शौचालय पर लूट से बदला प्रधान तो टंका के नाम पर मनोनीत प्रधान ने लूटा, स्वच्छता से खुलेआम घोटाला करते प्रधान
साथी प्रदीप जायसवाल की ग्राउंड रपट के आधार पर यह जो राजस्थान मॉडल का टंका हैं बस देखने के लिए बना हैं , ना तो इसमें काम किये हुए लोगो को पैसा मिला हैं ना इसमें पानी का संचय हुआ हैं और बहुत तेज बारिश में हो सकता हैं दस बीस बाल्टी इकठ्ठा हो जाय पर छतो वाला पानी तो नहीं ही जायेगा इसमें। बहरहाल यह खबर सुधार के लिहाज से दुबारा लिखी गयी हैं क्योकि लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया के अपने ही साथी ईश्वरी प्रसाद जी को इस खबर में लिखे गए कूप शब्द से ऐतराज था और इसको स्वतः संज्ञान में लेकर राजस्थान मोडल पर यूपी में चल रहे इस प्रयोग के बारे में खुद उन्होंने लोकल न्यूज ऑफ इंडिया का मार्गदर्शन किया तो हमने भी इसको कूप से बदलकर अब टंका लिख दिया हैं पर इससे गाँव वालो को वही मिला हैं जो मंदिर के बाहर टंगा होता हैं. सरकारी योजनाओ को सत्यानाश करना हैं तो बस आप सोनभद्र के इस इलाके में एक बार घूम लीजिये। इतनी योजनाए कागज़ पर खेल रही हैं और ऐसे जमीन पर खड़ी भी कर दी गयी हैं पर उसका किसी से कोई लेना देना नहीं। जल संचय जरूरी हैं और उसकी सुविधा भी पर कहा कैसे और किस तरह से उपयोग में आएगी इसकी समझ होने की भी जरूरत हैं