कहने को आज देश अमीर हैं पर कोई भी देश अमीर तब होता हैं जब वहां की जनता अमीर हो. आज अस्सी करोड़ आबादी को मुफ्त के राशन की लाइन में देखा जा सकता हैं तो जरा सोचिए हम देश की अमीरी का गुमान कैसे करे? बेरोज़गारी, महंगाई और अव्यवस्था हर सरकार की तिजोरी से निकलते हैं तो क्यों ना हम तिजोरी ऐसी बनाए जिसमें से रोजगार, अच्छी सुविधाएं उचित दाम में और चाक चौबंद व्यवस्था ही निकले सरकार चाहे जिसकी भी हो. साफ़ तौर पर जनता अमीर तो देश अमीर. जनता की अमीरी उसके हुनर की अमीरी और उसकी क़दर करने वाला समाज देगा. किसान अपने अनाज, चारे, गोबर, पशुधन का इस्तेमाल खुशियां बांटने में कर सकेगा. यकीन मानिये सत्तर प्रतिशत आबादी की हिस्सेदारी वाला मालिक गांव कभी भी शहर के नालों मे बसी झुग्गियों में वास करने मजदूरी करने नहीं जाएगा.