विजय शुक्ल लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया दिल्ली। रामलला को टाट से ठाठ में लाने की आड़ में क्या चम्पत जी ने बड़ी चपत लगा दी? जैसा आरोपों में लगाया जा रहा हैं या भक्तो की माने कि यह सब पोलिटिकल ड्रामा हैं जैसा दिल्ली में शीला दीक्षित और नितिन गडकरी के ऊपर लगाया गया था पेपर उछाल-उछाल कर। पर अब चम्पत जी ने यह बता ही दिया कि मंदिर बनने के बाद अयोध्या में जमीन के भाव में आग लग गयी थी और मंदिर के नाम पर प्राइम लोकेशन वाली जमीन का बयाना और बैनामा कराने में जो खर्च हुआ हैं उसकी गड़बड़ी अगर कही है तो जांच की जाएगी। इसका साफ़ मतलब हैं कि कुछ तो चपत लगायी गयी हैं आस्था के नाम पर। कितनी और किसने किसने लगाई हैं यह शायद ही कभी निकल पाए पर खेल हुआ हैं भले ही दो करोड़ से अठारह करोड़ का फासला हो या कुछ और। अब तो ऐसा लग रहा हैं कि मानो राम नाम की लूट हैं, लूट सके तो लूट। अब इस पर संबित पात्रा जी का ज्ञान पेलना भी कोई असर जब तक डालेगा तब तक राम निधि के पैसे की मलाई काटते श्री चम्पत राय जी के शब्दों में समाज गुमराह हो चुका होगा। यह बात अलग हैं कि इस पर अब टीवी डिबेट के जरिये से मीडिया इसको सुलझाते हुए विप