भाजपा नेता नवीन गोयल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेजा पत्र मयंक शर्मा लोकल न्यूज ऑफ इंडिया गुरुग्राम। ऐतिहासिक शहर गुरुग्राम वैसे तो विश्व पटल पर अपना नाम कमा चुका है, लेकिन जिस नाम पर यह शहर बना है, उसके नाम से यहां कोई विशेष पहचान नहीं है। यानी गुरू द्रोणाचार्य के इस शहर में उनके नाम से कोई स्मारक, चौक, प्रतिमा, द्वार या फिर उनकी प्रतिमा नहीं है। इन कार्यों में से कोई कार्य सिरे चढ़ाकर शहर का गौरव बढ़ाने की मांग उठ रही है। बता दें कि हरियाणा सरकार ने सितम्बर 2016 में गुडग़ांव का नाम बदलकर गुरुग्राम रखा था। क्योंकि यहां पर महाभारत कालीन समय में गुरू द्रोणाचार्य ने कौरवों-पांडवों को शस्त्र दीक्षा दी थी। इसलिए गुरुग्राम गुरू द्रोण की नगरी से प्रसिद्ध है। इसके बावजूद भी आज गुरू द्रोणाचार्य के नाम से यहां कुछ विशेष निशानी नहीं है। गुरू द्रोणाचार्य के नाम से कोई स्मारक नहीं है। एक स्मारक राजीव चौक के पास हुआ करता था, जो अंडरपास बनाने के दौरान हटा दिया गया। उसके बाद उस स्मारक में लगी गुरू द्रोणाचार्य और पांडवों की प्रतिमाओं का कोई अता-पता नहीं है। यहां पर पहले गुरू द्रोणाचार्य की निशानी