किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा आर्मी या सैनिक शब्द का प्रयोग घातक - वशिष्ठ गोयल , संयोजक नव जन चेतना मंच
पीएम और गृह मंत्री से की अपील , सेना के गौरव को बचाने की हो संसद में कानून या बिल पास कर इन शब्दों के प्रयोग पर रोक
विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
गुरुग्राम। दक्षिण हरियाणा की सामाजिक और राजनीतिक चेतना के प्रतीक नव जन चेतना के संयोजक वशिष्ठ गोयल ने लोगों और संस्था के द्वारा आर्मी , सैनिक और ब्रिगेड जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की हैं।
उन्होंने इसको ना सिर्फ घातक बताया हैं बल्कि सेना के गौरव और गरिमा पर सीधा हमला करार दिया हैं इससे ना सिर्फ सेना की अस्मिता खतरे में आती हैं बल्कि आम जन मानस में सेना को लेकर संशय की भूमिका खड़ी होती हैं जो राष्ट्र के लिए घातक होगी। उन्होंने बाकायदा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की बात की हैं। उन्होंने अपील की हैं कि अगर आवश्यक हो तो इसके लिए ऑर्डिनेंस या जरूरी कानून बनाया जाय और आम भारत वासी के दिल में बसने वाली सेना का मान बढ़ाने का काम करना चाहिए। क्योकि सेना राष्ट्र का गौरव हैं और इस तरह से सेना सूचक शब्दों का प्रयोग घातक साबित हो सकता हैं।
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