ट्राउट मछली के अवैध शिकार पर विभाग ने कसा शिकंजा 7 धरे
- तीर्थन नदी के देहुरी नाले में कर रहे थे मछलियों का अवैध शिकार 13500/- रुपये जुर्माना वसूला।
- ट्राउट मछली के अवैध शिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा, होगी सख्त कार्यवाही- दुनी चन्द आर्य।
- अवैध शिकारियों में मचा हडकंप, लोग विभाग की कार्यवाही की कर रहे हैं प्रशंसा।
पारसराम भारती
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
तीर्थन घाटी, गुशैनी,बंजार।जिला कुल्लु उपमण्डल बंजार की तीर्थन घाटी में मत्स्य विभाग ने अपनी चौकसी और बढ़ा दी है। आए दिनों कुछ लोग लोकडॉन की आड़ में तीर्थन के सहायक नदी नालों में ट्राउट मछली का अवैध शिकार कर रहे थे जिन पर विभागीय कर्मचारियों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अभी तक तीर्थन घाटी में मत्स्य विभाग हामनी के कर्मचारियों द्वारा कई दर्जनों मछलियों के अवैध शिकारियों पर कार्यवाही करके लाखों की राशि बतौर जुर्माना बसूल की जा चुकी है। मत्स्य विभाग की सख्त कार्यबाही से अवैध शिकारियों में खौफ पैदा हो गया है और घाटी के बुद्धिजीबी लोग विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही की प्रशंसा कर रहे हैं।
मत्स्य विभाग ट्राउट फार्म हामनी के मत्स्य अधिकारी दुनी चन्द आर्य ने बतलाया कि पिछले कल इन्होंने 7 व्यक्तियों को तीर्थन नदी के सहायक नदी नालों में मछलियों का अवैध शिकार करते हुए पकड़ा है। ये लोग तीर्थन नदी के सहायक देहुरी नाले में मछलियों का अवैध शिकार करते हुए दबोचे गए हैं। इनसे मौके पर ही 13500 रुपए जुर्माना वसूला गया है और 800 रुपये की राशि पकड़ी गई मछलियों की नीलामी से अर्जित हुई है। इन्होंने कहा कि तीर्थन घाटी में ट्राउट मछलियों के अवैध शिकारियों पर सख्त कार्यवाही की जा रही है उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बतलाया कि अपने कार्यकाल के दौरान आजतक करीब ढाई लाख रुपये जुर्माना वसूला जाकर सरकारी खजाने में जमा किया जा चुका है।
दुनी चन्द आर्य ने कहा कि अब मत्स्य विभाग की नई अधिसूचना के मुताबिक मछली शिकार के लिए रोजाना व सालाना फीस दरें बढ़ा दी गई है जो अब प्रतिदिन 100 रूपए से बढ़ा कर 300 रुपये कर दी गई है और अन्य दरों में साप्ताहिक 1800, मासिक 7200 और वार्षिक 33000/- रुपये तक बढ़ा दी गई है। ये दरें पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए एक सामान रहेगी। मत्स्य ट्राउट फार्म हामनी में स्टाफ की कमी है लेकिन फिर भी यहाँ पर तैनात कर्मचारी बेहतर तरीके से कार्य कर रहे हैं।
ट्राउट कंसर्ववेशन एन्ड एंगलिंग एसोसिएशन जिला कुल्लु के महासचिव कृष्ण सन्धु का कहना है कि
लाइसेंस के रेट बढ़ाना एक सही फैसला है। कुल्लू की ट्राउट संरक्षण संस्था इसके लिए कई साल पहले से अपनी सिफारिशों में डिमांड कर रही थी। परन्तु अब विभाग की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। यदि नदी नालों में ट्राउट नहीं मिलेगी तो कौन महंगे परमिट खरीदेगा। इसलिए अब रात दिन नदी नालों के किनारे चौकसी करनी होगी ताकि अवैध शिकारियों पर शिकंजा कसा जाए और अवैध शिकार पर पूरा अंकुश लग सके। इन्होंने कहा कि विभाग को वाच एवं वार्ड के लिए नई भर्तियां करनी होगी या फिर नदी नालों को स्थानीय लोगों के लिए लीज पर देना होगा। तभी ट्राउट बचाई जा सकेगी और इससे रेवन्यू कमाया जा सकेगा।
तीर्थन घाटी के महशूर मत्स्य पालक एवं कारोबारी रुधीर डोड का कहना है कि तीर्थन क्षेत्र में ट्राउट फ़ारमिंग को भी पूरी तरह बढ़ावा देना होगा और स्थानीय वासियों को कश्मीर की तर्ज पर आधी दर में ट्राउट की आपूर्ति करनी होगी तभी पोचिंग भी बन्द होगी तथा लोग नदी नालों की तरफ भी कम ही जाएंगे।
तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन के प्रधान वरुण भारती का कहना है कि स्थानीय लोगों में फीस बढ़ोतरी को लेकर रोष व्याप्त है। इनके अनुसार रोजाना की ज्यादा फीस होने के कारण लोग चोरी छुपे मछलियों का शिकार करेंगे। इनका सरकार से आग्रह है कि इस अधिसुचना में स्थानीय लोगों के लिए फीस दर में कुछ रियायत बख्शी जाए।
घाटी के युवा एवं मत्स्य पालक पन्ना लाल ठाकुर का कहना है कि तीर्थन और इसकी सहायक नदी नालों में लम्बे समय से मछलियों का अवैध शिकार होता रहा है लेकिन अब विभाग ने कुछ सख्ती करके उस पर अंकुश लगाया है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा ट्राउट मछली के संरक्षण की दिशा में अच्छा कार्य किया जा रहा है जिसके लिए हामनी टॉउट फार्म के कर्मचारी प्रशंसा के पात्र है।
तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन के सदस्यों,स्थानीय लोगों नरेश कुमार, रमेश चन्द, डोला राम, टिकम राम, राजकुमार, हरीश कुमार, बलवीर टिली, खुशाल चन्द ठाकुर, राजेन्द्र सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र नेगी, पूर्व प्रधान स्वर्ण सिंह, उप प्रधान शिल्ली मोहर सिंह ठाकुर आदि का कहना है कि जब से दूनी चन्द आर्य मत्स्य अधिकारी ने हामनी में अपना कार्यभार संभाला है तो उन्होंने अपनी टीम के साथ पूरी लगन से अवैध शिकार पर अंकुश लगाने की भरसक कोशिश की है और इसमें कामयाब भी हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि ऐसे निडर अधिकारी और उनकी टीम को किसी मंच पर सार्वजनिक तौर पर सम्मानित किया जाना चाहिए।
कृष्ण लाल सन्धु का कहना है कि उनकी ट्राउट संरक्षण संस्था शीघ्र ही इसके बारे में प्रधान सचिव मत्स्य हिमाचल प्रदेश के साथ इस विषय के में जरूरी पत्राचार करेगी ताकि ऐसे अधिकारी व कर्मचारी जो अपनी जान जोखिम में डाल कर अवैध शिकारियों पर शिकंजा कस रहे हैं उनका मनोबल बढ़ाया जाए।
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