- तीर्थन घाटी में स्कुली छात्रों के लिए स्पाइडर अवेयरनेस वर्कशॉप का आयोजन।
- भारतीय वन एवं अनुसन्धान केन्द्र देहरादून की शोध्यार्थी इरिना दास सरकार ने "स्पाइडर्स ऑफ द वर्ल्ड" के बारे दी जानकारी।
- विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर स्कुली छात्रों को बताया पेड़पौधों, वन्यजीवों और पर्यटन का महत्व।
परस राम भारती
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार ।हिमाचल प्रदेश जिला कुल्लु में स्थित विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क क्षेत्र में जैविक विविधता का अनमोल खजाना छिपा पड़ा है। इस पार्क क्षेत्र में प्रतिवर्ष सैंकड़ों देशी विदेशी पर्यटक, अनुसन्धानकर्ता, पर्वतारोही और ट्रैकर भर्मण करते हैं। आजकल तीर्थन घाटी में भारतीय वन एवं अनुसंधान केन्द्र देहरादून की शोध छात्रा इरिना दास सरकार अपने शोध कार्य के लिए तीर्थन घाटी ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के क्षेत्रों का भर्मण कर रही है जो आने वाले दो वर्षों तक यहां पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की मकड़ियों पर अपना शोध कार्य करेगी। इरिना दास सरकार ने बतलाया कि इस शोध का मुख्य उदेश्य ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में विभिन्न प्रकार की मकड़ियों को खोजना तथा उनका अध्ययन करना रहेगा। इन्होंने बताया कि जी.एच.एन.पी. में यह पहला शोध कार्य होगा जिसमे सभी प्रकार की मकड़ियों के बारे में सटीक एवं सम्पुर्ण जानकारी आने वाले समय में मिलेगी।
शोध्यार्थी इरिना दास सरकार ने बताया कि छात्रों में वैज्ञानिक जिज्ञासा उत्पन्न करने के लिए प्लैटनिक की पुस्तक "स्पाइडर ऑफ द वर्ल्ड" से भी छात्रों को परिचित कराया गया है। इनका कहना है कि मकड़ियां हमारे मित्र कीटों की श्रेणी में आती है जो मनुष्य को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाती है। कृषि क्षेत्र में ये प्राकृतिक किट नाशक का कार्य करके किसानों के लिए उपयोगी साबित होती है। इन्होंने बतलाया कि मकड़ी के जहर को कई प्रकार की औषधियों में भी उपयोग किया जाता है। इन्होंने बतलाया कि गत 25 फरवरी को इस विषय पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुशैनी में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था और भविष्य तीर्थन घाटी के अन्य स्कुलों में भी अपने शोध कार्य से सम्वन्धित जागरूकता शिविर आयोजित किए जाते रहेंगे।
प्रधानाचार्य राजपाल ठाकुर ने इस कार्यशाला का आयोजन करने के लिए धन्यावाद किया और कहा कि इससे छात्रों को जैविक विविधता और पर्यावरण संरक्षण विषय पर अनेकों महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई है और इस दौरान बच्चों में काफी अच्छा उत्साह देखने को मिला है।
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