- फोरलेन निर्माण से आजकल धूल का साम्राज्य बना है
- फोरलेन प्रबंधन सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है
करतार कौशल
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
औट(मंडी)।नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा बनाया जा रहा है फोरलेन लाइन पंडोह से टकोली के बीच आजकल धूल का साम्राज्य बना हुआ है नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा फोरलेन निर्माण के लिए अनुबंधित कंपनी सभी नियमों के अनदेखी करके फोरलेन निर्माण का कार्य कर रही है जिससे आम जनता का जीना दूभर हो गया है हाईवे अथॉरिटी द्वारा चिन्हित फोरलेन संख्या 221 से 242 के मध्य निर्माणाधीन फोरलेन के कार्यों से उड़ रही धूल लोगों के घरों . खेतों में .पशुशाला में तथा बेडरूम के अलावा रसोईघर मे भी पहुंच रही है जो ना केवल लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया है साथ ही किसी गंभीर बीमारी को नयोताव
अंदेशा को भी जता रहे हैं फोरलेन निर्माण संख्या 221 से 242 के मध्य पंडोह से टकोली के सहित नगवाई बनाला पनारसा औट थलोट हनोगी के साथ-साथ पनारसा ढकोली में भी फोरलेन सिंह उड़ने वाली धूल लोगों के परेशानी का कारण बन गया है फोरलेन निर्माण से उड़ने वाली धूल पर्यावरण फसलों पशुओं की सेहत व छोटे-छोटे बच्चों बुजुर्गों की सेहत पर क्या क्या दुष्प्रभाव डालेगा इससे फोरलेन निर्माण पर बंधन करने वाली कंपनी प्रबंधन को कोई भी अंदाजा शायद नहीं है लोग यह बता रहे हैं कि जब जब भी कंपनी प्रबंधन को ऐसी समस्याओं से सूचित किया जाता है तो केवल टालमटोल की नीति अपनाकर लोगों की समस्याओं को अनदेखा कर रही है दूसरी तरफ सड़क पर कंपनी के अनुबंधित बड़े-बड़े वाहन ओवर लोडिंग करके सड़क पर रेत बजरी बिखरे सरपट दौड़ रहे हैं जोकि यातायात नियमों की भी सरेआम अभेलना कर सडक पर रेत बजरी बिखरे दौड़ रहे हैं फोरलेन निर्माण से उड़ने वाली धूल सडक पर दौडते वाहनों की आवाजाही से उड़ने वाली धूल तथा हवा के झोंकों से उड़ने वाली धूल सीधे तौर पर लोगों की सांस में गुल रही है तथा पीने के पानी खाद्य पदार्थ और अन्य फल फ्रूट पर सरेआम गिर रही है लोगों का यह भी कहना है की इस धूल से पेड़ पौधे वह जंगल में उगने वाली घास पर भी बुरा असर पड़ रहा है तथा जंगली जानवर पशु पक्षी सहित अन्य जीव-जंतुओं पर बुरा असर पढ़ रहा है फोरलेन निर्माण से उड़ने वाली धूल लोगों के घरों के अलावा आसपास के क्षेत्रों में ढाबा टी सटालों फल सब्जियों पर भी ऐसे गिर रहा है जो सीधे तौर पर लोगों की खाने पीने की चीजों पर अपना कब्जा आजमा रही है फोरलेन प्रबंधन इस संबंध में कोई प्रभावशाली कदम ना उठा कर लोगों की समस्याओं को सीधे तौर पर अनदेखा कर रही है यहाँ तक लोगों की समस्या के साथ सड़क पर आने जाने वाले आम लोगों को भी इस धूल मिट्टी से अछूता नहीं कहा जा सकता इसके अलावा इस मध्य क्षेत्र में स्थित किरयने की दुकान में पिए जल सोर्से पर भी धूल मिट्टी का सम राज्य है.
इस सबंध में नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अनुबंधित कंपनी एफकॉन के एजीएम कर्नल बलजिंदर सिंह गोरैया ने बताया की धूल मिट्टी कम करने के लिए इस क्षेत्र में 11 वाटर टैंक नियुक्त किए गए हैं जो समय-समय पर सड़क पर पानी का छिड़काव करते रहते हैं तथा उन्होंने यह भी कहा की सड़क पर जाम की स्थिति से वाटर टैंक समय पर पानी का छिड़काव मे * देरी से भी पहुंचे हैं उन्होंने बताया कि लॉकडाउन खुलने से सड़क पर जगह-जगह जाम लग रहा है जो वाटर टैंक की सप्लाई को सुचारू तरीके से पहुचने नहीं पा रहे है.
दूसरी तरफ प्रशासन का पक्ष रखने के लिए जब एसडीएम नागरिक मंडी बबीता नेगी से प्रशासन का पक्ष पूछा तो उन्होंने केवल इतना कह कर अपना पक्ष दिया कि मैं इस बंद में जानकारी एकत्र करूंगी और इन्हें नेशनल पार्टी को नियमों का पालन करने को करूंगी.
अब प्रश्न जो उड़ता है की निर्माण कार्य कर रही कंपनी के प्रबंधक यह कहकर अपना पक्ष रखते हैं की वाटर टैंक लगाए गए हैं दूसरी तरफ प्रशासन का यह कहना है कि हम केवल जानकारी एकत्र करके नियमों का पालन करने को कहेंगे इस बीच में निर्माणाधीन फोरलेन के आसपास के हजारों की संख्या में निवास कर रहे स्थानीय लोगों घरों में रहने वाले दुकानों में रहने वाले टी स्टाल ढाबे चलाने वाले फल फ्रूट बेचने वाले इनकी सेहत का जिम्मा कौन उठाएगा साथ ही इस समस्या से लोग दिन-रात जूझ रहे हैं उसका निदान कौन करेगा
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