गणेश कुमार वैद
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
हरिद्वार/ऋषिकेश।जिस भाजपा सरकार ने कोरोना महामारी के फैलाव को रोकने के लिए देश की जनता से ताली थाली बजवाई थीं उसी भाजपा की प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदेश का व्यापारी वर्ग ताली थाली पीटने लगा।एक वर्ष के भीतर आए इस बड़े बदलाव के पीछे जनता का दुख दर्द तो छिपा ही है, साथ ही सरकार के प्रति रोष भी है।
कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में लगे कर्फ्यू को एक माह से भी अधिक समय हो गया है ऐसे में प्रदेश के व्यापारी वर्ग की आर्थिक स्थिति नाजुक हो चली है ।कई व्यापारिक संगठनों ने तो यहां तक ऐलान कर दिया कि यदि सरकार उन्हें किसी तरह की छूट नहीं देती या निश्चित समय सीमा के अंदर कर्फ्यू हटाने का ऐलान नहीं करती तो व्यापारी खुद ही अपने प्रतिष्ठान खोलने को मजबूर हो जाएंगे जिसकी पूरी पूरी जिम्मेदारी सरकार अथवा प्रशासन की होगी। व्यापारियों का कहना है कि अब प्रदेश में कोरोनावायरस के मामले भी ना के बराबर है और रिकवरी दर भी बढ़ गई है ऐसे में लंबे समय तक बाजारों को बन्द करना व्यापरिक हित में कतई नहीं होगा क्योंकि अब व्यापारियों की आर्थिक स्थिति बेहद नाजुक दौर में पहुंच चुकी है।
मंगलवार को हरिद्वार की दो उपनगरीय ज्वालापुर और शिवालिक नगर के व्यापारियों ने सडको पर उतरकर ताली थाली बजाकर सरकार को जगाने का प्रयास किया।तो बुधवार को अध्यात्म की नगरी ऋषिकेश में देखने को मिला।व्यापारिक नेताओ का कहना है कि सरकार ने पिछले वर्ष भी और इस कोरोनाकाल में भी व्यापारियों के हितों की अनदेखी की है परन्तु उसी व्यापारिक वर्ग ने सरकार के साथ हर संभव सहयोग किया है,परन्तु अब जिस तरह व्यापारी संकट में है लेकिन सरकार व्यापारियों के लिए बिल्कुल भी नहीं सोच रही।
प्रदेश सरकार द्वारा लॉकडाउन में व्यापारियों की लगातार की जा रही अनदेखी के विरोध स्वरूप नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल ऋषिकेश ने घाट चौक पर थाली बजाकर सरकार को जगाने का प्रयास किया।
इस अवसर पर उपस्थित व्यापारियों को संबोधित करते हुए नगर अध्यक्ष ललित मोहन मिश्र ने कहा कि व्यापारियों के प्रति सरकार ऐसे आंख मूंदकर बैठी है ।जैसे व्यापारी इनके गुलाम हो, इन्हें जिस प्रकार चाहे अनदेखा करती रहे। व्यापारी सरकार की हां में हां मिलाता रहेगा, किंतु अब व्यापारी की सहनशक्ति जवाब दे गई है। और वह सहन करने की स्थिति में नहीं है।
उन्होंने कहा कि अब यदि शीघ्र ही बाजार नहीं खुला ,तो व्यापारियों को बाजार स्वयं ही खोलना पड़ेगा। जिसकी पूर्णतया जिम्मेवारी प्रशासन की होगी ,उन्होने कहा कि सरकार अपनी कमाई में किसी भी प्रकार से कोई छूट देने को तैयार नहीं है। सरकार का राजस्व आ रहा है। सरकारी दफ्तर खुलने से कोरोना वायरस नही फैल रहा है, यह भी कहा कि सरकार के मंत्रियों अधिकारियों विधायकों की पूरी तनख्वाह उन्हें मिलती है, क्या किसी ने कोई सहयोग राशि व्यापारियों को देने का प्रयास किया है ? और यही कारण है क्योंकि मंत्रियों अधिकारियों को पूर्ण तनख्वाह आदि मिल रही है।
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