बंजार की तीर्थन और जीभी घाटी में पर्यटन इकाईयां होगी पुनः संचालित
- जीभी में और तीर्थन घाटी में 5 सितम्बर से शुरू होंगी पर्यटन गतिविधियाँ।
- घाटी के पर्यटन कारोबारियों ने बैठक कर सर्वसम्मति से लिया है निर्णय।
परसराम भारती
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
तीर्थन घाटी गुशैनी(बंजार)।वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के सक्रमण के चलते बंजार की तीर्थन और जीभी घाटी में अभी तक सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों पर फिलहाल रोक है। प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से दी गई गाइड लाइन के अनुसार पर्यटन को चालू करने को लेकर दिशा निर्देश जारी हो चुके है। पूरे देश और प्रदेश में सरकार द्वारा तकरीबन सभी प्रकार के व्यवसाय को चलाने की अनुमति दे दी है।
कोरोना सक्रमण के खतरे को देखते हुए घाटी के पर्यटन कारोबारियों ने अभी तक पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा रखी थी। पर्यटन व्यवसाय में घाटी के सैंकड़ों लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं जो इस कोरोना काल में भारी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं लेकिन अब घाटी में पर्यटन को पुनः संचालित करने के लिए पर्यटन कारोबारियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए वाकायदा घाटी के पर्यटन करोबारियों के लिए जागरूकता और प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा चुके हैं। अब पर्यटन कारोबारी घाटी में पर्यटन को पुनः संचालन को लेकर काफी उत्सुक दिख रहे हैं।
इस सन्दर्भ में रविवार को जीभी वैली पर्यटन विकास एसोसिएशन की बैठक जीभी में अध्यक्ष ललित कुमार तथा सोमवार को तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन की बैठक अध्यक्ष वरुण भारती की अध्यक्षता में तीर्थन घाटी में आयोजित हुई। इन बैठकों में घाटी के पर्यटन कारोबारियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और पर्यटन को पुनः स्थापित करने बारे चर्चा परिचर्चा हुई।
कोरोना महामारी के सक्रमण को मद्देनज़र रखते हुए घाटी में पर्यटन को कैसे पुनः प्रचलन में लाया जाए इस मुद्दे पर दोनों एसोसिएशन के सदस्यों और स्थानीय ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों ने अपने अपने विचार रखे।
कोरोना महामारी के संक्रमण के बढ़ते खतरे को लेकर टूरिज्म इंडस्ट्री काफी प्रभावित हुई है इस समय पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश के लाखों लोगों का रोजगार जुड़ा है जो पूरी तरह से छिन गया है। कोरोना वायरस से कैसे घाटी के लोग सुरक्षित रहे यह भी एक चुनौती है और दुसरी ओर बेरोजगारी की विकट समस्या खड़ी हो गई है। हालांकि पर्यटन उद्योग को पुनः संचालित करने बारे बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि बंजार की जीभी घाटी और तीर्थन घाटी में 5 सितम्बर से सरकार और एसोसिएशन द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक पर्यटन गतिविधियों को सुचारू रूप से चालू किया जाएगा।
तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन के प्रधान वरुण भारती का कहना है कि तीर्थन घाटी में पर्यटकों की आवाजाही के लिए गाईडलाइन्स तैयार की गई है। घाटी में जो भी पर्यटक आना चाहे उसे सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत कोरोना नेगेटिव का प्रमाण पत्र, ईपास और अडवांस बुकिंग के साथ एसोसिएशन द्वारा जारी गाइडलाइन्स का पालन करना होगा। इन्होंने बतलाया कि इस वारे घाटी के पर्यटन कारोबारियों को जागरूक और प्रशिक्षित किया गया है। जो सभी लोग पर्यटन को पुनः संचालित करने को तैयार है।
जीभी वैली पर्यटन विकास एसोसिएशन के प्रधान ललित कुमार का कहना है कि बैठक में सर्वसहमति से फैसला लिया गया है कि घाटी को सिंतबर प्रथम सप्ताह से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है।जिसके लिए घाटी के पर्यटन कारोबारियों ने एडवांस बुकिंग भी शुरू कर दी है। पर्यटकों के लिए एसोसिएशन की ओर से गाइडलाइन्स जारी की गई है जिसका पालन करना जरूरी होगा। 60% आवास क्षमता के साथ न्यूनतम ठहराव दस दिन निर्धारित किया गया है और गाइडलाइन्स के मुताबिक ही पर्यटन गतिविधियों को संचालित किया जाएगा।
इस बैठक में तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं सदस्य महेन्द्र सिंह, मुरली चन्द, मेघ सिंह, नरेश कुमार, अमन नेगी, खेम भारती, रविंदर नेगी, मोहिंदर विष्ट, हेम राज, आशीष प्रभात, मोहिन्दर नेगी, रमाकांत, बलवीर टिली, राजेन्द्र सिंह, पूरण चन्द, देवप्रिय दाम, क्रिस्टोफर मित्रा, यज्ञा चन्द, सुन्दर सिंह आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।
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