तीर्थन घाटी में शलिंगा गांव के युवक की ढांक से गिर कर दर्दनाक मौत
- गुशैनी बाजार से वापिस पैदल अपने घर जा रहा था युवक।
- नोहण्डा की पथरीली राह बनी जानलेवा, हो चुके है कई हादसे।
- पत्नी और एक वर्ष की नवजात बच्ची को छोड़ गया सुरेश कुमार
परसराम भारती
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार। उपमण्डल बंजार में तीर्थन घाटी की ग्राम पंचायत नोहण्डा के शलिंगा गांव में एक नौजवान युवक की ढांक से गिर कर मौत हो गई है। मृतक युवक का नाम सुरेश कुमार पुत्र लगन चन्द गांव शलिंगा डाकघर रोपा खण्ड बंजार उम्र 25 वर्ष है।
सुरेश कुमार पिछले कल दीवाली के लिए कुछ सामान लेने गुशैनी बाजार में आया था। गुशैनी से शाम के समय पैदल अपने घर जा रहा था। जैसे ही यह गदेहड़ नामक स्थान से होकर आगे अपने गांव शलिंगा के लिए पथरीले रास्ते से गुजर रहा था तो अचानक अपना नियंत्रण खो बैठा और ऊँचे ढांक से नीचे करीब 400 मीटर गहरी खाई में गिर कर तीर्थन नदी के पास पहुंच गया। जब घर वालों को पता चला तो उसकी तलाश में निकल पड़े।और देखा कि उसका कुछ सामान, मिठाई का डिब्बा और फोन रास्ते से नीचे गिरे पड़े हैं। जब नदी के पास जाकर देखा तो सुरेश कुमार की मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
सुरेश कुमार काफी मिलनसार युवा था जिसकी दुःखद मौत से पूरे नोहण्डा क्षेत्र में शोक की लहर छाई है। शलिंगा गांव में तो दीवाली की रात को मातम छा गया। मृतक अपने पीछे परिवार, पत्नी और एक वर्ष की नवजात बच्ची को रोता विखलता छोड़ गया है। ग्रामीणों ने इस घटना की सुचना पुलिस को दी।
घटना की सुचना मिलते ही पिछले कल रात को थाना बंजार से पुलिस दल ने मौके पर पहुंच कर शव को अपने कब्जे में लिया और आज बंजार अस्पताल में पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस थाना बंजार के प्रभारी नरेश कुमार शर्मा ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज करके धारा 174 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत जांच आरम्भ की गई है। मृतक के परिजनों ने सुरेश कुमार की मौत को लेकर किसी तरह की शंका जाहिर नहीं की है। इन्होंने बतलाया कि आरम्भिक जांच में सुरेश कुमार की मौत ढांक से गिरने के कारण ही होना पाई जा रही है। मृतक युवक के परिजनों को प्रशासन की ओर से फौरी राहत राशि प्रदान की गई है।
नोहण्डा क्षेत्र के स्थानीय लोगों वीरेंदर भारद्वाज, किशोरी लाल, देव राज, वार्ड पंच भीमा देवी, रोशन लाल, लगन चन्द, हीरा लाल, चेत राम, भगवान दास, चिरन्जी लाल, दलीप सिंह, लाल सिंह, लोभु राम, कृष्ण चन्द, रवि शलाठ, रमाकांत शलाठ, शेर सिंह और कुलदीप शलाठ आदि का कहना है कि नोहण्डा के जितने भी पैदल आम रास्ते है उनकी हालात काफी खराब है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर इन पहाड़ी रास्तों के खतरनाक स्थानों पर कुछ सुरक्षा उपाय होते तो इस प्रकार के हादसों से बचाव हो सकता है। आज से पहले भी इस रास्ते के खतरनाक स्थानों से गिर कर तीन लोग अपनी जिंदगी गंवा चुके हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि ग्राम पंचायत नोहण्डा से दर्जनों गांवों के सैंकड़ों लोग सड़क सुविधा के लिए तरस रहे हैं। लेकिन दशकों बीत जाने के बाद भी सड़क सुविधा तो दुर की बात लोगों के लिए आम रास्ते भी ठीक से चलने लायक नहीं बन पाए हैं। आम पहाड़ी रास्तों में दूर दराज के स्कुली छात्रों, वुजुर्गो और महिलाओं को अपनी जान हथेली पर रख कर चलना पड़ता है। लोगों ने प्रशासन और वन विभाग से मांग की है कि नोहण्डा के आम रास्तो गुशैनी से शलिंगा और नाहीं, पेखड़ी से नाहीं और लाकचा, नाहीं से दारन और सुंगचा तथा कुल्थी से पेखड़ी तक जितने भी खतरनाक पॉइन्ट है वहां पर पत्थरों की सुरक्षा दीवार या कंटीली तारों से बाढ़बन्दी की जाए। ताकि आम लोगों के जानमाल की सुरक्षा और बचाब हो सके।
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क शमशी के सहायक अरण्यपाल सचिन शर्मा का कहना है कि अगर नोहण्डा के आम रास्तों में कहीं खतरनाक स्पॉट है तो उन्हें सुरक्षित बनाने के लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा।इन स्थानों को चिन्हित करके इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी। बजट का प्रावधान होने पर इन स्थानों में सुरक्षा के प्रबन्ध किए जाएंगे। लोगों से इन खतरनाक स्थानों को चिन्हित करने में सहयोग की अपील की है।
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