"तीनों कृषि कानून वापस लो" , " 4 लेबर कोड रद्द करो" , "बिजली संशोधन बिल 2020 वापस लो" , "एमएसपी को कानूनी गारंटी दो" , " पराली जलाने पर हरजाना लगाना बंद करो" के नारे की हुंकार के साथ केएमपी से सिंघुबाङर संयुक्त किसान मोर्चा के स्टेज तक पहुंचे भवन निर्माण कारीगर मजदूर यूनियन के साथी
विजय किसान
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
सिंधु बॉर्डर। आज दिनांक 8 जुलाई को एआईयूटीयूसी से संबंधित भवन निर्माण कारीगर मजदूर यूनियन ने किसान आंदोलन के समर्थन में केएमपी से प्रदर्शन शुरू करते हुए सिंघुबाङर संयुक्त किसान मोर्चा के स्टेज तक गगनभेदी नारे लगाते हुए ज़ोरदार जुलूस में "तीनों कृषि कानून वापस लो" , " 4 लेबर कोड रद्द करो" , "बिजली संशोधन बिल 2020 वापस लो" , "एमएसपी को कानूनी गारंटी दो" , " पराली जलाने पर हरजाना लगाना बंद करो" जैसे गगनभेदी नारे लगाते हुए जुलूस धरना स्थल पर पहुचा।
संयुक्त किसान मोर्चा के मंच से एआईयूटीयूसी के प्रदेश सचिव कामरेड़ हरिप्रकाश ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारा संगठन इन कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर से ही संयुक्त मोर्चे के आंदोलन मे बढ़-चढ़कर के भाग ले रहा है और तब तक सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेती है , तब तक इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए हम पुरजोर कोशिश करेंगे रहेंगे । कोरोना की आड़ में देश की जनता को धोखा देते हुए पार्लियामेंट का अपमान करते हुए इन कृषि विरोधी तीनों काले कानूनों को देश की जनता पर थोप दिया गया । ऐसे ही मजदूरों से सम्बंधित 44 श्रम कानूनों को समाप्त करके मालिक प्रशस्त चार नए लेबर कोड बना दिए । यहां तक के महिलाओं से रात में काम करने का मालिकों के हक में कानून बना दिया गया । जिससे उनकी इज्जत और जिंदगी खतरे में डाल दी गई है । हरिप्रकाश ने आगे कहा कि सरकार को यह कानून वापस लेने पड़ेंगे । आंदोलन जीत की तरफ बढ़ रहा है ।
भवन निर्माण कारीगर मजदूर यूनियन के प्रदेश महासचिव बलबीर सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा के अंग्रेजों की जगह भारत का पूंजीपति काबिज हो गया जिस बात को लेकर भगत सिंह और नेताजी सुभाष बोस ने अपनी कुर्बानी दी थी वैसा शासन नहीं आया ।आज जो भवन निर्माण से जुड़े हुए मजदूर हैं , उनको हितलाभ के नाम से ठगा जा रहा है , रिश्वत ली जा रही है । अनेक मजदूरों को नाममात्र के भी लाभ नहीं मिलते हैं । इसलिए भवन निर्माण मजदूर आंदोलन के अलावा दूसरा कोई रास्ता उनको नहीं , उनको नहीं मिलता है । इसलिए आज असंगठित क्षेत्र का मजदूर भी जहां अपने हित लाभ के लिए लड़ाई लड़ रहा है वहीं किसानों के आंदोलन को भी मजबूती देने के लिए यहां पर कुंडली बॉर्डर के ऊपर आए हैं और सरकार को यह चेतावनी देते हैं कि जो श्रम कानूनों में सरकार ने बदलाव किए हैं , वह वापस ले और यह किसान विरोधी तीनों कृषि कानून वापिस लो , एमएसपी को कानूनी गारंटी दो ।
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