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सरकार की वृद्धावस्था पेंशन बनी डैल राम और चंदी देवी का सहारा

सरकार की वृद्धावस्था पेंशन बनी डैल राम और चंदी देवी का सहारा



पेंशन के लिए डैल राम और चंदी देवी ने किया मुख्यमंत्री का धन्यवाद


 


चमन शर्मा


लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया 


आनी। बच्चों की परवरिश दिन रात एक कर कठिन परिस्थितियों में की। जी तोड़ मेहनत की कमाई से जो भी पाया, उसकी एक एक पाई परिवार पर खर्च कर दी। बुढ़ापा आने पर पेंशन जैसा कोई सहारा नहीं था, लेकिन सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन देकर हमें एक नई उम्मीद दी है। ये कहना है डैल राम ठाकुर का। उम्र करीब 77 वर्ष, जंजैहली के साथ लगते दुर्गम इलाके जुघांद के निवासी है। उनका कहना है कि उम्र के इस पड़ाव पर हमें छोटी छोटी जरूरतें पूरी करने के लिए भी बच्चों पर निर्भर होना पड़ता था लेकिन सरकार ने बुढ़ापा पेंशन दी तो अब हमें अपनी छोटी-मोटी जरूरतों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा है। इससे भी बड़ी बात ये है कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अगुआई वाली सरकार ने बिना किसी आय शर्त के बुढ़ापा पेंशन की उम्र 70 साल कर बुजुर्गों के हित में बिल्कुल सही कदम उठाया। डैल राम ठाकुर का मानना है कि यदि ऐसा न होता तो मुझे और मेरी पत्नी को पेंशन न मिलती।


 


डैल राम ठाकुर का कहना है कि उनको और उनकी पत्नी दोनों को सरकार अब बुढ़ापा पेंशन दे रही है। जिससे उनकी महीने की कई जरूरतें आसानी से पूरी हो रही हैं। उनकी पत्नी चंदी देवी का करीब 30 साल पहले लीवर का आपरेशन हुआ था। उनको अब कुछ दवाओं की जरूरत पड़ती रहती है। दवाओं के छोटे मोटे खर्च के लिए पेंशन सहारा बन रही है। डैल राम का कहना है कि लॉकडाउन लगने के साथ सरकार ने तीन माह की पेंशन एक साथ दे दी। जो ऐसे संकट के समय में हम बुजुर्गों के लिए बड़ी राहत है।


 


डैल राम ठाकुर और उनकी पत्नी चंदी देवी ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, जोकि उनके विधायक भी हैं, का बुढ़ापा पेंशन के धन्यवाद किया है। चंदी देवी ने विशेष तौर पर मुख्यमंत्री का आभार जताया है। उनका कहना है कि सरकार ने बिना किसी आय शर्त के बुढ़ापा पेंशन के लिए उम्र की सीमा 80 वर्ष से 70 वर्ष कर बुजुर्गों को बड़ी राहत दी है। चंदी देवी का कहना है कि यदि बुढ़ापा पेंशन पर सरकार ये फैसला न लेती तो हमें अपनी छोटी छोटी जरूरतों के लिए भी औरों पर निर्भर रहना पड़ता क्योंकि वो उम्र की शर्त को पूरी नहीं कर पाते।


 


गौर हो कि प्रदेश में वृद्धजनों, विधवाओं, अपंगों और कुष्ठ रोगियों को राहत भत्ता के तौर पर सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। 60 साल के बाद 35 हजार रुपए से कम आय वाले बुजुर्गों को 1 हजार रुपए पेंशन दी जाती है। बिना किसी आय सीमा के 70 साल बाद 1500 रुपए की पेंशन बुजुर्गों को दी जा रही है, जिसकी आयु सीमा पहले 80 साल थी। सरकार के इस कदम से हजारों बुजुर्गों को फायदा हुआ है। इसी तरह विधवा, एकल नारी, परित्यक्ता, तलाकशुदा महिला 35 हजार रुपए से कम आय सीमा आदि शर्तें पूरी करने पर पेंशन की हक दार हैं। 40 फीसदी से ज्यादा अपंग लोगों और कुष्ठ रोगियों को भी सरकार औपचारिकताएं पूरी करने पर पेंशन जारी करती है। इस साल सरकार ने पेंशन को बढ़ाकर कम से कम 1 हजार रुपए कर दिया है।


 


मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लॉकडाउन लगने के साथ ही प्रदेश के लगभग पांच लाख 34 हजार सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों को माह अप्रैल 2020 के पहले सप्ताह में ही प्रथम तिमाही की पेंशन जारी का आश्वासन दिया था, जिसे सरकार द्वारा पूरा किया गया है। इसमें लगभग एक लाख 25 हजार विधवा तथा दिव्यांगजन पेंशन धारक भी शामिल हैं। इनके लिए मासिक पेंशन 850 रुपये से बढ़ाकर एक हजार रूपये की गई है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और विशेष रूप से सक्षम श्रेणी सशक्तिकरण विभाग को भी निर्देश जारी कर चुके हैं कि वह नए पात्र लोगों को शीघ्र ही पेंशन देने के लिए तत्काल कदम उठाए।


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