'विजयी मुस्कान'के बीच"गूंज उठा शंखनाद"...वर्चस्व हुआ कायम. "संगठन"का दिव्य रुप निखरकर आया सामने,सिर गर्व से हुआ ऊंचा...लोकतांत्रिक परम्परा का हुआ निर्वहन. "उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ सोनभद्र"के दबदबे और गौरवशाली इतिहास की कहानी हुई दर्ज. निखरती छबि और शिक्षक जिम्मेदारियों के एहसास के बीच "उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ सोनभद्र"की व्यवस्था हुई 'चकाचक'. प्रचन्ड ताकत के साथ"लोकप्रिय नायक"का हुआ उदय. "उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ"के जज्बे की हुई फतह,शिक्षक जिजीविषा को प्रणाम करके सोनभद्र के'गुलाबी मौसम'के बीच तपे-तपाये शिक्षक बने संगठन के पर्याय. "एलएनआई"के बेवाकी का फिर बजा डंका...शोहरत की बुलंदियों के बीच शिक्षक समाज के सूरज बने"योगेश पान्डेय" "साधना द्विवेदी" "लोकल न्यूजआफ इंडिया" सोनभद्र,उत्तर प्रदेश। "अब नई कोंपले फूटेगी" अब नए फूल मुस्काएगे, अब नए घास के नए फर्श पर, नए पांव इठलाएंगे"। "दिव्य...भव्य..