पर्यटन का पावर सेंटर बन सकता है सोनभद्र
सन्तोष दयाल
लोकल न्यूज़ आफ इण्डिया
म्योरपुर सोनभद्र।सोनभद्र जिला चार प्रान्तों से सटा हुआ है देखा जाये तो जिला सोनभद्र #प्राकृतिक_सौंदर्य के असंख्य खूबसूरती से भरा पड़ा है ।
जहां इंसान पहुच गये वहा क्षेत्रीय भ्रमण स्थल बन गया जहाँ नही पहुचे वहाँ ना जाने कितने प्राकृतिक खूबसूरती भरे झरने अनोखे पेड़ पौधे जड़ीबूटियां विभिन्न प्रजातियों के पंक्षी इन सोनभद्र के पहाड़ों जंगलों में हम और आपसे #छिपी हुई है ।कहा जाये तो #सोनभद्र की प्राकृतिक सौंदर्य को लेकर #पर्यटन के असीमित #अवसर है।
जिसके बढ़ने से स्थानीय आदिवासी बेरोजगारों को #रोजगार से लेकर आम जनमानस को अन्य पहाड़ी इलाको के #पर्यटन_स्थल जैसा ही खूबसूरत माहौल उपलब्ध कराया जा सकता है।
लेकिन बेहद अफसोस कि बात है कि वर्षो से अबतक पर्यटन विभाग सोनभद्र में पर्यटन विकास के क्षेत्र में आगे नही बढ़ा और सोनभद्र हमेशा से उपेक्षित रहा ।
हमने कई पर्यटन स्थल का भ्रमण किया वहा पर्यटन विभाग द्वारा बने गेस्ट हाउस भी देखे लेकिन मुझे उन पर्यटन स्थलों में ऐसा कुछ विशेष नही दिखा।
जो सोनभद्र के वर्षो पुराने #विजयगढ़ और अगोरी #किले हो या विश्वस्तरीय जलाशय रिहंद_बांध (गोविन्द वल्लभ पंत सागर), अबाड़ी, मंगलेश्वर धाम के झरने पहाड़ी, अहरौरा #घाटी, मारकुंडी घाटी, विश्वप्रसिद्ध फॉसिल्स पार्क सलखन, धंधरौल बांध , ओबरा डैम , झिंगुरदा हनुमान मंदिर टिप्पा झरिया , बेलवादह पिकनिक स्पॉट , खंता व लैरा पिकनिक स्थल जो खूबसूरत तो है पर जनप्रतिनिधियों की पर्यटन विकास को लेकर उदासीनता कहिये या दुर्भाग्य की प्राकृतिक सौंदर्य का बेसुमार खजाना आज पर्यटन विभाग के ध्यान देने की राह देख रहा है ।
सम्पूर्ण देश में प्रसिद्ध प्राचीन विजयगढ़ और अगोरी किले के सरंक्षण को लेकर जोरों से कार्य की जरूरत है जिससे पर्यटन स्थलों का समुचित संरक्षण व पर्यटन का विस्तार हो सके ।
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