खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ ऑडियो काण्ड की जांच वाला जिन्न ना जाने कब बाहर आएगा , डीएम साहब जाने या फिर राम जाने .......
खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ ऑडियो काण्ड की जांच वाला जिन्न ना जाने कब बाहर आएगा , डीएम साहब जाने या फिर राम जाने .......
विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
सोनभद्र, दिल्ली। इधर पांच साल संविदा, योगी बाबा अलविदा का नारा तेजी से गूंजना शुरू ही हुआ था कि सरकार के उपमुख्यमंत्री ने अपनी सफाई जारी करदी। कुल मिलाकर मुखिया की जिम्मेदारी तो निभाई। अब सवाल यह हैं कि यह मामला राजनीतिक जमीन हिलाने के साथ साथ साख वाला भी था सो सरकार का निर्णय भी जल्दी बयान के रूप में आ गया कार्रवाई क्या होगी यह राम ही जाने ! यह जो राम ही जाने वाली कहावत है आज सटीक अगर कही बैठती हैं तो वो सिर्फ और सिर्फ बीएसए सोनभद्र साहब के ऊपर। वैसे तो हर साहब लोगो की तरह यह भी मीठे हैं और सवालों का सीधा जबाब भी देते हैं खासकर सहाय साहब वाले मामले पर... की उन्होंने निर्देशित कर दिया हैं.. वाला जबाब।
बहरहाल हमारा मामला छोटा था लोकल टाइप का वो भी बेचारे मुसीबत में फंसे एक स्कूल के शिक्षक का आठ महीने का मात्रा गायब होने का स्कूल से। जो कि बाद में पता चला की हम लोग नाहक ही परेशान हो रहे थे वो तो ट्रेनिंग वेनिंग लेते हुए अवकाश जी हाँ वही मेडिकल वाले अवकाश पर थे और स्कूल का नाम भूल जाना कोई बड़ी बात थोड़े ही हैं। यह सब जरूरी भी हैं कितना नाम याद रखे और सरकार का वेतन जब हर माह आ रहा था तो फिर क्यों ? अब हर कोई थोड़े ही देवेश बाबू की तरह ध्यान रखेगा। कौन देवेश बाबू ?? अब यह सब भी मुझसे मत लिखवाइए। हजार किलोमीटर दूर बैठा वैसे ही मैं परेशान रहता हूँ सोनभद्र के गाँवों की सड़क सही ना होने के कारण धान बोते सपाइयों को देखकर।
बहरहाल एक बात पते की हैं कि जब जिले का डीएम जिम्मेदार और ईमानदार हो तो कोई शक नहीं। जांच का जिन्न जरूर जागेगा और सबको लपेटेगा भी। थोड़ा जांच की आंच की खिचड़ी देर से पकती हैं दो कारणों से : एक तो खिचड़ी का पकना इतना देर से हो की सबकी भूख मिट जाय दूजी बात यह कि दूध का दूध पानी का पानी हो जाय। अब क्या होगा फिर वही राम जाने। क्योकि यूपी हैं रामराज हैं योगी राज के रूप में।
आज ऐसे ही लिखने बैठ गया सोचा की क्या डीएम साहब को फ़ोन करू , बीएसए साहब को भी क्यों तंग करूँ या फिर खंड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर को ही क्यों परेशान किया जाय। जब सब मस्त हैं स्कूल की वर्दी बांटने में- जांच में , तो नाहक परेशान करना भी ठीक नहीं हैं। लेकिन एक बात साफ़ हैं कि सोनभद्र में कुछ तो गड़बड़ हैं कितना और क्या क्या सब आएगा अब धीरे धीरे बाहर। क्योकि अब जनता जाग रही हैं। आज सुबह सुबह एक बच्चे का फ़ोन आना की लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया पर भरोसा हैं की कमीशन के चक्कर में यह स्कूल की वर्दी का खेल बिगाड़ने में उसकी मदद करेगा तो मेरा माथा ठनका की क्या हैं यह सब। स्कूल के बच्चो का जूता पहनने का आरोप वो भी गुरूजी पर , गायब रहे का आरोप वो भी गुरूजी पर , घूस देकर अपनी लाज बचाने की पीड़ा से गुजरती महिला गुरूजी और हर एक में यह सहाय साहब ही क्यों ?
यह भी जरूरी ही हैं - सहाय बहुत बदमाश आदमी है इसने बहुत गड़बड़ किया है : हरी राम चेरो , विधायक दुद्धी
या तो यह सबकी मोटी कमाई का जरिया हैं ? या खुद ही मोटी कमाई कर रहे हैं ? या लोग लोकल न्यूज ऑफ इंडिया के सहारे एक सबसे व्यस्त और मस्त खंड शिक्षा अधिकारी को निपटवाने की जुगाड़ में लगे हैं ? यह सब सवाल जायज या नाजायज विधायक जी, प्रधान जी और खुद मेरी अपनी बात चीत के आधार पर रात में जगा देते हैं की आज मैंने कुछ क्यों नहीं लिखा। बहरहाल मेरी कोई दुश्मनी नहीं हैं साहब लोगो से बस एक बात साफ़ कर दूँ की जांच का कोई परिणाम आएगा जल्दी इसका तर्पण श्राद्ध सब मैंने कर दिया। क्योकि होगा वही जो विभाग चाहेगा और विभाग तो अभी साहब की कुर्सी के तीन पाए पर हैं ही। चौथा पाया तो डीएम साहब के पास पहुँची जांच वाले रिपोर्ट में गायब हैं। होगा क्या या तो डीएम साहब जाने या राम जाने। ....
- महिला अवकाश के दिन महिलाओ का वेतन काटना तो याद है , पर बीएसए साहब को डीएम साहब के आदेश को स्पष्ट करना याद नहीं - शीतल दहलान , जिला अध्यक्ष , प्राथमिक शिक्षक संघ
- सिस्टम ही तो है वरना जिस स्कूल में छः और आठ महीने से कोई शिक्षक नहीं आ रहा वहा साहब लोग जाने की जरूरत नहीं समझते , पर महिला हूँ चीख चिल्ला ही सकती हूँ , पर हूँ तो निरीह ना - शीतल दहलान
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें