो पर फूलों की वर्षा करता हेलीकाफ्टर पेशवाई के आकर्षण का केंद्र रहा,संतो के स्वागत में लोगों का जन सैलाब भी दिखाई पड़ा । पेशवाई का शुभारंभ एस.एम.जे.एन कालेज से हुआ जहां संतो के स्वागत में मु.मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौजूद रहे ।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पेशवाई का शुभारंभ करते हुए कहा कि कुंभ सनातन धर्म संस्कृति का शिखर पर्व है और यह देवभूमि उत्तराखंड का सौभाग्य की इसका आयोजन हरिद्वार में होता है। सरकार कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए संकल्परत है और हर संभव तैयारी कर रही है।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि कुंभ विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसकी शुरुआत निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के साथ हो रही है। हरिद्वार कुंभ दिव्य और भव्य रुप से संपन्न होगा। प्रदेश सरकार इसके लिए कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए हर संभव तैयारी और आयोजन कर रही है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने पेशवाई को कुंभ की शुरुआत बताते हुए कहा कि निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के साथ ही कुंभ की शुरुआत हो गई है। निरंजनी अखाड़े के सचिव और मनसा देवी मंदिर के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि पेशवाई के आरंभ के साथ ही कुंभ के आयोजन की शुरुआत हो गई है। यह दिव्य और भव्य रुप से संपन्न होगा।
इससे पहले पेशवाई शुरू होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पेशवाई के लिए मौजूद सभी संत-महात्माओं को फूल माला पहनाकर उनका आशीर्वाद लिया। इस मौके पर निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, महंत धर्मदास महंत कृष्ण दास, महंत राजेंद्र दास, साध्वी निरंजना ज्योति, युगपुरुष परमानंद, महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव रविंद्रपुरी, मेला अधिकारी दीपक रावत, आइजी संजय गुंज्याल सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक और संत-महात्मा उपस्थित हैं। पेशवाई में हाथी घोड़े और ऊंट चल रहे हैं। साथ ही 25 बैंड भी शामिल हैं। नासिक से शिव तांडव बैंड पेशवाई के लिए विशेष रूप से आया हुआ है। संत-महात्माओं के 50 रथ चल रहे हैं।
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