गणेश वैद
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
हरिद्वार/ज्वालापुर। हरिद्वार के प्रख्यात वैद्य आयुर्वेदाचार्य तथा स्वतंत्रता सेनानी सोमदत्त शर्मा का कल रात निधन हो गया।वह 102वर्ष के थे। उनके निधन की सूचना से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष ,वरिष्ठ समर्पित कांग्रेसी नेता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, आध्यात्मिक एवं प्रसिद्ध वैद्य, आयुर्वेदाचार्य सोमदत्त शर्मा ने शनिवार रात्रि अपने ज्वालापुर स्थित आवास पर अंतिम सांस ली।अपने जीवन के 102 बसंत देख चुके सोमदत्त वैद्य समाज में एक आदर्श के रूप मे अपना स्थान छोड गए । राजनैतिक, सामाजिक, आध्यात्मिक, और कुशल वैद्यकीय आयुर्वेद की छवि इस समाज पर हमेशा उनकी स्मृतियों की छाप छोड गई और छोड गए एक आदर्श के रूप मे समाज में अपना स्थान। वैद्य सोमदत्त जी का संसार से चले अपने आप मे एक युग का अन्त है।
वैद्य सोमदत्त ने जिस क्षेत्र मे भी कार्य किया चाहे वह राजनीतिक हो,सामाजिक हो,आध्यात्मिक हो या फिर उनका परम्परागत क्षेत्र चिकित्सा का सभी में उच्चतम शिखर तक कर प्रसिद्धी प्राप्त की।वैद्य सोमदत्त जी
जब सहारनपुर जिला हुआ करता था उस वक्त निर्विरोध 18 वर्ष कांग्रेस के लगातार जिला अध्यक्ष रहे और उच्च नेतृत्व के केंद्रीय नेताओ के सम्पर्क मे रह कर क्षेत्रीय जनता और पार्टी विस्तार का कार्य किया एवं इन्दिरा गांधी जी , जवाहर लाल नेहरू, हिरा बल्लभ त्रिपाठी आदि उच्च नेतृत्व के नेताओ की अगवानी भी वे किया करते थे,जिससे उन्होंने अपनी राजनैतिक पहचान एक कुशल नेता के रूप मे बनाई ।सामाजिक जीवन मे भी इन्होने समाज सेवा के कार्यो एवं समाज हित मे बढ चढ़कर भागे दारी निभाई, दान दक्षिणा, मन्दिर, भवन आदि के निर्माण कराये एवं तीर्थ पुरोहित समाज हरिद्वार से होने के कारण भी आपने समाज का नेतृत्व संरक्षक की भांती कीया तीर्थ पुरोहितो की संस्था एवं हर की पौडी प्रबन्ध कार्यकारिणी संस्था श्री गंगा सभा हरिद्वार मे भी आप प्रमुख पदो, दायित्वो पर रहकर समाज और संस्था का नेतृत्व करते रहे ।
बात अगर आध्यात्मिक क्षेत्र की हो तो उसमे भी वैद्य जी ने प्रचुर आस्था रखते हुए हरिद्वार पंचपुरी क्षेत्र मे बडे बडे विशाल यज्ञ , आयोजन शतचण्डी, महा रूद्री, सहस्त्र चण्डी एवं गायत्री महा यज्ञ, भागवत कथा आदि का आयोजन समाज और क्षेत्र की सुख शांति, समृद्धी एवं धर्म और संस्कृति के प्रचार के लिए कराते रहे एवं स्वय उनकी आस्था माँ भगवती मे रही और जीवन भर इनकी उपासना करते रहे ।
कुशल आयुर्वेदाचार्य के रूप मे वैद्य सोमदत्त पंचपुरी क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्रो मे भी प्रसिद्ध वैद्य के रूप मे जाने गए, लोगो की नब्ज देखकर रोग का उपचार और औषधी देने वाले एक मात्र वैद्य थे और स्वयं भी घर खाली समय पर अपने हाथो से दवाई आदि बनाते थे जिससे उसकी शुद्धता और गुणवत्ता बनी रहे और लोगो को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो, वैद्यकीय आयुर्वेद क्षेत्र मे उन्होंने बडी पहचान पाई जिससे वे वैद्य जी के नाम से ही पहचाने जाने लगे।
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