तीर्थन घाटी में दो दिवसीय कोविड-19 जागरूकता शिविर का आयोजन।
- समुदाय आधरित पर्यटन परियोजना के अन्तर्गत पर्यटन से जुड़े लोगों को किया जागरूक।
- डॉक्टरों ने लोगों को बताए कोरोना महामारी से बचाव के उपाय।
परसराम भारती
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
तीर्थन घाटी गुशैनी,बंजार।हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विभाग द्वारा एशियन डेवलोपमेन्ट बैंक की सहायता से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए समुदाय आधारित पर्यटन परियोजना चलाई जा रही है। इस परियोजना के तहत प्रदेश की कुछ चयनित ग्राम पंचायतों में स्थानीय समुदाय को पर्यटन से सम्बंधित गतिविधियों, प्रबन्धन, कौशल विकास, पाक कला व स्वच्छता इत्यादि के बारे मे जागरूक और प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि स्थानीय समुदाय की महिलाएं व युवा पर्यटन से सम्बंधित शिक्षण प्रशिक्षण ले कर इस क्षेत्र में अपनी आजीविज कमा सके । यह परियोजना स्थानीय समुदाय को पर्यटन विकास के साथ साथ यहां की प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के बेहतर संरक्षण में भी सहायक सिद्ध हो रही है।
इस परियोजना के अन्तर्गत कुल्लू जिला में उप मण्डल बंजार की तीर्थन घाटी से दो ग्राम पंचायतों नोहन्ड़ा और कंडीधार को भी शामिल किया गया है। इसी परियोजना के तहत तीर्थन घाटी की इन दो पंचायत के स्थानीय लोगों को पर्यटन से सम्बंधित होम स्टे प्रबन्धन, पाक कला(कुकिंग), ट्रैकिंग गाइड, हस्तशिल्प, प्राथमिक चिकित्सा और जागरूकता जैसे कुछ आधारभूत और अग्रणीय स्तर के प्रशिक्षण कोर्स करवाए जा चुके है।
इसी कड़ी में घाटी की इन दो पंचायतों कंडीधार और नोहण्डा में 20 और 21 सितम्बर को पर्यटन की सहायक सेवाओं से जुड़े लोगों ढाबा संचालको, टैक्सी संचालको और स्थानीय महिलाओं के लिए दो दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
ग्राम पंचायत नोहन्ड़ा और कंडीधार से 30/30 प्रतिभागियों ने इस शिविर में हिस्सा लिया है। यह प्रशिक्षण एक दिन ग्राम पंचायत कंडीधार में दिनाँक 20 सितम्बर और एक दिन ग्राम पंचायत नोहण्डा में 21 सितम्बर को प्रदान किया गया है।
इस दो दिवसीय जागरूकता शिविर में स्वास्थय विभाग की ओर से प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र गुशैनी के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर इन्दु वाला और डॉक्टर आलम पराशर ने पर्यटन व्यवसाय से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों, ढाबा संचालको, टैक्सी संचालको और महिलाओं को कोरोना महामारी के प्रति महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। इस दौरान डॉक्टरों ने लोगों को कोरोना महामारी के लक्ष्ण और इससे बचाव व सावधानियां बरतने के बारे अति मत्त्वपूर्ण जानकारी दी है।
परियोजना के नोडल अधिकारी एवं इको टूरिज़म प्लानर अंकित सुद का कहना है कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य स्थानीय समुदाय को कोरोना काल के दौरान पर्यटन को सुचारू रूप से चलाने में सहायता करना है। ताकि घाटी के जो लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हैं वे सरकार की गाइडलाइंस के मुताविक सुरक्षित तरीके से कार्य सके।
ग्राम पंचायत कंडीधार की प्रधान चमना देवी ने इस प्रशिक्षण के सफल आयोजन के लिए प्रशिक्षक और परियोजना अधिकारियों का आभार प्रकट किया है। इनका कहना है कि यहाँ पर ग्रामीण पर्यटन की आपार सम्भावना है सरकार को यहाँ के समुदाय के लिए स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करवाने की दिशा मे कार्य करने की आवश्यकता है।
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