चन्द्र शेखर आज़ाद के जन्मदिन पर कोरोना योद्वाओं को किया सम्मनित,दिल्ली में सांसद मनोज तिवारी ने किया राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा के कार्यकर्ताओं को सम्मानित
चन्द्र शेखर आज़ाद के जन्मदिन पर कोरोना योद्वाओं को किया सम्मनित,दिल्ली में सांसद मनोज तिवारी ने किया राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा के कार्यकर्ताओं को सम्मानित
गौरी
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
शामली। गुरुवार को दिल्ली पं चन्द्र शेखर आजाद के जन्मदिन के मौके पर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भृगुवंशी आशुतोष पाण्डेय की अध्यक्षता में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली सांसद मनोज तिवारी ने अपने एवम अपने परिवार की बिना परवाह करते हुए कोरोना पीड़ितों की मदद की उन सब कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया गया।
दरअसल आपको बता दे दिल्ली में संगठन राष्ट्रीय सलाहकार लोकप्रिय सांसद मनोज तिवारी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी दिल्ली ने राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा नईदिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष भृगुवंशी आशुतोष पाण्डेय की अध्यक्षता में कोरोना योद्धाओ को उनके द्वारा समाज के लोगो को मदद करने पर प्रमाण पत्र वितरण व चंद्रशेखर तिवारी का जन्मदिन सोशल डिस्टेन्स का ध्यान रखते हुए बड़े धूम धाम के साथ मनाया गया।
सांसद मनोज तिवारी ने बताया कि देश की आजादी के लिए लोहा लेने वाले चंद्रशेखर का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के भावरा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी जबकि माता का नाम जगरानी देवी था। गांव के ही स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद वे अध्ययन के लिए वाराणसी की ओर चले गए। वहां वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से बहुत प्रभावित हुए और असहयोग आंदोलन में कूद पड़े। चंद्रशेखर इस दुनिया में महज 24 साल ही बिता पाए लेकिन उनसे और उनके साथी क्रातिकारियों से अंग्रेज खौफ खाया करते थे।
13 साल की उम्र में खाए 15 कोड़े, फिर कहलाए आजाद
साल 1921 में महज 13 साल की उम्र के चंद्रशेखर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह संस्कृत कॉलेज के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। चंद्रशेखर को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उन्हें मजिस्ट्रेट के पास लेकर गई। वहां जब मजिस्ट्रेट ने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने कहा आजाद, जब उनके पिता का नाम पूछा गया तो उन्होंने कहा स्वाधीनता। इसके बाद उनसे उनके घर का पता भी पूछा गया।
चंद्रशेखर ने पूरी निडरता के साथ जवाब देते हुए कहा जेल। उनकी तरफ से ऐसे जवाब सुनकर मजिस्ट्रेट गुस्से में आ गया और उन्हें 15 कोड़े मारने की सजा दी गई। छोटा बालक होकर इतनी बड़ी सजा मिलने के बाद भी वह डरे नहीं। कोड़े पड़ने से उनकी कमर लहू लूहान हो चुकी थी। जब भी उन्हें कोड़ा पड़ता तो वह महात्मा गांधी की जय बोलते। उसी दिन से उनके नाम के आगे आजाद जुड़ गया। उन्होंने कार्यकर्ताओ को बताया राष्ट्रीय अध्यक्ष भृगुवंशी आशुतोष पाण्डेय ने भी चन्द्रशेखर आजाद की तरह समाज के लिये जेल में यातना झेली। हम इनके साथ हर तरह से है इनके व इनके परिवार पर लगे फर्जी मुकदमा के उच्च स्तरीय जांच कराकर मुकदमें वापसी कराये जायेगे।
इस अवसर पर मुख्य रूप से इस मौके पर राष्ट्रीय संगठन महामंत्री महिला मोर्चा बबिता शर्मा ,राष्ट्रीय संगठन महामंत्री अंकित शर्मा, राष्ट्रीय मंत्री अनिल शर्मा हरियाणा,माननीय सचिन शर्मा चेयरमैन नगर निगम ,, शुभम भार्गव ,गौरव शर्मा, सरधना मेरठ,डॉ पवन शर्मा ,सरधना मेरठ ,प्रदीप शर्मा ,सरधना,विपुल भारद्वाज, दिल्ली ,सोनू शर्मा, दिल्ली सहित बहुत से लोग मौजूद रहे सभी ने कोरोना के चलते नियमो का पालन किया।
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