एक माँ ने अपनी ननद नन्दोई और आशिक के साथ मिलकर कई बरस किया अपनी सगी बच्ची का शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण
- सत्रह साल की बच्ची ने अपनी माँ और उसके आशिक द्वारा जबरिया सिगरेट और शराब पीने ,टॉयलेट और कार में घंटो कैद रखने और घर से आधी रात में बेघर करने का लगाया आरोप
- महिला आयोग और बच्ची की शिकायत पर भी बहरी बनी हैं बादशाहपुर पुलिस , नहीं दर्ज कर रही एफआईआर
- बच्ची ने अपनी माँ के आशिक के साथ सम्बन्ध और अपने साथ मार पीट और शोषण के साझा किये पूरे सबूत
विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
गुरुग्राम, दिल्ली। आज जहां एक ओर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लेकर देश और हरियाणा की सरकार तरह तरह के कार्यक्रम और नारेबाजी करती हैं और लाखो करोडो का विज्ञापन करती हैं वही एक सत्रह साल की बच्ची की गुहार उसकी बादशाहपुर थाने की पुलिस को सुनाई और दिखाई नहीं पड़ रही हैं। जबकि बच्ची की गुहार पर महिला आयोग ने बाकायदा पुलिस को इसपर कार्रवाई करने का आदेश दिया हैं पर पुलिसिया जांच ना जाने कितनी गंभीर हैं कि बच्ची की फ़रियाद पर भारी पड़ रही हैं। अगर पुलिस ने इस मामले को इतना ही हलके में टालमटोल के साथ कार्रवाई करने की मंशा बनाकर आगे बढ़ने का निश्चय लिया हैं तो जाहिर सी बता हैं उसके पीछे उनकी अपनी कोई थ्योरी होगी जो खट्टर साहब के और अपने कड़े एक्शन के लिए मशहूर अनिल विज साहब के तमाम दावों को धता बताने के लिए काफी होगी और शायद यह बच्ची या कई अन्य बच्चिया जो इस जैसी मानसिक प्रताड़ना को झेल रही होगी वो अपने आप दम तोड़ देगी और उनकी आवाज हमेशा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के बैनर के नीचे दफ़न हो जायेगी।
यह पूरा मामला गुरुग्राम के बादशाहपुर पुलिस स्टेशन का हैं जहां एक बच्ची ने अपनी माँ के द्वारा आशिक के साथ मिलकर उसको जबरिया शराब , सिगरेट पीने को मजबूर करने के साथ साथ झारखंड के उस आशिक को जो उसके पिता की इवेंट कंपनी में एक कर्मचारी था और उसकी माँ के साथ लगातार अवैध अनैतिक संबंधो में लिप्त था और हमेशा उसके साथ छेड़छाड़ और मारा पीटी करता था जिसकी शिकायत जब बच्ची ने अपने पिता से की तो उसकी माँ ने खुद उनके पिता पर ही उलटे आरोप लगाए। बच्ची ने आरोप लगाते हुए बताया कि उसकी माँ और उसके आशिक ने कई बार उसको टॉयलेट में और कार में घंटो भर के लिए बंद कर छोड़ दिया और पेपर से पहले आधी रात को घर से बाहर निकाल दिया। अब उसके कब्जे में मेरा छोटा भाई हैं और अपने आशिक की शादी के बाद अब वो मेरे ही बुआ फूफा के साथ मिलकर मेरे पिता दादी सबको तंग करने पर उतारू हैं।
इन सब बताओ का साक्ष्य बच्ची ने महिला आयोग के सामने ना सिर्फ पेश किया बल्कि सब कुछ साझा किया उसके बाद पुलिस को इस पर कार्रवाई का आदेश तो हुआ पर नतीजा वही ढाक के तीन पात क्योकि यहाँ आकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा टूट जाता हैं क्योकि पुलिस की अपनी अलग थ्योरी हैं और वो वही बेहतर बता या समझा सकते हैं कि क्या वो इस बच्ची के बालिग़ होने का या उसके पूरी तरह से मानसिक बीमार होने का इन्तजार कर रहे हैं राम ही जाने।
बहरहाल बच्ची ने हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को एक पत्र लिखकर बादशाहपुर पुलिस की पूरी कहानी और अपने मॉं की काली करतूतों का कच्चा चिटठा खोलने का निश्चय किया हैं और वो इस समय अपनी दादी के पास खुद को महफूज महसूस तो कर रही हैं पर अपने छोटे भाई को लेकर बहुत चिंतित हैं।
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