प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि कोरोना संकट के बीच स्थानीय विनिर्माण, स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला का महत्त्व हमारी समझ में आ गया है। उन्होंने कहा,“संकट के समय लोकल ने ही हमें बचाया है। समय ने सिखाया है लोकल को हमें अपना जीवन मंत्र बनाना है। आज से हर भारतवासी को लोकल के लिए वोकल बनना है। न सिर्फ लोकल उत्पाद खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है।”
उन्होंने कहा कि आज जो ग्लोबल ब्रांड हैं वे भी शुरू में लोकल ही थे। जब उन देशों के लोगों ने उनका इस्तेमाल शुरू किया तभी वे ग्लोबल बन सके। अपने संबोधन में देश को आत्मनिर्भर बनाने की अपील करते हुये उन्होंने कहा कि इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में कड़ी प्रतिस्पर्द्धा के लिए देश तैयार होगा।
वेतन तो शिक्षक का कटेगा भले ही वो महिला हो और महिला अवकाश का दिन हो , खंड शिक्षा अधिकारी पर तो जांच जारी है ही ,पर यक्ष प्रश्न आखिर कब तक
महिला अवकाश के दिन महिलाओ का वेतन काटना तो याद है , पर बीएसए साहब को डीएम साहब के आदेश को स्पष्ट करना याद नहीं - शीतल दहलान , जिला अध्यक्ष , प्राथमिक शिक्षक संघ सिस्टम ही तो है वरना जिस स्कूल में छः और आठ महीने से कोई शिक्षक नहीं आ रहा वहा साहब लोग जाने की जरूरत नहीं समझते , पर महिला हूँ चीख चिल्ला ही सकती हूँ , पर हूँ तो निरीह ना - शीतल दहलान विजय शुक्ल लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया दिल्ली। खनन ,और शिक्षा दो ही ऐसे माफिया है जो आज सोनभद्र को दीमक की तरह खोखला कर रहे है, वो भी भ्रष्ट और सरपरस्ती में जी रहे अधिकारियो की कृपा से। बहरहाल लोकल न्यूज ऑफ इंडिया और कई समझदार लोग शायद शिक्षक पद की गरिमा को लेकर सोनभद्र में चिंतित नजर आते है। चाहे म्योरपुर खंड शिक्षा अधिकारी को लेकर बेबाक और स्पष्ट वादी विधायक हरीराम चेरो का बयान हो कि सहाय बदमाश आदमी है या फिर ऑडियो में पैसे का आरोप लगाने वाली महिला शिक्षिका का अब भी दबाव में जीना और सिस्टम से लगातार जूझना जो जांच की छुरछुरछुरिया के साथ आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी को अपने रसूख और दबाव का खेल घूम घूम कर साबित करने की इजाजत देता हो।
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