सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

राजनीति-व्यापार-सिनेमा-समाज-खेती बारी लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हंसल मेहता की NETFLIX की नयी वेब सीरीज स्कूप से अभिनेता दर्शन दवे की दमदार वापसी

घर एक सपना' , 'मेरा ससुराल' और 'बेगुसराय' में दर्शकों के दिलों पर राज किया हैं अभिनेता दर्शन दवे  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  मुंबई, दिल्ली। अभिनेता दर्शन दवे हंसल मेहता की Netflix के लिए नयी वेब सीरीज 'स्कूप' से वापसी कर रहे हैं । दर्शन दवे अपने डेली सोज 'घर एक सपना' , 'मेरा ससुराल' और 'बेगुसराय'  के लिए जाने जाते हैं। &टीवी के धारावाहिक बेगूसराय के बाद दर्शन ने अपने परिवार और कुछ पारिवारिक उत्तरदायित्वों के लिए कुछ वक़्त एक्टिंग और मुंबई से एक ब्रेक ले लिया , जिसकी उन्हें ख़ुशी है क्यूंकि इस बहाने वे lockdown में अपने परिवार के साथ ज़्यादा वक़्त गुज़ार सके , और इस वक़्त का सदुपयोग करते हुए उन्होंने जयपुर में एक्टिंग का एक इंस्टिट्यूट आरम्भ किया और अपना एक रिकॉर्डिंग और एडिटिंग स्पेस बना लिया।  अब अच्छी खबर ये है कि वे डायरेक्टर हंसल मेहता की नयी वेब सीरीज 'स्कूप' से वापसी कर रहे हैं , हंसल मेहता की हर्षद मेहता के जीवन पर बनी पिछली वेब सीरीज 'scam' साल की सबसे बड़ी और कामयाब वेब सीरीज रही है।  दर्शन 'स्कूप' में Anti te

आदर्श क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी के मनी लॉन्ड्रिंग के अभियुक्त जेल में या बेल पर, निवेशकों की आखिर ना अभियुक्त सुन रहे न सरकार , आखिर कहाँ जाए यह लगभग बीस लाख निवेशक परिवार

विजय शुक्ल  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  दिल्ली।  आदर्श क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड मनी लॉन्ड्रिग  जैसे आरोपों में घिरी और इसके संचालको को जेल में डाल  दिया गया और अब कुछ बेल पर हैं पर जो भी बेल पर हैं या जेल में हैं उनमे से किसी ने भी जब्त हुई करोडो की सम्पत्तियो को निस्तारित कर निवेशकों को पैसा वापिस करने की मांग क्यों नहीं की यह बड़ा सवाल हैं।  सरकार न्यायिक प्रक्रिया के तहत प्राप्त निर्देशों के तहत अपनी चाल से चल रही हैं और निर्देशकों व् संचालको की अपनी चाल बेल पाने और बेल बचाने की अलग जारी हैं।  सम्पत्तियो की जब्ती के बाद से लेकर अब तक निवेशकों के हित के लिए शायद ही कुछ हुआ हो नतीजा यह हैं कि  निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई की वापसी को लेकर इधर उधर चक्कर काट रहे हैं और सिवाय आश्वासन के अब तक उनकी जेब और खाली ही हुई हैं क्योकि दिल्ली के सियासी गलियारों का पानी भी बीस रूपये का हैं तो परिणाम के चक्कर में उनकी अपनी हालत पर शायद ही कोई सोचे।  ऐसे कई निवेशक होंगे जिनकी सोच में यह रकम डूबी लगी होगी क्योकि उनको इन सब बातो की कोई जानकारी नहीं होती कि  उनके पैसे का कौन कहाँ क्या इस्तेमाल कर  रहा हैं

60 की उम्र में हांफने लगा गोवा ..इकानामी संकट में

गोवा मुक्ति दिवस पर विशेष .. विजय शुक्ल  गोवा।  पर्यटक राज्य के तौर पर देश भर में खुशियां फैलाने वाला गोवा 19 दिसंबर को 60 साल का हो जायेगा. गोवा मुक्ति दिवस के साठ साल के मौके पर समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगें लेकिन इस छोटे से राज्य के आर्थिक हालात इतने खराब हो चले है कि हर गोवा वासी पर पांच लाख रुपये का कर्ज है और सरकार के ऊपर बीस हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है . अब सबको उम्मीद है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष पैकेज की और गोवा की रीढ माने जाने वाली माइनिंग की फिर से शुरुआत करने के ऐलान की क्योंकि इसके बिना गोवा के हालात जल्दी ठीक नहीं होने वाले . इसके साथ ही ओमाइक्रोन की दहशत के कारण गोवा में इस बार 40 फीसदी टूरिस्ट भी नहीं पहुंचे है . किनारों पर रंगीन होने वाले शेक और कसीनों से लेकर क्लब तक सब सूने पड़े हैं. इस बार गोवा का मशहूर सनबर्न भी नहीं होगा और न ही गोवा कार्निवाल की रौनक होगी.  आइये एक नजर डालते है इन साठ सालों में गोवा ने क्या हासिल किया. गोवा देश का वो राज्य है आजादी के 14 साल बाद भारत गणराज्य का हिस्सा बना .  सन 1962 में गोवा मुक्ति आंदोलन के

जी यही तो हैं अभिनेत्री हर्षदा पाटिल - मुस्कराहट बांटती रील और रियल लाइफ दोनों जगह

विजय शुक्ल  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  दिल्ली।   अभिनेत्री हर्षदा पाटिल (Harshada Patil) का अभिनय से हटकर एक अपना अलग अंदाज हैं।  वो बिंदास मराठी बाला की तरह अपने दोस्तों के बीच में हंसती मुस्कुराते फुर्सत के पल अपने आप ढूंढ लेती हैं। शायद इसके पीछे उनके अंदर का छुपा हुआ बचपन हो।  आपको बता दें कि  हर्षदा पाटिल अभिनय की दुनिअय में आज उस मुकाम पर खड़ी हैं जहां पहुंचने में लोगो को कई बरस लग जाते हैं और उनकी तुलना आज अपने समय की मशहूर हुस्न और अभिनय की मल्लिकाओ हेमा मालिनी और श्रीदेवी से होती हैं और उसके पीछे का सिर्फ उनका एक ही राज हैं वो हैं खुले दिल से खिलखिलाकर हंसना।  आजकल हर्षदा पाटिल दक्षिण भारत और मुंबई की लगातार अपने भविष्य के असाइनमेंट्स पर काम  कर रही हैं और ऐसे मुस्कुराते हुए पल के बीच वो महामारी से बचाव का अपना सामजिक कर्तव्य भी निभा लेती हैं तो  अपने पिता और माता के साथ भी वक़्त साँझा करने से नहीं चूकती।  उनको देखकर या मिलकर उनकी उस शख़्शियत  का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल होता हैं जो उन्होंने अक्षय कुमार , गोविंदा जैसे नामचीन कलाकारों के साथ अभिनय करके बनाया हुआ हैं। 

बैठकी करते लोकल साथी

सोशल काका  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  दिल्ली.   हजार किलोमीटर दूर आज सोनभद्र में साथियों ने बैठक की.  बैठक कैसा हो पत्रकारिता का लोकल पैमाना. अखबार का कलेवर और खबर का तेवर इस पर खुलकर चर्चा अब शुरू हुई जल्द ही अन्य साथियों के साथ भी होगी बैठकी किसी नए अड्डे पर  । लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया के जरहा न्याय पंचायत के सभी पत्रकारों के साथ आज एक बैठक ली गई। जिसमें ब्लॉक म्योरपुर प्रभारी  मंसूर आलम के साथ ईश्वरी प्रसाद, राजेश कुमार सिंह, साधना द्विवेदी, राकेश दुबे, प्रदीप जयसवाल, सुनीता चौधरी, राहुल तिवारी उपस्थित रहे।

नहीं रहा वो यूपी प्रतापगढ़ का पंडित जिसको दुनिया खूंखार ठाकुर के नाम से जानती थी , अलविदा एक्टर अनुपम श्याम ओझा

अंजलि यादव  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  नई दिल्ली। वो भले ही टीवी वालों के लिए स्टार और बॉलीवुड वालों के लिए एक करेक्टर आर्टिस्ट हों लेकिन यूपी के प्रतापगढ़ जिले के लिए वो शान थे, जिनकी फोटो जिले के कई दुकानों में आज भी लगी दिख जाएंगी. जी हां, हम बात कर रहे हैं टीवी और बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर अनुपम श्याम ओझा की, जिन्होंने रविवार को लंबी बीमारी के बाद दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. मालूम हो कि वह पिछले कई दिनों से मुंबई के लाइफलाइन अस्पताल में भर्ती थे, उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसकी वजह से वो कल अपनी जिंदगी से जंग हार गए.   साल भर पहले भी बिगड़ी थी तबीयत  अनुपम श्याम को पिछले साल मार्च 2020 में किडनी की समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वो उस वक्त आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे. अनुपम श्याम के भाई ने आर्थिक मदद की अपील की थी क्योंकि वे अस्पताल के बिल का भुगतान नहीं कर पा रहे थे. अनुपम श्याम के ठीक होने के बाद लगातार उनकी डायलिसिस करवाई जा रही थी. 2021 में टीवी सीरियल 'मन की आवाज प्रतिज्ञा' के सीजन 2 लॉन्च होने पर वह काम पर वापस आ गए थे. वह अ

कुलगाम में आतंकियों-सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ के दौरान फंसे 430 नागरिकों को बचाया

  आसिफ़ अशरफ मीर  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  कुलगाम।  जम्मू-कश्मीर में सोमवार को कुलगाम के अहरबल में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई है. बता दे कि सेना लगातार ऑपरेशन चला रही है. जंहा अहरबल में फॉरेस्ट एरिया में हुए एक एनकाउंटर में सेना को सफलता मिली है. सुरक्षाबलों ने इस मुठभेड़ में एक लश्कर के एक टॉप कमांडर को ढेर कर दिया है. कश्मीर ज़ोन पुलिस ने जारी इस मुठभेड़ की जानकारी दी है. जबकि जिला पुलिस कुलगाम ने लोकप्रिय पर्यटन स्थल अहरबल में फंसे 430 नागरिकों को निकाला. 430 लोगों को बचायाजानकारी के मुताबिक, आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच सोमवार दोपहर शुरू हुई गोलीबारी के बाद उनकी खुद की सुरक्षा के लिए उनकी आवाजाही रोक दी गई थी. शाम के समय, नागरिकों को पुलिसकर्मियों की सशस्त्र सुरक्षा के तहत एक निकासी बिंदु पर ले जाया गया और उनके परिवहन के लिए एसएचओ मंज़गाम इंस्पेक्टर इम्तियाज और एसएचओ डीएच पोरा इंस्पेक्टर तनवीर द्वारा 40 (चार) वाहनों की व्यवस्था की गई. एडीएसपी कुलगाम श्री जुल्फकार की देखरेख में निकासी अभियान में, 430 व्यक्तियों को निकाला गया और सुरक्षित रूप से उनके गंतव्य तक प

जाको राखे सांईआ मार सके ना कोय

  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  किन्नौर। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले अंतर्गत बटसेरी में रविवार दोपहर हुए भूस्खलन में 9 लोगों की जान गई थी। वहीं, इसमें दो लोगों की जान बची है। जिनकी जान बची है वह भगवान के आशीर्वाद से फिल्मी अंदाज में बची है। दरअसल, पहाड़ी से गिरी चट्टानें जब गाड़ी से टकराई तो दो पर्यटक छिटककर बाहर गिर गए। वाहन हवा में जा उड़ा और करीब 600 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। वहीं, ये दोनों पर्यटक एक पत्थर के पीछे जाकर गिरे। जिस कारण दोनों बेहोश हो गए। हालांकि, पत्थर के पीछे होने की वजह से ये सुरक्षित हो गए। जिंदा बचे दोनों पर्यटक की पहचान शिरील ओबरॉय (39 वर्ष) दिल्ली और मोहाली के नवीन भारद्वाज (37 वर्ष) के तौर पर हुई है। रेस्क्यू के दौरान दोनों युवक को पत्थर के पीछे से निकाला गया तो दोनों की सांसे चल रही थी। आनन-फानन में इन्हें अस्पताल जे जाया गया। जहां डॉक्टरों ने दोनों को खतरे से बाहर बताया है। मामूली चोटें हैं, डर की वजह से बेहोश हो गए थे।ट्रे ट्रेवल एजेंसी से आए थे अलग-अलग राज्य के लोग: शिरील और नवीन ने बताया कि बीते गुरुवार को उन्होंने एक ट्रेवल एजेंसी के साथ हिमाचल की ट्रिप बुक की

काश कुछ और फ़िल्मी सितारे हर्षदा पाटिल सरीखे होते तो आसानी से रुक जाती तीसरी लहर

विजय शुक्ल  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  मुंबई, दिल्ली। दूसरी लहर से उबरते भारत में जैसे ही मामले कम हुए लोगबाग कुल्लू मनाली और मसूरी शिमला गोवा घुमते नजर आने लगे।  तीन दिन की मौज में तीसरी लहार को मनाओ न्यौता देने का कार्यक्रम बना लिया हो।  पर वही दूसरी ओर अभिनेत्री और महाराष्ट्र प्रदेश की  ब्रांड एम्बेस्डर , प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी प्रचार प्रसार योजना  हर्षदा  पाटिल ने अपने व्यस्तता वाले जीवन शैली में भी मुंबई के गरीब बच्चे बच्चियों को मास्क और सेनिटाइजर बाँट उनको हाथ धोने , दो गज की शारीरिक दूरी बंनाने और मास्क पहनने के साथ साथ सेनेटाइजर का प्रयोग करने का बीड़ा  उठा रखा हैं।   काश हमारे फ़िल्मी दुनिया और उद्योग जगत की हस्तियां बाहर निकलकर अपने आस पास के जरूरतमंदो को ऐसे ही आगाह करती और देश दुनिया की चकाचौंध में लापरवाह होते बचपन और लोगो को तीसरी लहर से बचाने के इस महाअभियान में समाज को जागरूक करती तो यकीन मानिये तीसरी लहर की जंग हम आने से पहले ही जीत जाते।  आपको बता दे कि  अपने निजी जीवन में बेहद संजीदा , सरल और सौम्य स्वभाव की हर्षदा पाटिल की सोच सामाजिक न्याय और समरसता को बनाये रखने की

तन और मन के मिलान की यात्रा हैं योग -अभिनेत्री हर्षदा पाटिल

  विजय शुक्ल  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  दिल्ली.  वैसे तो आज योग दिवस के दिन जानी मानी हस्तियों का योग करना एक लाजमी हैं पर आजकल जिस तरह फ़िल्मी सितारों के राज बाहर आ रहे हैं उससे पता चलता हैं कि  उनकी खूबसूरती और तंदरुस्ती का राज योग भी हैं जो उनकी दिनचर्या का हिस्सा हैं। ऐसा ही एक सहज नाम हैं हर्षदा पाटिल का।  बेहतरीन खूबसूरत और जिंदादिल अभिनेत्री के साथ साथ संस्कारो से सिंचित उनका मन सबसे अलग बनाता हैं। बचपन में अपने पिता डॉक्टर गोपाल किशन राव पाटिल के साथ अठखेलियाँ करते हुए योग को सीखना और आज उसी योग के जरिये अपने सौंदर्य को निखार अभिनय की अपनी कर्मठ शैली से वो एक बड़े मुकाम पर हैं।  दक्षिण भारतीय सिनेमा के साथ साथ अक्षय कुमार जैसे अभिनेता के साथ पैडमैन जैसी फिल्मो में अपने अभिनय का योग उन्होंने पूरा पूरा दिखाया।  योग दिवस पर अभिनेत्री हर्षदा पाटिल ने कहा कि  योग तो अंतर्मन की यात्रा हैं और उस अंतर्मन को बाहर की दुनिया के हर पैतरे का जबाब देने की क्षमता से पूर्ण करना ही योग का परिणाम हैं।   आज इस कोरोना महामारी में योग ने ना सिर्फ हमें दुनिया की तमाम तनाव भरी बातो से बचाया बल्कि हमारे आत्

वास्तव में GDC Ltd में सौ करोड़ की धोखाधड़ी का मामला था या राजेंद्र शर्मा की व्यक्तिगत खुन्नस थी वजह

विजय शुक्ल  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  दिल्ली । कमल मोरारका हमेशा खबरों की दुनिया में बने रहने वाली शख़्शियत थे और आज उनके जाने के बाद उनके जन्मदिन के दिन भी सन्नाटा हैं ना तो व्यापारिक दुनिया में ना ही राजनीतिक दुनिया में कही कोई खबर या बधाई दिखी .. दिल से जन्मदिन की बधाई कमल मोरारका साहेब काश आप होते तो मुखरता से आज गलत  नीतियों  का विरोध करते,हमेशा की तरह निडर रहते हुए  । खैर यह तो रीति हैं इस दुनिया की जिस आदमी की मौत खामोशी से दफना दी गयी हो उसके जन्मदिन का क्या आगाज ? बहरहाल हमारी पहुंच वाली गलियारों से दूर शायद कही कमल मोरारका जी को कुछ लोग जरूर याद कर रहे होंगे। वापस कमल मोरारका के अपने खासमखास राजेंद्र शर्मा और बिटिया प्रगति ने आखिर क्यों मुकेश गुप्ता पर सौ करोड़ की वित्तीय धांधली का आरोप लगाया।  क्या इसके पीछे कमल मोरारका जी के जीते जी राजेंद्र शर्मा से कोई वार्ता न करने वाली कमल मोरारका जी का वो आदेश था जो उन्होंने मुकेश गुप्ता को दिया था।  कही ऐसा तो नहीं उसी का बदला सिर्फ राजेंद्र  चाहते हो और भारती मोरारका , प्रगति मुंद्रा और बाकी सब बस  इस चाल में महज एक प्यादे की तरह हो।  आखिर

आखिर बन्दूक और गुंडों के सहारे मोरारका आर्गेनिक के दफ्तर पर कब्जा करने की जरूरत क्यों आन पडी ?

विजय शुक्ल  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  दिल्ली।   कमल मोरारका जी का व्यक्तित्व और उनकी भारतीय किसानो की आय बढ़ाने के साथ बढ़िया उत्पाद लोगो तक पहुंचाने की ललक के कारण ही उन्होंने शायद मुकेश गुप्ता के अनुभव का सही उपयोग करने के लिए GDC Ltd  में जोड़ा होगा। और जैसा की मोरारका आर्गेनिक ने बाजार में अपनी साख बनायी हैं उसके पीछे हो सकता हैं मुकेश गुप्ता के नेतृत्व में उनकी टीम का योगदान रहा हो। इस बात का सही अंदाजा तो कमल मोरारका जी के बाद सर्वेसर्वा उनकी धर्मपत्नी ही बता सकती हैं।  क्योकि उन्ही के आदेश से दुबारा शायद मुकेश गुप्ता ने राजेंद्र शर्मा को रिपोर्ट करना शुरू किया होगा जो बतौर उनके कमल मोरारका जी ने बिलकुल मना कर रखा था।  बहरहाल यह मामला आतंरिक हैं और इस पर स्वायत्त अधिकार भारती मोरारका जी का और मुकेश गुप्ता का हैं।  पर एक सवाल जो  सबसे बड़ा हैं वो यह कि  इस महामारी में ऐसा क्या मामला बना कि  राजेंद्र शर्मा मय प्रगति मुंद्रा जयपुर गुंडों और बन्दूक के साथ मोरारका ऑर्गेनिक और रिसर्च फाउंडेशन के ऑफिस पर कब्जा करने के लिए जयपुर दफ्तर पर मई में आते हैं और कब्जा कर भी लेते हैं।  तो क्या मुकेश गुप

वन सम्पदा के रूप में प्रकृति ने हमको दिया हैं अपार ऑक्सीजन लंगर - अभिनेत्री हर्षदा पाटिल

विजय शुक्ल  लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया  मुंबई, दिल्ली।  सूरत और सीरत दोनों में बेहतरीन और अच्छी  सोच की मल्लिका हैं अभिनेत्री हर्षदा पाटिल। समाजसेवा  के साथ साथ पर्यावरण की हर मुहीम में  बढ़चढ़कर हिस्सा लेने वाली प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी प्रचार प्रसार योजना की महाराष्ट्र प्रदेश की ब्रांड एम्बेस्डर अभिनेत्री हर्षदा पाटिल रुपहले परदे की हसीन सितारा हैं और तेलुगु से लेकर हिंदी और महाराष्ट्री सिनेमा में लाखो करोडो चाहने वाले दर्शको के दिल पर  राज करती हैं।   और  हर्षदा का मानना हैं कि उनकी  अपनी पैतृक संस्कृति हैं जो अपने पिता डॉक्टर गोपाल किशन राव पाटिल और और माँ से मिली हैं।  पांच पौधे लगाकर प्रकृति का श्रृंगार करने जैसा सुख मिला यह मेरे अपने फैंस के लिए भी  एक सन्देश हैं और उनके लिए मेरी तरफ से तोहफा भी।  क्योकि मेरा मानना हैं कि अच्छी आदतों की लत देर से लगती हैं और यह लत सबको लगनी चाहिए। हर्षदा पाटिल में जहां  ओर श्रीदेवी जैसा किरदार निभाने की क्षमता हैं वही अपनी अच्छी आदतों की वजह से वो नामी फ़िल्मी हस्तियों में एक  अलग मुकाम रखती हैं।  अपने दर्शको और  चाहने वालो के लिए हर्षदा का यह वीडियो स

अभिनेत्री हर्षदा पाटिल को देख बस उनके फैंस क्यों गुनगुनाने लगे --- तेरे हुस्न की क्या तारीफ करूँ.......

विजय शुक्ल  लोकल  न्यूज ऑफ इंडिया  दिल्ली।  हर्षदा पाटिल अभिनय और खूबसूरती का बेजोड़ मेल हैं मानो।  सीधी  सादी  मुस्कुराती हर्षदा पाटिल जब साड़ी  पहनकर आती हैं तो मानो कायनात मुस्कुराने लगती हो।  उनकी सुंदरता का पूरक बन जाते हैं यह वस्त्र।  तो अब जाहिर सी बात हैं कि  गाना याद आ ही जाएगा    तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूं            कुछ कहते हुए भी डरता हूँ                  कहीं भूल से तू ना समझ बैठे                      की मैं तुझसे -------------------    अब भला अभिनेत्री हर्षदा पाटिल की मोहक अदाओ से उनके चाहने वाले दर्शक भला कैसे बचे  रह सकते हैं ? अभिनेत्री हर्षदा पाटिल के सभी किरदार अपने आपमें एक मिसाल हैं और उसके पीछे उनकी सादगी और मुस्कान हैं।   आपको बता दे कि  दक्षिण फिल्मो में एक बड़े मुकाम हासिल करने वाली यह किरदार हिंदी सिनेमा के बड़े बड़े अभिनेताओ के साथ काम करने का तजुर्बा तो रखती ही  हैं साथ ही साथ  सामाजिक स्तर पर भी काफी सक्रिय  रहती हैं।   प्रधानमंत्री प्रचार प्रसार योजना की महाराष्ट्र राज्य की ब्रांड एम्बेस्डर होने का  इनको ज़रा भी  गुरूर नहीं  हैं।  हमेशा गरीबो की और कामगारों

रिलायंस BSES का सिक्का चलता हैं दिल्ली में , कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखा मीटर लगाने से किया इंकार

अदालत के  आदेश से पहले बिल्डिंग थी वैध , अब बस एक फ्लोर हुआ अवैध , बाकी फ्लोर पर  तो अब भी जल रही है बत्ती  विजय शुक्ल  लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया  दिल्ली।  किसान आंदोलन का जायज या नाजायज होना सिर्फ इस बात से साफ़ हो जाता हैं कि  दिल्ली में बिजली का सर्वाधिकार रिलायंस के पास और टाटा के पास हैं।  टाटा का तो राम जाने पर रिलायंस का रवैया तो बस  केजरीवाल;जी और मोदी जी पर भी भारी ही दिख रहा हैं।  जनता पर तो उनका ऐसा रहमोकरम हैं कि  क्या औकात कि  कोई यह पूछ ले कि  कोरोना काल में बिजली के मीटर की  रीडिंग्स  लिए बिना  पिछले साल के तजुर्बे  के आधार पर वसूले गए ज्यादा बिल का क्या होगा और उसको कैसे वापस करेंगे ? बहरहाल आज आपको हम एक किस्सा सुनाते हैं यह किस्सा हैं आश्रम के एक भवन का जिसका निर्माण ना जाने एमसीडी के किस अधिकार और नक़्शे के आधार पर हुआ होगा क्योकि आरटीआई में तो एमसीडी के पास कुछ जानकारी ही नहीं हैं ना इस भवन की और ना इसके मालिकान की। चलो पर निजामुद्दीन बिजली कार्यालय में बैठे सैनी यादव और कुमार टाइप के बाबू साहब लोगो ने तो धमाल मचा रखा हैं।  इतिहास के पन्नो में दर्ज उनके द्वारा लगाए गए मीट

नैसर्गिक अभिनय के साथ साथ एक बेहतरीन आवाज और संजीदा व्यक्तित्व हैं सावधान इंडिया के अभिनेता दर्शन दवे

विजय शुक्ल  लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया  दिल्ली।  आज माहौल हैं वेबसीरीज का और अभिनय के नाम पर ज्यादातर ऐसे दृश्यों को दर्शाया जा रहा हैं जो सामाजिक ताने बाने को बिगाड़ रही हैं और लोग छुप छुप कर फिल्मो को देख रहे हैं।  हैरत की बात तो यह हैं कि  बच्चे भी चोरी छुपे इनकी चपेट में आ रहे हैं जहां ड्रग्स , अश्लील दृश्य और फूहड़ता को ही  लाइ  स्टाइल बना रहे हैं।  ऐसे में कुछ अच्छे किरदार जिनको अभिनय के साथ साथ इस बात का भी एहसास हैं कि उनके द्वारा निभाए गए अब तक के किरदारों को मिले पुरस्कार और समाज ने जो सम्मान उनको दिया हैं उसकी जिम्मेदारी को कैसे निभाना हैं? उनकी मौजूदगी ही किरदार में एक नयी जान डाल देती हैं और अभिनय का  नैसर्गिक होना लोगो का मन मोह लेता हैं और यही वजह होती हैं उस फिल्म का या धारावाहिक का लोगो के जेहन में अपनी खास जगह बना लेने की।  ऐसा ही एक किरदार हैं दर्शन दवे  का, जिनको आप टेलीविज़न में घर एक सपना से लेकर अब सावधान इंडिया में देखते रहे हैं।  हुनर की बात तो ऐसी की मानो अभिनय ने इनको चुना हो ना कि  इन्होने अभिनय को।  दर्शन दवे  आज मुख्यधारा के अभिनेताओं मनोज बाजपेयी, पंकज त्रिपाठी औ

मशहूर अभिनेत्री हर्षदा पाटिल इस समय कर रही हैं गोवा में मस्ती

विजय शुक्ल  लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया  दिल्ली।   कोरोना की कैद से अभी सबको आजादी नहीं मिली हैं पर हर किसी ने तरीको को अपनाते हुए अब काम धंधे पर लौटना शुरु कर दिया हैं।  अब अगर फ़िल्मी सितारों की बात करे और उस पर भी खूबसूरत अभिनेत्रियों की तो सबका अपना अपना अंदाज हैं इस समय नए साल में छुट्टियां बिता अपने आप को वापस काम पर तरोताजा तरीके से तैयार  करने का।  अभिनेत्री हर्षदा पाटिल कोरोना में  फोटो शूट्स , वेब सीरीज और अमेरिका यात्रा में बिजी होने के बाद अब नए साल की शुरुवात में  वक़्त निकाल ही लिया हैं और गोवा में उनको अलग अलग जगह मस्ती करते देखा जा सकता हैं।  यह सिनेस्टार भी अपना वक़्त बहुत सादगी से और आम इंसान की तरह बिताना चाहते हैं  बिताते भी हैं।  पर इनके चाहने वालो की नजर इन पर होती हैं कि  यह कैमरे की कैद में आ ही जाते हैं।  हर्षदा पाटिल जो कि  महाराष्ट्र राज्य की ब्रांड एम्बेस्डर भी हैं प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी  प्रचार प्रसार योजना की जिसके तहत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से लेकर स्वच्छता मिशन हो या फिर उज्जवला योजना सबका  प्रतिनिधत्व करने की जिम्मेदारी इनकी अपनी शख़्शियत की वजह से मिली हैं।  बहर

बॉयोपिक ऑफ द ईयर में शामिल होंगे विश्व के 101 दिग्गज व्यक्ति

गोल्डन बुक ऑफ द अर्थ  में शामिल होगा 101 बॉयोपिक का अनूठा रिकॉर्ड सोशल काका  लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया  दिल्ली। हर व्यक्ति अपनी फिल्म का हीरो है बस उनकी स्टोरी रिलीज नही हो पाती,आज विश्व मे हज़ारों ऐसे व्यक्तित्व हैं जो दिन रात एक करके अपने देश समाज व जरूरतमंदों की सेवा में अपनी जिंदगी लगा रहे हैं ,इन्ही लोगो को अंतराष्ट्रीय पहचान देने के लिए  हम बना रहे हैं एक रिकॉर्ड फ़िल्म जिसमे विश्व के 101 अनसंग हीरोज़ के अद्भुत जीवन को दिखाया जाएगा । शिखर पर पहुँचने के लिए सामर्थ्य चाहिए।  फिर वो चाहे माउंट एवेरेस्ट का शिखर हो या आपके केरियर का" . ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की पंक्तियों और डिजिटल युग में एक और कदम को सार्थक करते हुए  स्वर्ण भारत परिवार द्वारा एक नई श्रंखला का आगाज हो रहा है, जिसमें विश्व की 101 प्रभावशाली हस्तियों की बायोपिक डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म एक ऐसा मंच है जहां आपने कड़ी मेहनत के माध्यम से जो सफलता अर्जित की है संघर्ष व सफलता का वीडियो , संघर्ष और सफलता की कहानी को एक शॉर्ट फिल्म के रूप में विश्व स्तर पर जारी करेंगे।  "हर व्यक्ति अपनी जिंदगी में हीरो है बस कुछ लोगों की फिल्म

नहीं रहे मोतीलाल वोरा , पत्रकार से मुख्यमंत्री पद तक सफर

विजय शुक्ल  लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया  दिल्ली। मोतीलाल वोरा नहीं रहे।  चुनावी  कैंपेन के सिलिसले में उनसे कई बार मिलना रहा। अच्छे सुलझे हुए खजांची होने के साथ साथ सबकी सुनने की उनकी कला अपनापन तो देती ही थी।  उनका जीवन भी फ़िल्मी दुनिया सरीखा सा रहा मानो कोई रील चल रही हो।  राजस्थान में जन्म लेने वाले अविभाजित मध्यप्रदेश में रायपुर से पढ़ाई करने वाले वोरा का राजनीतिक सफरनामा बड़ा ही अलग और रोमांचित करने वाला रहा है। चाहे वो  दुर्ग  से पत्रकारिता करते हुए पार्षद निर्वाचित होना और फिर विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री बन जाना रहा हो या फिर  राज्यसभा सदस्य बनते ही वे केंद्रीय मंत्री पद से नवाजा जाना  सब दिलचस्प था।  कांग्रेस के सबसे भरोसेमंद सिपहसालार माने जाने वाले वोरा राजनीतिक शुचिता के लिए भी पहचाने जाते हैं।कांग्रेस वरिष्ठ नेता पूर्व कोषाध्यक्ष व मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा ने 92 वर्ष की उम्र में अस्वस्थता के चलते आज दिल्ली के निजी चिकित्सालय में अंतिम सांस ली।  गांधी परिवार के खासमखास थे वोरा और राहुल गांधी को आगे बढ़ाने में हमेशा अग्रसर भी  मोतीलाल वोरा राजनीति में आने से पहले

किसान आंदोलन के समर्थन में तथा तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने की मांग को लेकर इंदौर में बनी विशाल मानव शृंखला

आंदोलन में शहीद हुए किसानों की तस्वीरे लेकर मजदूर संगठन और किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन सोशल काका  लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया   इंदौर। शहर के विभिन्न श्रम संगठनों, किसान संगठनों ने मिलकर आज किसान आंदोलन के समर्थन में गांधी प्रतिमा तिराहे पर प्रभावी मानव श्रृंखला बनाई और किसान आंदोलन में 20 से ज्यादा शहीद हुए किसानों को अपनी श्रद्धांजलि दी। मानव श्रृंखला का आव्हान संयुक्त ट्रेड यूनियन काउंसिल, सिटी ट्रेड यूनियन काउंसिल, इंटक, एटक, सीटू, किसान संघर्ष समिति ,अखिल भारतीय किसान सभा, खेत मजदूर संगठन, बैंक ,बीमा कर्मचारी संगठन ,अखिल भारतीय शांति  एकजुटता संगठन ,डाकतार कर्मचारी संगठन सहित विभिन्न श्रम संगठन और किसान संगठनों ने किया था ।  रामस्वरूप मंत्री ,संयोजक, किसान संघर्ष समिति, मालवा निमाड़-9425902303 प्रदर्शन का नेतृत्व श्याम सुंदर यादव,, आलोक खरे, अरविंद पोरवाल एस के दुबे, ,,कैलाश लिंबोदिया, रामस्वरूप मंत्री, अरुण चौहान, अजय यादव आदि कर रहे थे । बडी संख्या में शामिल कार्यकर्ता हाथों में क्रृषि  कानून वापस लेने दिल्ली में शहीद हुए 20 से अधिक किसानों  की तस्वीरें तथा अखिल भार