लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
गाँव की मजबूती उसकी ताकत पंचायती राज के मजबूती पर निर्भर हैं। गाँव महज उनमे रहने वाले लोगो के कारण नहीं बल्कि वहा मौजूद पशुधन, खेती , पेड़ पौधों की बसावट के साथ साथ ग्रामीणों के लिए जरूरी स्वास्थ्य और शिक्षा के सुचारु सुविधाओं से मजबूत होता हैं। आज धीरे धीरे आजादी के बाद से जब जय जवान जय किसान की सोच गाँव गाँव गली गली गूँज रही थी और किसान खेत में और उसका बेटा सरहद पर अपनी पूरी कोशिश कर रहा था जो अजा तक बदस्तूर जारी हैं। बस बदला हैं तो पहले के पंचायतीराज का हुलिया। आज पंचायते मजबूरी में जी रही हैं। पंचायत अधिकारियों से लेकर कलेक्टर तक सबकी तानाशाही का शिकार बन रही हैं। ऐसे में भला क्या विकास होगा गाँव का और कैसे बदलेगी तस्वीर ?
अब अगर पंचायते मजबूत होगी तो जाहिर सी बात हैं गाँव मजबूत होगा हमारा अन्नदाता खुशहाल और बलवान होगा। उसकी सोच बलवान होगी। और भारत की आत्मा तो यह हमारे अपने गाँव ही तो हैं। तो इससे मजबूत भारत का जो सपना आजादी के दीवानो ने देखा था वो पूरा होगा और तब जाकर बेरोजगारी , लाचारी और मंहगाई की बेड़ियों से इनकी मजबूरी से आजादी मिलेगी।
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