अरबों रुपये खर्च करने के बावजूद नहीं सुधरी स्वास्थ्य व्यवस्था
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
सोनभद्र।जनपद मे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही तथा बदइंतजामी के कारण लगातार हो रही लोगों की दुर्दशा तथा मौत के लिए भ्रष्टाचारी अधिकारियों तथा जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार बताते हुए पूर्वांचल नव निर्माण मंच के अध्यक्ष श्रीकांत त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि अरबों रुपये स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक करने के नाम पर खर्च किए जाने के बावजूद जिला अस्पताल बूचड़खाना बन गया है, लोग जहां जीवन की सुरक्षा की उम्मीद लेकर जा रहे हैं । लेकिन भ्रष्टाचार तथा बदइंतजामी के कारण लगातार लोगों के मरने की खबर आ रही है । स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता से नाराज श्रीकांत त्रिपाठी ने योगी आदित्यनाथ को सोनभद्र जिला अस्पताल का नाम बदलकर सोनभद्र बूचड़खाना करने की सलाह तक दे दी । दूसरी तरफ बाहर निजी अस्पताल जो कुछ लोगों का जीवन बचाने में लगे थे उनके भी हांथ बांधकर जिलाप्रशासन ने लोगों के सामने मरने का ही विकल्प छोड़ा है । पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच के सदस्य गिरीश पाण्डेय ने बताया कि कोविड के अलावा अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज, नवजात अस्वस्थ शिशु जिनका ईलाज बाहर निजी अस्पताल मे हो सकता था, लेकिन निजी अस्पतालों की आक्सीजन आपूर्ति बाधित करके उनके जीवन को भी संकट मे डाल दिया गया है । जिम्मेदार चिकित्सक अपने मरीजों के जीवन को ना बचा पाने के कारण अवसाद मे हैं । गिरीश पाण्डेय ने कहा कि नाम ना बताने की शर्त पर कयी निजी अस्पताल के डाक्टर्स ने बताया कि रेमडेसीवीर इंजेक्शन की कमी के कारण बहुत से मरीजों की मौत सोनभद्र मे हुई है । डाक्टरों ने पिछले दस पन्द्रह दिन से आक्सीजन सप्लाई पर रोक लगाने की बात कही । आक्सीजन के अभाव मे निजी अस्पताल मे गंभीर मरीजों को एडमिट करने मे असमर्थ हैं सभी। गिरीश पाण्डेय ने जिलाधिकारी अभिषेक सिंह रावर्टसगंज के निजी अस्पतालो को सलखन आक्सीजन फिलिंग प्लांट से उनकी पुरी आवश्यक आवश्यकता के अनुसार आक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित कराने की मांग की है। गिरीश पाण्डेय ने बताया कि काफी प्रयास के बाद जिलाप्रशासन ने थोड़ा बहुत आक्सीजन अनपरा से निजी अस्पतालो को लाने की अनुमति दी है कोटा निर्धारित करते हुए । कहा निर्धारित आक्सीजन का कोटा अपर्याप्त तो है ही दूसरे रावर्टसगंज से अनपरा चार छः सिलेंडर के लिए जा पाना भी मुश्किल ही है । ऐसे मे जिलाप्रशासन को संवेदनशील होकर लोगों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला चिकित्सालय के साथ साथ निजी अस्पतालों मे भी आक्सीजन तथा आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए ।
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