लोकल साथी उत्तराखंड लोकल न्यूज ऑफ इंडिया हरिद्वार । कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए हरिद्वार जिला प्रशासन को चिकित्सा संसाधनों व जरूरी सुविधाओं के अलावा चिकित्सकों की कमी से भी जूझना पड़ रहा है। जहां एक ओर कोरोना के मरीजों के लिए लगातार कोविड सेंटर बनाए जा रहे है वहीं बड़ा सवाल ये की क्या वहा चिकित्सा स्टाफ भी पर्याप्त है। यदि नहीं तो चिकित्सा जगत के पेशेवरों की सेवाएं क्यों नहीं ली जा रही हैं। जबकि अकेले हरिद्वार में ही दो बड़े मेडिकल कालेजों (ऋषिकुल एवं गुरुकुल आयुर्वेदिक कालेज) के सैकड़ों विशेषज्ञ शिक्षक, चिकित्सक मौजूद हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी खतरनाक लहर से निपटने मंें सरकार व जिला प्रशासन की कार्यशैली ही कारगर साबित होती है। यदि इच्छा शक्ति हो तो संसाधनविहीन भी सभी समस्याओं से निपटने में सक्षम हो जाता है। फिर ऐसे मंें संसाधन होने के बावजूद यदि उसका इस्तेमाल ना किया जाए तो ये अनुभवहीनता व इच्छाशक्ति की कमी को ही दर्शाता है। ऐसा ही कमोवेश हरिद्वार में इन दिनों देखा जा सकता है। जहां दो बड़े मेडिकल कालेज होने के बावजूद उनमें कार्यरत सैकड़ों चिकित्सक शिक्षकों, ट्रेनी चिकित्सक