अंजलि यादव
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
दिल्ली। जब भी हम भारत में हॉकी की बात करते है तो हमेशा जुबा पर हॉकी के जादूगर ध्यानचंद का नाम ही याद आता है. लेकिन ध्यानचंद के अलावा आजाद भारत को इस शख्स ने भी ओलंपिक में दो बार गोल्ड मेडल दिलाया है.
बता दे की 1948 में लंदन व 1952 में हेलसिंकी ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय प्लेयर केशव दत्त है. वहीं बुधवार को गोल्ड मेडलिस्ट विजेता हॉकी प्लेयर केशव दत्त का निधन हो गया. दत्त का निधन 95 वर्ष की उम्र में हुआ. वह हॉकी में भारत के स्वर्ण युग का हिस्सा थे. वह 1948 के ओलंपिक में भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि का हिस्सा थे, जहां उन्होंने लंदन के वेम्बली स्टेडियम में घरेलू टीम ब्रिटेन को 4-0 से हराकर स्वतंत्रता के बाद पहला गोल्ड मेडल जीता था.
जीता था पहला गोल्ड मेडल
1948 के ओलंपिक से पहले, दत्त ने 1947 में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नेतृत्व में पूर्वी अफ्रीका का दौरा किया था. 29 दिसंबर, 1925 को लाहौर में जन्मे दत्त 1952 के हेलसिंकी खेलों में भारतीय टीम का भी हिस्सा थे, जहां उन्होंने नीदरलैंड को 6-1 से हराकर लगातार पांचवीं बार ओलंपिक चैंपियन बने. हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोमबम ने कहा, "हम सभी आज सुबह महान हाफ बैंक केशव दत्त के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुखी हैं. वह 1948 और 1952 के ओलंपिक खेलों के एकमात्र जीवित सदस्य थे और आज वास्तव में एक युग के अंत की तरह महसूस कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "हम सभी ओलंपिक में स्वतंत्र भारत के लिए उनकी यादगार यात्राओं की अविश्वसनीय कहानियों को सुनकर बड़े हुए हैं और उन्होंने देश में हॉकी खिलाड़ियों की पीढ़ियों को प्रेरित किया है. हॉकी इंडिया ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और फेडरेशन की ओर से मैं उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं."
CM ममता ने किया ट्वीट
बनर्जी ने ट्वीट किया, "हॉकी की दुनिया ने आज अपने एक सच्चे दिग्गज को खो दिया है. केशव दत्त के निधन से हम दुखी हैं. वह 1948 और 1952 में दोहरा ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता थे. उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना." भारतीय टीम का एक अभिन्न अंग, दत्त ने 1951-1953 तक और फिर 1957-1958 में मोहन बागान हॉकी टीम की कप्तानी भी की. मोहन बागान के खिलाड़ी के रूप में उन्होंने 10 साल की अवधि में छह बार हॉकी लीग और तीन बार बीटन कप जीता. उन्हें 2019 में मोहन बागान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो सम्मान के पहले गैर-फुटबॉलर प्राप्तकर्ता बने.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें