गणेश वैद
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
देहरादून।उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कोरोना के चलते राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार को घेरा।उन्होंने कोविड की दूसरी लहर का मुकाबला करने में सरकार को असफल बताया। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण हजारों लोगो को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। उन्होंने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि एक तरफ तो वैक्सीन की कमी है तो दूसरी तरफ भाजपा सरकारें टीकाकरण उत्साह मना रही है यह कैसी व्यवस्था है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने में सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार है जिसका परिणाम पूरे देश को भुगतना पड़ा। पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने सहयोग दिवस तो मनाया,लेकिन टीके के उत्पादन या उसके खरीद के रास्ते पर काम नहीं किया। देश के अंदर टीके की भयंकर कमी पैदा हो गई है। मगर, अब तक जो हम देख रहे हैं वो वैक्सीनेशन के नाम पर एक खुली लूट है। सरकारी अस्पतालों में कोरोना टीका गायब है और प्राइवेट बड़े-बड़े हॉस्पिटल्स में धड़ल्ले से टीकाकरण हो रहा है। टीके के दाम भी मनमाने वसूले जा रहे हैं, 1200 रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक में टीकाकरण हो रहा हे। आमजन के मन में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा व्याप्त है, लोग सपरिवार टीका लगाने पहुंच रहे हैं और दाम का इंतजाम जैसे-जैसे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस प्रकार आंखे बंद कर बैठी रही तो आगे आने वाले दिनों में ऐसा लगता है कि कोरोना के टीके की कीमत की लूट और बढ़ेगी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार की टीका नीति स्पष्ट नहीं है। इसकी मार गरीब जनता को झेलनी पड़ रही है।
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