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पर्यटन की अपार संभावनाएं लिए प्राकृतिक सौन्दर्य से ओतप्रोत तीर्थन घाटी सड़क सुविधा से महरूम


  • ग्राम पंचायत नोहाण्डा के बाशिंदों को दशकों इंतजार करने के बाद भी नहीं मिल पा रही है सड़क सुविधा।
  • करीब एक वर्ष से बन्द पड़ा है 6 किलोमीटर लम्बी गुशैनी से तिंदर निर्माणाधीन सड़क का कार्य।
  • ग्रामीणों द्वारा मुख्यमंत्री संकल्प सेवा और विभाग से लगातार आग्रह करने के बावजूद भी मिले कोरे आश्वासन।
  • सड़क निर्माण कार्य में हो रही लेटलतीफी से लोगों में भारी रोष करेंगे धरना प्रदर्शन।

परस राम भारती

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया 

तीर्थन घाटी,गुशैनी बंजार।हिमाचल प्रदेश में जिला कुल्लू उपमण्डल बंजार की तीर्थन घाटी विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और ट्राउट मछली के लिए देश विदेश में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है।


प्राकृतिक सौन्दर्य से ओतप्रोत इस सुन्दर घाटी में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहाँ के सुदूर बसे छोटे छोटे गांवों को भी पर्यटन के लिए विकसित किये जाने की जरूरत है ताकि गांव स्तर पर भी लोग पर्यटन से अपनी आजीविका कमा सके। तीर्थन घाटी के अनछुए और अनदेखे स्थलों तक पर्यटकों की पहुंच बनाने के लिए सड़क, आवास, संचार जैसी कई सुविधाओं की जरूरत है। लेकिन घाटी के अधिकतर दूर दराज क्षेत्र आज भी कई मूलभूत सुविधाओं से महरूम है।



ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क का प्रवेश द्वार कही जाने वाली ग्राम पंचायत नोहाण्डा के कई दूर दराज गांव के लोग आज तक सड़क जैसी मुलभूत सुविधा के लिए तरस रहे है। बंजार ब्लॉक की अति दुर्गम ग्राम पंचायत नोहाण्डा अभी तक विकास से कोसों दूर है। यहां के लोग अच्छे रास्तों, सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी कई मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे है। नोहाण्डा के गांव खरुंगचा, डिंगचा, लझेरी, काउंचा, झनियार, तिंदर, रोपा और ब्रेलंगा के सैंकड़ों बाशिंदे दशकों से इन्तजार कर रहे हैं कि कब उनके गांव में भी परिवहन निगम की बस सेवा शुरू होगी। अभी तक यहां के लोगों की पीठ से बोझा नहीं उतर पा रहा है। दूर दराज गांव से स्कुली छात्रों को गुशैनी तक पहुंचने के लिए करीब 8 किलोमीटर तक सफर तय करना पड़ता है। जब गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो उसे मीलों पालकी में उठा कर सड़क मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है।




 


ग्राम पंचायत नोहाण्डा के लिए वर्ष 2018 में बंजार के विधायक सुरेन्द्र शौरी द्वारा 6 किलोमीटर लम्बी गुशैनी से तिंदर सड़क का भूमि पूजन किया गया था। इस समय तक सड़क के निर्माण कार्य की ट्रेस करीब 4 किलोमीटर दुर तिंदर गांव तक पहुंच चुकी है लेकिन यहां से आगे का निर्माण कार्य करीब एक वर्ष से बन्द पड़ा है। इस मार्ग पर अभी तक तिंदर गांव तक भी छोटे वाहन नहीं पहुंच पाए हैं। सड़क के कार्य में हो रही लेट लतीफी से ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। ग्रामीणों को खेद है कि दशकों इन्तजार करने के बाद भी उन्हें सड़क मार्ग का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस सड़क मार्ग का फायदा यहां के किसानों, बागवानों, स्कुली छात्रों के अलावा पर्यटकों को भी होगा जिस कारण ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क क्षेत्र तक पहुंच आसान होगी।


नोहाण्डा के स्थानीय लोगों ठाकुर पवन सूर्यवंशी, राम लाल, टेक राम, कमलेश, हेतराम,चरण चौहान, प्रेम सिंह, टिकम राम, भोपाल ठाकुर और ब्रिकम आदि का कहना है कि गुशैनी से तिंदर सड़क का निर्माण कार्य तिंदर गांव से आगे करीब एक वर्ष से बन्द पड़ा है। इस सम्बंध में ग्रामीणों द्वारा मुख्यमन्त्री संकल्प सेवा के अलावा निजी तौर पर विभागीय अधिकारियों से भी आग्रह किया गया लेकिन उन्हें अभी तक कोरे आश्वासन ही मिलते रहे कि आगे का कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा। लोगों का कहना है कि सड़क सुविधा न होने के कारण यहां के लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लोगों का कहना है कि अगर अब शीघ्रता से इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जाता है तो लोग धरना प्रदर्शन करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।


लोक निर्माण विभाग बंजार के सहायक अभियंता रोशन लाल ठाकुर का कहना है कि इस सड़क निर्माण के दौरान हुई एक दुर्घटना के कारण कार्य बन्द किया गया था। किसी विवाद के कारण कुछ स्थानीय लोगों ने सड़क निर्माण कार्य में आपत्ति जताई थी लेकिन अब फिर से इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। ठेकेदार को आदेश दिए गए हैं कि एक दो दिन के अन्दर ही मशीन को मौका पर पहुंचा कर कार्य शुरू करें।



तीर्थन घाटी के युवा ट्रैकिंग गाईड राज कुमार डोगरा का कहना है कि नेशनल पार्क से सटे हर छोटे छोटे गांवों की अपनी एक अलग ही पहचान और सुंदरता है। इनका कहना है कि अभी तक केवल युवा ट्रैकर पर्यटक ही गांव की सैर और यहां के सांस्कृतिक मेलों और त्यौहारों को देखने पहुंच रहे है। यदि ये गांव सड़क मार्ग से जुड़ते हैं तो आम पर्यटक भी आसानी से पहुँच कर यहां की सांस्कृतिक धरोहर से रूबरू हो सकते है।

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