दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा संत रविदास जयंती के उपलक्ष्य में दीप प्रज्ज्वलन एवं "रविदास जी की मानव कल्याणकारी एवं वैज्ञानिक विचारधारा" विषय पर व्याख्यान का आयोजन
सोशल काका
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
दिल्ली. संत रविदास जयंती के उपलक्ष्य में दिनांक 27 फरवरी 2021 को दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रामशरण गौड़ एवं दि.ला.बो के सदस्यों की ओर से दि.प.ला. के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा सभागार में संत रविदास जी की प्रतिमा को श्रद्धांजलि देते हुए दीप प्रज्ज्वलन कर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए ।
तत्पश्चात संत रविदास जयंती के उपलक्ष्य में "रविदास जी की मानव कल्याणकारी एवं वैज्ञानिक विचारधारा" विषय पर वेबिनार द्वारा व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रामशरण गौड़ के मार्गदर्शन तथा दि.ला.बो के सदस्य श्री सुभाष चंद्र कंखेरिया की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। वक्ता के रूप में भारत एस. सत्यार्थी, निदेशक, ग्लोबल कॉलेज ऑफ़ लॉ उपस्थित रहे। श्रीमती कीर्ति दीक्षित द्वारा सरस्वती वंदना से वेबिनार का शुभारम्भ किया गया।
भारत एस. सत्यार्थी ने संत रविदास जी के जीवन वृतांत का बखान करते हुए बताया कि रविदास जी द्वारा ज्ञान धारा का प्रचार करते हुए पाखंडवाद का विरोध किया गया व वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दिया गया I संत रविदास द्वारा एक ऐसे राज्य की कल्पना की गयी जिसमें सभी वर्ग के लोग समानता व प्रेम से निवास करें I उनके विचारों की शक्ति हम संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जी के विचारों में भी देख सकते हैं I यदि हम उनके जीवन आदर्शों का पालन करें तो देश में व्याप्त असमानता, अस्पृश्यता एवं अन्य कुरीतियों का निवारण संभव है I
सुभाष चंद्र कंखेरिया द्वारा संत रविदास के श्लोकों का स्मरण करते हुए बताया गया कि वह एक समाज के गुरु ना होकर पूरी मानवता के गुरु थे व उनकी ख्याति भारत में ही नहीं पूरे विश्व में विख्यात रही है I संत रविदास जी का कार्य न्यायसंगत और समतावादी समाज के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है I संत रविदास जी द्वारा अपने मन, कर्म, वचनों से समाज में फैली कुरीति स्वरुप जातिवाद, ऊँच-नीच के भेदभाव का खंडन किया गया I वक्ता द्वारा सभी श्रोताओं को रविदास जी को पढ़ने एवं उनके विचारों से आत्मसात होने का भी अनुरोध किया गया I
अंत में दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी श्री आर. के. मीना द्वारा धन्यवाद ज्ञापन तत्पश्चात राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
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