उपेन्द्र पंवार
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
देहरादून। बाबा रामदेव और आईएमए के बीच चल रहा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है।बाबा लगातार एलोपैथी को लेकर कुछ ना कुछ बयां दे रहे है तो वहीं मंगलवार को आईएमए के चिकित्सको भी स्वामी रामदेव के खिलाफ कार्यवाही की बात दोहरा रहे है।इसी विरोध के चलते मंगलवार को आईएमए के चिकित्सको ने काली पट्टी बांध कर विरोध जताया है।
आईएमए के समर्थन में प्रांतीय चिकित्सा स्वस्थ्य सेवा संघ भी उतर आया।आईएमए के चिकिसकों का समर्थन करने के साथ ही संघ ने समूचे उत्तराखंड के मेडिकल स्टाफ से पतंजलि के उत्पादों के बहिष्कार करने की अपील की।
एसोसिएशन ने पतंजलि के प्रमुख बाबा रामदेव से बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की है।
साथ ही आईएमए ने आधुनिक चिकित्सा पर रामदेव के ‘गैर-जिम्मेदाराना बयानों’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।शनिवार को आईएमए ने कहा था कि 1 जून को कोरोना महामारी के बीच मरीजों को दी जा रही देखभाल में बाधा डाले बिना विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. विरोध प्रदर्शन के तहत डॉक्टर काली पट्टी बांधेंगे.
बुधवार को, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से रामदेव के खिलाफ देशद्रोह और अन्य आरोपों के तहत उचित कार्रवाई करने की अपील की थी, जो कथित तौर पर ‘कोरोना टीकाकरण पर गलत सूचना फैला रहे थे।
आईएमए ने योग गुरु बाबा रामदेव के एलोपैथी के खिलाफ उनके कथित बयानों और वैज्ञानिक दवा को ‘बदनाम’ करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा था।
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