अटल टनल के उद्घाटन के बाद फिर गरमाया होली-उतराला मार्ग का मुद्दा
- दो जिलों की दूरी कम करने को कई वर्षों से चल रही है कवायद
- इस मार्ग से गद्दी समुदाय को होगा बड़ा फायदा
गौरव सूद
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
धर्मशाला। दो जिलों कांगड़ा-चंबा के बीच की दूरी को पाटने के लिए वर्ष 2000 में शुरू हुआ होली-उतराला सड़क मार्ग का मुद्दा अटल टनल के उद्घाटन के बाद एक बार फिर गर्मा गया है। इस मार्ग के बनने का इंजतार दोनों जिलों की जनता पिछले कई वर्षों से कर रही हैं। राजनीतिक गलियारों में भी इस मार्ग ने खूब सुर्खियां बटोरीं। भाजपा की सरकार के प्रदेश में बनते ही सीएम जयराम ठाकुर ने बैजनाथ में आयोजित जनसभा में इस मार्ग को विधायक प्राथमिकता में डालने और इसके निर्माण कार्य की घोषणा की थी। जिसके बाद संबंधित विभागों की टीमोंं ने कई बार इस मार्ग की रूख किया व अब वन विभाग की क्लीयरैंस का इंतजार है। जिसके बाद होली-उतराला मार्ग के बनने का रास्ता साफ हो सकेगा। बैजनाथ हलके से कई कदावर नेता ऐसे हैं जो केंद्र सरकार मे अपनी गहरी पैठ रखते हैं। इसके अलावा कई स्थानीय नेताओं ने भी चुनावी वेला में इस मुद्दे को भुनाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकी हैं, लेकिन होली-उतराला मार्ग के बनने को लेकर अभी भी स्थिति असमंजस है।
धर्मशाला में बीते साल हुए विधानसभा सत्र में एक प्रश्न के उतर में सीएम ने इस मार्ग पर बनने वाली टनल को लेकर मनाही कर दी थी, उस दौरान ये कहा गया था कि इस मार्ग पर टनल बनाने के लिए प्रदेश सरकार के पास बजट का अभाव है या फिर भौगोलिक स्थिति यहां टनल बनाने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। ऐसे में अब अटल टनल के उद्घाटन के बाद दो जिलाओं के वाशिंदों ने एक बार फिर इस मार्ग के बनने का सपना संजोया है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि होली उतराला सड़क निर्माण हेतू फोरेस्ट केस शिमला स्थित नोडल अधिकारी के समक्ष भेज दिया गया है। साथ ही विभाग की ओर से इसकी डीपीआर तैयार कर आगामी कार्रवाई हेतू भेजी गई है। बताया गया कि विभागीय द्वारा तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही केस भेजा जाएगा।
53 किलोमीटर रह जाएगी भरमौर की दूरी
मार्ग बनने से कांगड़ा व चंबा जिलों की दूरियां कम हों जाएगी। वर्तमान में बैजनाथ से भरमौर की दूरी 268 किलोमीटर है और इसके लिए बस में लगभग 10 घंटे का सफर करना पड़ता है। इसके साथ ही यात्रियों को 300 से 400 रूपये के बीच तक भारी भरकम किराया भी देना पड़ता है। इस मार्ग के बन जाने से भरमौर की दूरी मात्र 53 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे लोग एक दिन में ही चंबा से कांगड़ा आ जा सकेंगे।
वर्ष 2000 में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट
चंबा-कांगड़ा जिलों की दूरी कम करने को लेकर वर्ष 2000 में तत्कालीन भाजपा विधायक ने इस प्रोजेक्ट को शुरू किया था। उस समय 8 से 10 किलोमीटर तक सड़क का निर्माण कार्य भी किया गया था। लेकिन उसके बाद इस मार्ग का काम एक इंच तक आगे नहीं बढ़ पाया और अब ये मामला फोरेस्ट क्लीयरैंस के लिए भेजा गया है।
क्या है उतराला-होली मार्ग
उतराला-होली सड़क भरमौर विधानसभा क्षेत्र से 23 और बैजनाथ के उतराला से 29 किलोमीटर बननी है। बैजनाथ की ओर से 10 किलोमीटर निर्माण हो चुका है। इसके अलावा भरमौर की ओर से भी विधायक जिया लाल ने मार्ग को बनाने का काम शुरू करवा दिया है। सड़क बनने से पर्यटन को पंख लगेंगे साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इस मार्ग के बनने का सबसे ज्यादा लाभ गद्दी समुदाय को विशेष तौर पर रहेगा।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें