ग्यारह घंटे पैदल सफर कर हाल लेने पहुंचे एक मुख्यमंत्री विजय शुक्ल लोकल न्यूज ऑफ इंडिया तवांग .पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र अक्सर उग्रवाद के सिलसिले में किया जाता रहा है. लेकिन इलाके की सकारात्मक खबरें न तो मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचती हैं और न ही देश के दूसरे लोग इस बारे में भनक मिलती है. इलाके में तमाम राजनेता अक्सर अपने कामकाज से ऐसी मिसाल कायम करते रहे हैं जिनके बारे में देश के बाकी हिस्सों में रहने वाले लोग कल्पना भी नहीं कर सकते. तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री जब सुरक्षाकर्मियों की भारी भरकम फौज, कारों के लंबे काफिले और हेलीकाप्टरों से दौरों पर निकलते हैं तो ऐसे में किसी को इस बात का भरोसा नहीं होगा कि कोई मुख्यमंत्री अपने चुनाव क्षेत्र में गांव वालो की समस्याएं जानने-समझने के लिए 11 घंटे पैदल सफर भी कर सकता है. सुनने में यह मामला भले अविश्वसनीय लगे, लेकिन है सोलहों आने सच. यह मिसाल कायम की है चीन की सीमा से लगे पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश के मुयमंत्री पेमा खांडू ने. उन्होंने इसी सप्ताह तवांग जिले के दुर्गम गांव लुगुथांग पहुंचने के लिए महज एक सुरक्षाकर्मी के साथ 14 किमी पैद