- जांच और नोटिस का झुनझुना आखिर कब तक थमाकर माल की मलाई खाते रहेगे शिक्षा और स्वास्थ्य महकमे के मुखिया लोग
- आखिर निजी क्लिनिक संचालक का आका है कौन ? क्या स्वास्थ्य विभाग के इशारे पर सील हुई क्लिनिक का ताला तोड़ बेख़ौफ़ चल रही क्लिनिक ?
- आखिर इस मौत के सौदागर को इतनी आजादी क्यूँ ?
- विगत दिनों अवैध क्लीनिक संचालक पर एक मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्लीनिक को किया गया था सील
प्रदीप कुमार जायसवाल
लोकल न्यूज आँफ इंडिया
बीजपुर,सोनभद्र। बीजपुर क्षेत्र अंतर्गत बाजार स्थित अवैध निजी क्लीनिक व मेडिकल स्टोर संचालक पर विगत दिनों एक मरीज की मौत के मामले में स्वास्थ्य महकमा सक्रियता दिखाते हुए आनन-फानन में क्लीनिक को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुँच कर जांच पड़ताल करने के बाद कोई कागजात नहीं होने पर क्लीनिक व मेडिकल स्टोर सील की कार्रवाई कर चलता बना था।
तदोपरांत दबंग व मनबढ़ क्लीनिक संचालक घटना व कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी की मिलीभगत से किसी के नाम से मेडिकल स्टोर का रजिस्ट्रेशन कराकर क्लीनिक संचालक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कार्रवाई को ताक पर रख कर क्लिनिक व मेडिकल स्टोर का सील किया ताला तोड़कर दुबारा से मेडिकल स्टोर का संचालन शुरू कर दिया। जिसकी सूचना मिलने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने टीम भेजकर जांच कराने पर मामला सही पाया।
और सील किया गया ताला तोड़ा पाया गया। मौके पर पहुंचे अधिकारी की सूचना संचालक को कैसे मिली? यह पता नहीं पर अपने तगड़े नेटवर्क के कारण वह मौके से क्लिनिक बंद कर गायब हो गया। तदोपरांत अधिकारियों ने आसपास के लोगों का लिखित बयान लेकर कार्रवाई का आश्वासन दे आगे का रास्ता नाप लिया । अधिकारियों के जाने के बाद भी बदस्तूर मेडिकल स्टोर संचालन जारी है।
बहरहाल यह सोनभद्र हैं और ऊपर से बीजपुर। जहां जांच की रसम इतनी लम्बी हैं कि बीरबल की खिचड़ी वाला मुहावरा भी शर्मा जाय। अब विभागीय कार्रवाई आगे फाइलों तक सीमित रहेगी या ऐसे मनबढ़ संचालकों पर कोई कार्रवाई भी होगी यह तो राम जाने। लोगो की जिन्दगियो से खेल रहे ऐसे लोगो और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का यह खेल क्या गुल खिलाएगा यह मालूम नहीं।
आखिरकार ऐसे मनबढ़ धरती के यमराज के ऊपर किस अधिकारी का संरक्षण प्राप्त है? यह जांच का विषय है। और जांच हैं यह तो आप म्योरपुर के शिक्षा विभाग के खंड अधिकारी की डीएम जांच से अंदाजा लगा ही चुके होंगे। आलम यह हैं कि शिकायत कर्ता महिला शिक्षिका की जान पर बन आयी हैं और यह सब आला अधिकारियों के मिली भगत का यही नतीजा हैं।
बहरहाल ऐसे संचालक का आनन-फानन में कैसे मेडिकल स्टोर का कागजात मिल गया और किसके आदेश पर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई का उल्लंघन करते हुए वह उसी दुकान में नियुक्त नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए फिर से संचालन कर रहा है।
जब इस संदर्भ मैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी एसके उपाध्याय से पूछा गया तो उन्होंने कहा जांच में हमारी टीम गई थी जांच में ताला तोड़ने का सही पाया गया और नोटिस जारी हो चुकी है कि किसके आदेश पर सील सरकारी ताला तोड़ा गया है. जांच कराकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह जुमला सोनभद्र का हर अधिकारी जानता हैं खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग की तो इसमें पीएचडी हैं। बीजपुर की जनता की जिंदगी तो बस राम भरोसे ही हैं।
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