सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

मेरी धरती और मेरा आसमान है मेरे पापा, मार्गदर्शक, प्रेरक और बॉडीगॉर्ड भी- अभिनेत्री हर्षदा पाटिल 

मेरी धरती और मेरा आसमान है मेरे पापा, मार्गदर्शक, प्रेरक और बॉडीगॉर्ड भी- अभिनेत्री हर्षदा पाटिल 



विजय शुक्ल


लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया 


 


दिल्ली। लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया ने दक्षिण भारतीय सिनेमा, मराठी व हिन्दी फिल्मी दुनिया की मशहूर अदाकारा हर्षदा पाटिल से फादर्स-डे पर बात की । क्या है पिता का मतलब शायद इससे बेहतरीन कोई ही बता पाये। यही तो हैं हर्षदा के हुनर का जादू। पढिए आखिर क्या कहा अभिनेत्री हर्शदा पाटिल ने......


 


मैं अभिनय की दुनिया मे हूँ जहाँ किरदार का अपना जीवन होता है और हम सब सिर्फ अभिनय करते है उस किरदार को जीने का। लेकिन वहां कोई नही होता जो हमारा ख्याल रखे सब प्रोफेशनल होते हैं ।



आपकी छोटी छोटी जरूरतो का हिसाब किताब रखने वाला वो शख्स कोई है जिसने बचपन से लेकर आज तक मुझमे दुलार वाली नजरो से मेरी सभी जरूरतो को मुझसे पहले मह्सूस किया तो वो हैं मेरे पिता जी डॉ गोपाल राव किशन राव पाटिल।



बचपन मे पिता जी की गोंद से निकलकर स्कूटर के आगे खडे होने की वो हसीन यादे हो या बढ़ते कद के साथ माँ और पापा के बीच मे बैठने तक का सफर सब बिल्कुल बिना किसी डर के बीता क्योकि जैसे ऊपर भगवान होता है सबका ख्याल रखने के लिये वैसे इस दुनिया मे पिता जी है। मैं हमेशा उनकी छांव मे मस्त हूँ और निश्चिंत भी। बचपन मे उनका पेट पकड़कर स्कूटर पर जो आनंद बैठने मे आता था वो अब कहां ।



पर जब भी मुझे कोई तकलीफ होती है तो पता नही साइबर एक्सपर्ट मेरे पिता जी को कैसे पता चल जाता हैं वो भी बिना बोले।



मेरे लिये मेरे पिता मेरी धरती भी है और आसमान भी। मेरे कैरियर की बात हो या पढाई की वो हमेशा आगे रहे मेरे सपनो को अपनी आखों से शायद मेरे पिता जी ने ही देखा हैं। मैं अपने पापा मे अपना योग गुरु भी देखती हूँ और अपना मार्गदर्शक भी। और बॉडीगॉर्ड तो पिता होते ही है अपनी लाडली बेटियो के लिये।



आज मैने अक्षय कुमार, गोविंदा जी , अमिताभ जी, और कई नामी गिरामी दक्षिण भारतीय कलाकारो के साथ काम और पहचान बनाया तो उन सबके पीछे मेरे पिता जी तो हैं।



मैं दिखने मे श्रीदेवी जैसी हूँ या हेमा मालिनी जैसी या फिर स्मिता पाटिल जैसी यह सब मेरे चाहने वाले मेरे दर्शको का प्यार और नजरिया है।



पर मैं हर्षदा पाटिल आज और हमेशा अपने पापा की बिटियाँ ही रहूंगी।



और हर जनम मुझे मेरे पिता के रूप मे डॉ गोपाल राव किशन राव पाटिल ही चाहिये।



उनकी सोच मे भारतीयता और स्वदेशी का जो जोश है काश हम सबमे होता तो भारत की तस्वीर ही शायद अलग होती मैं तो ऐसा ही सोचती हूँ और अभिमान भी इसी बात का हैं मुझे। आज विश्व फादर्स-डे है और मैं उनकी आखों मे अगर चमक और खुशी का एहसास दे पाई हूँ आज तक तो मेरा उनकी बिटियाँ होने का मान रह गया।



मैने इस लॉक डाउन मे देखा कैसे मजदूर अपने बच्चियो को गोंद मे उठाए मीलो पैदल जा रहे थे और कैसे एक लड़की ने दिल्ली से बिहार साइकल से अपने पिता को पहुंचाया। बेटी और बाप का रिश्ता तो मेरी नजर मे भक्त और भगवान जैसा ही है जहाँ कुछ मांगना नही पड़ता सब मिल जाता हैं । चाहे वो मेरी एयरहोस्टेस का कैरियर चुनने पर उनकी रजामंदी हो या उस दौरान उनका मुझे एमबीए की पढाई करने का आदेश। सब बिन मांगे ही तो मिला और जिस दिन मैने फिल्मी दुनिया मे आने का फैसला लिया तो उस दिन भी मुझे प्यार मिला और भरोसा भी कि मैं हूँ ना। 



बाबा रामदेव के साथ पतंजली बीएसएनएल का सिम का प्रयोग हो या पिता जी का बचपन से आज तक का योग सब मुझे एक अलग एह्सास देते है जैसे मानो मैं एक छायादार व फलदार वृक्ष की छांव मे हूँ ।



मेरे लिये तो हर सुबह हर शाम हर जनम मेरे पिता जी की मुस्कान के लिये है और शायद यही फादर्स-डे का सबसे खूबसूरत एह्सास हो मेरे लिये कि मेरे पिता जी मेरे काम और मेरी काबिलियत की वजह से गर्व मह्सूस करे।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

महीनों से गायब सहायक अध्यापिका रहीं गणतंत्र दिवस पर अनुपस्थित,अवैतनिक छुट्टी के कारण सैकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में।

  जयचंद लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया सोनभद्र/म्योरपुर/लीलाडेवा   शिक्षा क्षेत्र म्योरपुर के  अंतर्गत ग्राम पंचायत लीलाडेवा के कम्पोजिट विद्यालय लीलाडेवा में सहायक अध्यापिका रानी जायसवाल विगत जनवरी 2021से तैनात हैँ और प्रायः अनुपस्थित चल रही है।इस प्रकरण में खण्ड शिक्षा अधिकारी महोदय म्योरपुर श्री विश्वजीत जी से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि सहायक अध्यापिका रानी जायसवाल अनुपस्थित चल रही हैँ अवैतनिक अवकाश पर है, उनका कोई वेतन नही बन रहा है। उधर ग्राम प्रधान व ग्रामीणों द्वारा दिनांक 27/12/2023 को ब्लॉक प्रमुख म्योरपुर व श्रीमान जिलाधिकारी महोदय सोनभद्र को लिखित प्रार्थना पत्र देने बावत जब ब्लॉक प्रमुख श्री मानसिंह गोड़ जी से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही हो रही है श्रीमान मुख्य विकास अधिकारी महोदय  सोनभद्र  को मामले से अवगत करा दिया गया है।424 गरीब आदिवासी  छात्र- छात्राओं वाले   कम्पोजिट विद्यालय लीलाडेवा में महज 6 अध्यापक,अध्यापिका हैँ।विद्यालय में बच्चों की संख्या ज्यादा और अध्यापक कम रहने से बच्चों का पठन - पाठन सुचारु रूप से नहीं हो पा रही है जिससे गरी

खण्ड शिक्षा अधिकारी की लापरवाही से शिक्षा व्यवस्था बेपटरी,निर्माणाधीन विद्यालय भवन चढ़े भ्र्ष्टाचार की भेंट

  जयचंद लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया बीजपुर/सोनभद्र  प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी और महत्वकांक्षी निपुण भारत लक्ष्य और डीबीटी योजना म्योरपुर ब्लॉक में सुचारु रूप से चलती नजर नहीं आ रही है।योजना को शत प्रतिशत अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी खण्ड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर को शौपी गयी है लेकिन बीईओ की उदासीनता और लापरवाह कार्यशैली से ना बच्चे निपुण हो रहे हैँ और ना ही डीबीटी योजना का धन अभिभावकों तक पहुंच रहा है।बताया जा रहा है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर भवन निर्माण कराने वाले शिक्षकों और भगोड़े को प्रशिक्षण और बोर्ड परीक्षा ड्यूटी के नाम पर संरक्षण देने में ही अपना पुरा ध्यान लगा रखे हैँ।ऐसे में विद्यालयों में पठन पाठन का माहौल खत्म हो गया है।        शुक्रवार को म्योरपुर ब्लॉक के जरहा,किरबिल,सागोबाँध और म्योरपुर न्याय पंचायत के विभिन्न गांव में पहुँचे भाजपा के प्रतिनिधि  मंडल को ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक विद्यालय नहीं आते हैँ तो विद्यालय के बच्चे निपुण कैसे होंगे।         मण्डल अध्यक्ष मोहरलाल खरवार को ग्रामीणों ने बताया कि  बच्चों को किताबें पढ़ने नहीं आती   लेकिन खण्ड शिक्षा अधिकारी के दबा

प्रधानमंत्री मोदी जी के कार्यक्रम में जा रही बस पलटी 24 यात्री घायल

  मिठाई लाल यादव लोकल न्यूज़ ऑफ़ इंडिया मध्य प्रदेश:  मध्य प्रदेश शहडोल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने जा रही यात्री बस शनिवार सुबह पलट गई हादसे में 24 लोग घायल हुए हैं घायलों को जिले के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया है बस डिंडोरी जिले के धनवा सागर से शहडोल आ रही थी अनूपपुर जिले के पथरूआ घाट में मोड़ पर अनियंत्रित होकर पलट गई बस में लगभग 30 यात्री सवार थे डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा ने बताया कि बस मैं सवार सभी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शहडोल जा रहे थे