सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

तीर्थन घाटी के नाहीं गांव में हफ्तों तक नहीं आता नलों में एक भी बूँद पीने का पानी

दो किलोमीटर दूर से पीठ पर पानी ढोने को मजबूर नाहीं गांव के बुजुर्ग और महिलाएं।


कई दशकों से पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे है यहाँ के सैंकड़ों बाशिन्दे।


शासन प्रशासन व सरकार से गुहार करने के बावजूद भी आजतक नहीं मिला स्थाई समाधान।



परस राम भारती

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया 

तीर्थन घाटी गुशैनी,बंजार।हिमाचल प्रदेश जिला कुल्लू उपमण्डल बंजार की दूर दराज नवगठित ग्राम पंचायत पेखड़ी से गांव नाहीं में लोग हफ्तों तक पीने के पानी की समस्या से जुझ रहे हैं। तीर्थन घाटी ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से सटी नवगठित ग्राम पंचायत पेखड़ी अभी तक विकास से कोसों दूर है। यहाँ के सैंकड़ों बाशिन्दे आज भी सड़क, रास्ते, पेयजल, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से बंचित है।



ग्राम पंचायत पेखड़ी के नाहीं गांव के आसपास बसे सैंकड़ों ग्रामीणों के लिए हर वर्ष की भाँति गर्मी और सर्दी का मौसम आते ही पीने के पानी की समस्या गम्भीर हो जाती है। और यहाँ के ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर पैदल चलकर पीने के पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है। लोगों को अपने मवेशियों को भी गांव से मीलों दूर पानी पिलाने के लिए ले जाना पड़ता है। नाहीं गांव के स्थानीय लोगों लोभु राम, दिले राम, रोशन लाल, टेक सिंह, भाग चन्द, नोक सिंह, लाल सिंह, महेषु ठाकुर, कृष्ण कोली, रमेश शलाठ, दीवान नेगी, श्याम लाल, इंद्र शलाठ आदि का कहना है कि नाहीं गांव और इसके साथ लगते धारा नाहीं और लुहारदा गांव के सैंकड़ों ग्रामीण कई दशकों से पेयजल की समस्या का सामना कर रहे हैं लेकिन शासन प्रशासन आजतक उनकी समस्या का स्थायी समाधान नहीं कर सका है जिस कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। खास कर गर्मियों के मौसम में पानी के मुख्य स्रोत में भी पानी कुछ कम हो जाता है और सर्दियों के मौसम में भी पानी और पाइप जाम की समस्या रहती है जिस कारण ग्रामीण जनता पानी की बून्द बून्द के लिए तरस जाती है। ऐसी स्थिति में गांव के वुजूर्गों, महिलाओं और बच्चों को करीब दो किलोमीटर दुर बाईटी नामक स्थान से पीठ पर उठाकर पीने का पानी लाना पड़ता है। विभाग उपलब्ध पानी को सोर्स से  लोगों तक व्यवस्थित तरीके से पहुंचाने में नाकाम साबित हो रहा है। हर वर्ष विभाग इन लाइनों की रिपेयर के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। ग्रामीण कई वर्षों से पानी की इस समस्या को झेल रहे है लेकिन उनकी समस्याओं पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है। 



स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव के समय हर पार्टी के नुमाइन्दे बड़े बड़े वादे करके चले जाते है और ये वादे सिर्फ वादे बन कर रह जाते हैं। कई वर्षों से लोग यही देखते आ रहे हैं लेकिन उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है। और लोग अपने स्तर पर ही कई वर्षों से करीब दो किलोमीटर दूर पैदल चलकर अपने लिए पीने के पानी की व्यवस्था कर रहे हैं।

लोगों का कहना है कि अपनी इस समस्या के समाधान बारे इन्होंने मुख्यमंत्री संकल्प सेवा में भी शिकायत दर्ज की थी जिस पर विभाग द्वारा आनन फानन में 50 पाइप नाहीं गांव में पहुंचा दिए हैं लेकिन अभी तक इन पाइपों को नहीं बिछाया गया है।



ग्रामीणों का कहना है कि इसके अलावा इनके छोटे छोटे नौनिहाल जो गांव के प्राइमरी स्कूल में पड़ते हैं उन्हें भी पानी बोतलों में भर कर घर से ले जाना पड़ता है क्योंकि प्राइमरी स्कूल नाहीं में भी अभी तक पानी की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।

लोगों ने मुख्यमंत्री जयराम सरकार से गुहार की है कि उनकी सड़क रास्तों, पेयजल स्वास्थय और पेयजल जैसी आधारभूत सुविधाओं पर शीघ्र ध्यान दे ताकि गांव की जनता आसानी से अपना जीवनयापन कर सके। लोगों की मांग है कि नाहीं गांव के बाशिन्दों के लिए पेयजल आपूर्ति हेतु कोई बड़ी योजना पर काम शुरू किया जाए ताकि यहां के लोगों की दशकों पुरानी समस्या का हल हो सके।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

महीनों से गायब सहायक अध्यापिका रहीं गणतंत्र दिवस पर अनुपस्थित,अवैतनिक छुट्टी के कारण सैकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में।

  जयचंद लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया सोनभद्र/म्योरपुर/लीलाडेवा   शिक्षा क्षेत्र म्योरपुर के  अंतर्गत ग्राम पंचायत लीलाडेवा के कम्पोजिट विद्यालय लीलाडेवा में सहायक अध्यापिका रानी जायसवाल विगत जनवरी 2021से तैनात हैँ और प्रायः अनुपस्थित चल रही है।इस प्रकरण में खण्ड शिक्षा अधिकारी महोदय म्योरपुर श्री विश्वजीत जी से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि सहायक अध्यापिका रानी जायसवाल अनुपस्थित चल रही हैँ अवैतनिक अवकाश पर है, उनका कोई वेतन नही बन रहा है। उधर ग्राम प्रधान व ग्रामीणों द्वारा दिनांक 27/12/2023 को ब्लॉक प्रमुख म्योरपुर व श्रीमान जिलाधिकारी महोदय सोनभद्र को लिखित प्रार्थना पत्र देने बावत जब ब्लॉक प्रमुख श्री मानसिंह गोड़ जी से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही हो रही है श्रीमान मुख्य विकास अधिकारी महोदय  सोनभद्र  को मामले से अवगत करा दिया गया है।424 गरीब आदिवासी  छात्र- छात्राओं वाले   कम्पोजिट विद्यालय लीलाडेवा में महज 6 अध्यापक,अध्यापिका हैँ।विद्यालय में बच्चों की संख्या ज्यादा और अध्यापक कम रहने से बच्चों का पठन - पाठन सुचारु रूप से नहीं हो पा रही है जिससे गरी

खण्ड शिक्षा अधिकारी की लापरवाही से शिक्षा व्यवस्था बेपटरी,निर्माणाधीन विद्यालय भवन चढ़े भ्र्ष्टाचार की भेंट

  जयचंद लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया बीजपुर/सोनभद्र  प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी और महत्वकांक्षी निपुण भारत लक्ष्य और डीबीटी योजना म्योरपुर ब्लॉक में सुचारु रूप से चलती नजर नहीं आ रही है।योजना को शत प्रतिशत अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी खण्ड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर को शौपी गयी है लेकिन बीईओ की उदासीनता और लापरवाह कार्यशैली से ना बच्चे निपुण हो रहे हैँ और ना ही डीबीटी योजना का धन अभिभावकों तक पहुंच रहा है।बताया जा रहा है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर भवन निर्माण कराने वाले शिक्षकों और भगोड़े को प्रशिक्षण और बोर्ड परीक्षा ड्यूटी के नाम पर संरक्षण देने में ही अपना पुरा ध्यान लगा रखे हैँ।ऐसे में विद्यालयों में पठन पाठन का माहौल खत्म हो गया है।        शुक्रवार को म्योरपुर ब्लॉक के जरहा,किरबिल,सागोबाँध और म्योरपुर न्याय पंचायत के विभिन्न गांव में पहुँचे भाजपा के प्रतिनिधि  मंडल को ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक विद्यालय नहीं आते हैँ तो विद्यालय के बच्चे निपुण कैसे होंगे।         मण्डल अध्यक्ष मोहरलाल खरवार को ग्रामीणों ने बताया कि  बच्चों को किताबें पढ़ने नहीं आती   लेकिन खण्ड शिक्षा अधिकारी के दबा

प्रधानमंत्री मोदी जी के कार्यक्रम में जा रही बस पलटी 24 यात्री घायल

  मिठाई लाल यादव लोकल न्यूज़ ऑफ़ इंडिया मध्य प्रदेश:  मध्य प्रदेश शहडोल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने जा रही यात्री बस शनिवार सुबह पलट गई हादसे में 24 लोग घायल हुए हैं घायलों को जिले के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया है बस डिंडोरी जिले के धनवा सागर से शहडोल आ रही थी अनूपपुर जिले के पथरूआ घाट में मोड़ पर अनियंत्रित होकर पलट गई बस में लगभग 30 यात्री सवार थे डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा ने बताया कि बस मैं सवार सभी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शहडोल जा रहे थे