ज्यादातर देशों में वह सीता का अपहरण करने वाले और युद्ध शुरू करने वाले खलनायक के रूप में दागी जाती है, जिसका दुरुपयोग करने वाला एक क्रूर दमनकारी शासक ज्ञान और वरदान है. फिर भी श्रीलंका में रावण की अलग राजा और मानव की छवि है. उन्हें भगवान शिव का एक महान अनुयायी, एक महान विद्वान, एक योग्य शासक और अवन का एक उस्ताद, रावणहत्था के रूप में जाना जाता है.
वहीं रामायण में स्वर्ण नगरी लंका का अद्भुत वर्णन किया गया है. कहा जाता है कि इसकी भव्यता से लक्ष्मण इतने मुग्ध हो गए थे कि उन्होंने रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद लंका पर शासन करने का सुझाव दिया था. तब राम ने लक्ष्मण को कहा था कि अपनी मां और मातृभूमि वास्तव में स्वर्ग से भी बड़ी होती है. उत्तरकाण्ड रामायण में बताया गया है कि आखिर रावण को स्वर्णिम लंका कैसे मिली.
कैसे बनी लंका
लंका एक रमणीय शहर था वहीं सुमाली, माली और मलयवन नामक तीन दानव भाई थे. घोर तपस्या के माध्यम से उन्होंने ब्रह्मा से ये वरदान हासिल कर लिया कि उन्हें कोई भी आसानी से नहीं हरा सकता. उन्होंने देवताओं के वास्तुकार विश्वकर्मा को आदेश दिया कि वे उनके लिए ऐसे विशाल भवन का निर्माण करें जो भगवान शंकर के निवास से भी श्रेष्ठ हो.
इसके बाद सुवेला द्वीप पर विश्वकर्मा ने लंका के सुनहरे शहर का निर्माण किया. लंका की इस विशाल हवेली के चारों तरफ सोने की दीवार थी और इसका मुख्य द्वार सोने से सजा हुआ था. इसकी चमक से पूरा शहर शानदार लग रहा था. एक युद्ध में भगवान विष्णु ने माली को मारकर सुमाली, मलयवन और उसके राक्षस मित्रों को पाताललोक भेज दिया.
कुबेर का लंका पर कब्जा
लंका जो स्वयं आकाशीय वास्तुविद विश्वकर्मा द्वारा बनाया गया था और इस बीच, ऋषि विश्रवा के पुत्र कुबेर को धन के देवता के रूप में नियुक्त किया गया था. कुबेर लंका से अपना काम करने चाहते थे. लंका का सुनहरा शहर उनके लिए पूरी तरह से उपयुक्त था और इसलिए उनके पिता ने उन्हें वहां जाने के लिए कहा. इस प्रकार कुबेर ने लंका पर कब्जा कर लिया.
रावण और कुबेर थे सौतेले भाई
सुमाली राक्षस की एक बेटी थी जिसका नाम कैकसी था. सुमाली ने अपनी पुत्री का विवाह कुबेर के पिता विश्रवा से किया. विश्रवा और कैकसी ने रावण सहित कई पुत्रों और पुत्रियों को जन्म दिया. अपनी घोर तपस्या के बल पर रावण ने भगवान ब्रह्मा से अत्यधिक शक्तिशाली होने का वरदान प्राप्त कर किया.
सुमाली ने अपने पोते रावण से राक्षसों के लिए एक बार फिर लंका वापस लेने का आग्रह किया. हालांकि, कुबेर केवल अपने सौतेले भाई रावण के साथ लंका को बांटना चाहते थे जबकि रावण लंका को कुबेर के साथ साझा करने को तैयार नहीं था. रावण लंका पर पूरा कब्जा करना चाहता था.
रावण ने जब पूरी तरह से लंका की मांग
जब रावण ने उनसे पूरी तरह से लंका की मांग की, रावण ने कुबेर से सभी धन और भव्यता को छोड़कर लंका से वापस चले जाने को कहा. कुबेर के पिता विश्रवा ने भी कुबेर को रावण की मांगों का पालन करने के लिए कहा. इसके बाद कुबेर ने लंका छोड़ दी और हिमालय में अपना राज्य स्थापित किया. इस प्रकार, रावण ने अपने पिता से विरासत में लंका को प्राप्त किया.
रावण तीनों लोकों को अपने नियंत्रण में करना चाहता और इसके लिए उसने अनेक युद्ध किए. उसने कुबेर के क्षेत्र पर भी हमला किया. कुबेर के साथ हुए युद्ध में रावण ने कुबेर को हराया और उनसे पुष्पक विमान छीन लिया. लंका नगरी लंबे समय तक रावण का गर्व बनी रही.
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